पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा शिक्षक भर्ती बोर्ड को आदेश दिया है कि आचार्य डिग्री धारकों को भी मामले के निपटारे तक पीजीटी संस्कृत के लिए योग्य माना जाए। हाईकोर्ट ने यह फैसला पानीपत निवासी अनंत राम द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया। याचिकाकर्ता वकील जगबीर मलिक ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता ने हरियाणा सरकार द्वारा पीजीटी टीचरों के लिए मांगे गए आवेदन पर संस्कृत पीजीटी के लिए आवेदन किया था। याचिकाकर्ता ने लाल बहादुर संस्कृत अकादमी से आचार्य की डिग्री ली है। यह अकादमी केंद्र सरकार द्वारा संचालित है। केंद्र द्वारा जारी अधिसूचना के तहत इस अकादमी द्वारा जारी प्रमाण पत्र सभी सरकारी नौकरी में मान्य होंगे। इतना ही नहीं हरियाणा सरकार ने भी इस अकादमी द्वारा जारी डिग्री को मान्यता दी हुई है। अकादमी संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए काम करती है। अकादमी शास्त्री, शिक्षा शास्त्री और व आचार्य पाठ्यक्रम की डिग्री प्रदान करती है, जो क्रमश: बीए, बीएड व एमए के बराबर है। इस बाबत केंद्र ने अधिसूचना भी जारी की हुई है। देशभर के हजारो छात्र प्रतियोगिता परीक्षा पास कर इस संस्थान में प्रवेश लेते हैं। याचिकाकर्ता ने भी कड़ी मेहनत से यह परीक्षा पास कर पाठ्यक्रम किया। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि उसने आवेदन किया तो उसे स्वीकार कर लिया गया, लेकिन साक्षात्कार कमेटी ने साक्षात्कार लेने से इन्कार करते हुए कहा कि उसने एमए की परीक्षा पास नहीं की है। उसने बताया कि आचार्य की डिग्री एमए के समकक्ष है, लेकिन साक्षात्कार बोर्ड ने उसकी एक नहीं सुनी
आचार्य की डिग्री वालों का भी होगा साक्षात्कार
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा शिक्षक भर्ती बोर्ड को आदेश दिया है कि आचार्य डिग्री धारकों को भी मामले के निपटारे तक पीजीटी संस्कृत के लिए योग्य माना जाए। हाईकोर्ट ने यह फैसला पानीपत निवासी अनंत राम द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया। याचिकाकर्ता वकील जगबीर मलिक ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता ने हरियाणा सरकार द्वारा पीजीटी टीचरों के लिए मांगे गए आवेदन पर संस्कृत पीजीटी के लिए आवेदन किया था। याचिकाकर्ता ने लाल बहादुर संस्कृत अकादमी से आचार्य की डिग्री ली है। यह अकादमी केंद्र सरकार द्वारा संचालित है। केंद्र द्वारा जारी अधिसूचना के तहत इस अकादमी द्वारा जारी प्रमाण पत्र सभी सरकारी नौकरी में मान्य होंगे। इतना ही नहीं हरियाणा सरकार ने भी इस अकादमी द्वारा जारी डिग्री को मान्यता दी हुई है। अकादमी संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए काम करती है। अकादमी शास्त्री, शिक्षा शास्त्री और व आचार्य पाठ्यक्रम की डिग्री प्रदान करती है, जो क्रमश: बीए, बीएड व एमए के बराबर है। इस बाबत केंद्र ने अधिसूचना भी जारी की हुई है। देशभर के हजारो छात्र प्रतियोगिता परीक्षा पास कर इस संस्थान में प्रवेश लेते हैं। याचिकाकर्ता ने भी कड़ी मेहनत से यह परीक्षा पास कर पाठ्यक्रम किया। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि उसने आवेदन किया तो उसे स्वीकार कर लिया गया, लेकिन साक्षात्कार कमेटी ने साक्षात्कार लेने से इन्कार करते हुए कहा कि उसने एमए की परीक्षा पास नहीं की है। उसने बताया कि आचार्य की डिग्री एमए के समकक्ष है, लेकिन साक्षात्कार बोर्ड ने उसकी एक नहीं सुनी
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