लैक्चरर के पद भरे तो अब शिक्षकों के खाली हो गए


बीकानेर.राज्य की स्कूली शिक्षा में हाल ही में हुई 372 लैक्चरर की नियुक्तियों से शिक्षकों के 126 पद रिक्त हो गए हैं। कक्षा एक से 10वीं तक को पढ़ाने वाले इन शिक्षकों ने भी लैक्चरर बनने के लिए लिखित परीक्षा दी और चयनित हुए। स्पष्ट है कि शिक्षा विभाग में नई नियुक्तियां करने के बाद भी शिक्षकों की पूर्ति नहीं हो पा रही है। 
 
उच्च पदों पर नियुक्तियां होने से नीचे के पद खाली हो जाते हैं। माशि विभाग में सोमवार को रसायन विज्ञान, अंग्रेजी, भौतिक विज्ञान, गणित, जीव विज्ञान के 286 लैक्चरर को नियुक्तियां दी गई हैं। इनमें 82 शिक्षक पहले से ही द्वितीय और तृतीय श्रेणी के पदों पर कार्यरत हैं। 
 
इन शिक्षकों के लैक्चरर के पदों पर कार्यग्रहण करने के बाद द्वितीय व तृतीय श्रेणी के यह पद रिक्त हो जाएंगे। इससे पूर्व नौ अगस्त को 118 भौतिक विज्ञान लैक्चरर की नियुक्तियों से 23 और 31 अगस्त को 72 जीव विज्ञान लैक्चरर की नियुक्तियों से शिक्षकों के 21 पद रिक्त हो चुके हैं। 
 
शिक्षा विभाग को अब इन रिक्त पदों को भरने की कवायद करनी होगी। राज्य में सैकड़ों ऐसे आशार्थी होते हैं जो व्याख्याता, द्वितीय और तृतीय श्रेणी तीनों में चयनित होते हैं। पहले नियुक्ति मिलने वाले पद पर कार्यग्रहण कर लेते हैं। सरकार ने पहले तृतीय श्रेणी फिर द्वितीय और अब लैक्चरर के पदों पर नियुक्तियां दी हैं। 
 
पहले लैक्चरर फिर द्वितीय और उसके बाद तृतीय श्रेणी की नियुक्तियां होती तो लैक्चरर पद पर चयनित निचले पदों पर कार्यग्रहण नहीं करते। द्वितीय व तृतीय श्रेणी में रिक्त रहने वाले पदों पर रिजर्व लिस्ट से नियुक्तियां मिलती।
 
'शिक्षा विभाग को प्रोटोकॉल से पद भरने का निर्णय लेना चाहिए। पहले व्याख्याता फिर एक माह बाद द्वितीय श्रेणी और इसके एक माह बाद तृतीय श्रेणी अध्यापकों को नियुक्तियां देने का नियम बनाना चाहिए। ताकि रिक्त पद समय पर भरते रहें।'
 
महेन्द्र पांडे, महामंत्री, राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ

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