शारीरिक शिक्षा विषय को लेकर प्रोपोजल से हड़कम्प

 शिक्षा विभाग के तहत संचालित सरकारी स्कूलों में शारीरिक शिक्षा विषय को लेकर निदेशालय द्वारा भेजा गया प्रोपोजल अभी तक किसी के गले नहीं उतर रहा। शारीरिक विषय को बंद किया जाएगा
या फिर इसके लिए सीनियर सैकेंडरी स्कूलों में अलग व मिडल स्कूलों में बटवारा कर दिया जाएगा, अभी तक साफ नहीं है लेकिन विभाग में प्रोपोजल से ही हड़कम्प मचा हुआ है।


मौखिक आदेश पर हो चुका है बवाल
पिछले दिनों खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा प्राचार्यों व मुख्य अध्यापकों की एक बैठक बुलाई गई जिसमें उन्हें बताया गया कि शारीरिक शिक्षा विषय को बंद करने का आदेश हुआ है जिसको लेकर शारीरिक शिक्षकों ने न केवल रोष प्रकट किया बल्कि आंदोलन तक चलाने की धमकी दे डाली। शिक्षकों का कहना है कि इस सारे मामले में कोई बड़ा गोलमाल सम्भव हो सकता  है। अधिकारियों को भेजे ज्ञापन जिला भिवानी शारीरिक शिक्षक संघ द्वारा खंड शिक्षा अधिकारी की बैठक में की गई कार्रवाई की नाराजगी के चलते जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से शिक्षा विभाग के कमिश्नर को एक ज्ञापन भी भेजा जिसमें विस्तार से अपना पक्ष रखकर रोष प्रकट किया गया।


शारीरिक शिक्षकों की लम्बे समय से हैं कई मांगें
शारीरिक शिक्षकों ने विभाग के सामने अपनी मांगें रखी हुई हैं कि विषय को छठी कक्षा से 12वीं कक्षा तक अनिवार्य किया जाए, पी.टी.आई. का छठे वेतन आयोग का बचा हुआ एरियर याचिकाकत्र्ता को दिया जाए और इसे सार्वजनिक भी किया जाए, डी.पी.ई. का पद जो सीनियर सैकेंडरी विभाग में आता है, इसका वेतन माध्यमिक विभाग से निकाला जा रहा है। शारीरिक शिक्षकों का कहना है कि डी.पी.ई. का वेतन सीनियर सैकेंडरी विभाग के कर्मचारियों के साथ निकाला जाए

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