नई दिल्ली : अब सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ाने वाले अध्यापकों व काम करने वाले कर्मचारी भी पेंशन सुविधा का लाभ प्राप्त कर सकेंगे। दिल्ली उच्च न्यायालय के जस्टिस सुरेश कैत ने इस संबंध में दायर की गई एक याचिका का निपटारा करते हुए दिल्ली सरकार व शिक्षा निदेशालय को निर्देश जारी किए हैं कि वह जल्द से जल्द नई पेंशन स्कीम को सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में लागू करे। उच्च न्यायालय ने सरकार को कहा कि वह आगामी छह माह के भीतर इस संबंध में नई दिशा-निर्देश तय करते हुए पेंशन स्कीम का लाभ अध्यापकों को देने की व्यवस्था करे। सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल अध्यापक एसोसिएशन के कार्यकारी सदस्य राकेश कुमार व राजीव मित्तल ने अपने अधिवक्ता परविंदर चौहान के माध्यम से दिल्ली सरकार व शिक्षा निदेशालय के खिलाफ एक याचिका उच्च न्यायालय में दायर की थी। अपनी याचिका में उनका कहना था कि वर्ष 2004 से सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ाने वाले अध्यापकों व काम करने वाले कर्मचारियों के लिए नई पेंशन स्कीम प्रणाली शुरू करने की घोषणा की गई थी। जिसमें तय किया गया था कि इन स्कूलों में काम करने वाले अध्यापकों व कर्मचारियों के वेतन का 10 प्रतिशत हिस्सा काट कर उसे एक अकाउंट में जमा किया जाएगा। प्रतिमाह उस अकाउंट में उतनी ही राशि दिल्ली सरकार जमा करेगी। यह राशि कर्मचारी को उसकी सेवानिवृति पर पेंशन के रूप में दी जाएगी। इस स्कीम को सरकारी स्कूलों में तो लागू कर दिया गया, मगर सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में इसे शुरू नहीं किया गया। लिहाजा, दिल्ली सरकार को निर्देश जारी किया जाए कि वह इस स्कीम को सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में भी लागू करे
सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल के अध्यापकों को भी मिलेगी पेंशन
नई दिल्ली : अब सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ाने वाले अध्यापकों व काम करने वाले कर्मचारी भी पेंशन सुविधा का लाभ प्राप्त कर सकेंगे। दिल्ली उच्च न्यायालय के जस्टिस सुरेश कैत ने इस संबंध में दायर की गई एक याचिका का निपटारा करते हुए दिल्ली सरकार व शिक्षा निदेशालय को निर्देश जारी किए हैं कि वह जल्द से जल्द नई पेंशन स्कीम को सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में लागू करे। उच्च न्यायालय ने सरकार को कहा कि वह आगामी छह माह के भीतर इस संबंध में नई दिशा-निर्देश तय करते हुए पेंशन स्कीम का लाभ अध्यापकों को देने की व्यवस्था करे। सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल अध्यापक एसोसिएशन के कार्यकारी सदस्य राकेश कुमार व राजीव मित्तल ने अपने अधिवक्ता परविंदर चौहान के माध्यम से दिल्ली सरकार व शिक्षा निदेशालय के खिलाफ एक याचिका उच्च न्यायालय में दायर की थी। अपनी याचिका में उनका कहना था कि वर्ष 2004 से सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ाने वाले अध्यापकों व काम करने वाले कर्मचारियों के लिए नई पेंशन स्कीम प्रणाली शुरू करने की घोषणा की गई थी। जिसमें तय किया गया था कि इन स्कूलों में काम करने वाले अध्यापकों व कर्मचारियों के वेतन का 10 प्रतिशत हिस्सा काट कर उसे एक अकाउंट में जमा किया जाएगा। प्रतिमाह उस अकाउंट में उतनी ही राशि दिल्ली सरकार जमा करेगी। यह राशि कर्मचारी को उसकी सेवानिवृति पर पेंशन के रूप में दी जाएगी। इस स्कीम को सरकारी स्कूलों में तो लागू कर दिया गया, मगर सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में इसे शुरू नहीं किया गया। लिहाजा, दिल्ली सरकार को निर्देश जारी किया जाए कि वह इस स्कीम को सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में भी लागू करे
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