सरकारी स्कूलों में पहली से १२वीं कक्षा तक पढऩे वाले अनुसूचित जाति व पिछड़ा वर्ग के छात्रों से किसी भी तरह का परीक्षा शुल्क नहीं लिया जाएगा। यह फैसला मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा की अध्यक्षता में हुई शिक्षा विभाग की बैठक में लिया गया। हुड्डा ने वित्त विभाग को हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड को परीक्षा शुल्क के रूप में मिलने वाली रकम की प्रतिपूर्ति करने के निर्देश दिए। यह रकम करीब 34.40 करोड़ रुपए बनती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) को प्रभावी ढंग से लागू किया गया है। अब अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग के छात्रों से किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जाएगा ताकि कोई बच्चा पैसे के अभाव में शिक्षा से वंचित न रहे। शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने बताया कि आरटीई के प्रावधान प्रभावी रूप से लागू करने वाला हरियाणा अग्रणी राज्य है। गौरतलब है कि वर्ष 2008-09 से पहले अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग के छात्रों के परीक्षा शुल्क की प्रतिपूर्ति अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग करता था। |
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