ग्रेड थर्ड शिक्षक भर्ती:हाईकोर्ट का आदेश, 'मेरिट के आधार पर दें नियुक्ति'++++हाईकोर्ट ने दागा सवाल, 'क्यों न रद्द कर दी जाए RTET 2012' +++PTI bharti mamla




जयपुर.हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती मामले में सरकार को निर्देश दिया कि वह प्रदेश में अभ्यर्थी की मेरिट के आधार पर उन्हें नियुक्ति दे। न्यायाधीश एमएन भंडारी ने यह आदेश सरफराज की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया। कोर्ट ने कहा कि यह आदेश पूरे राज्य में प्रभावी होगा, लेकिन विधवा, तलाकशुदा व विकलांगों पर लागू नहीं होगा। अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया कि सरफराज ने अजमेर जिले से तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में विज्ञान विषय से भाग लिया। नियुक्तिके लिए पीसांगन को वरीयता दी गई। मेरिट में उसका स्थान 29 था, लेकिन उससे कम अंक वालों को पीसांगन में नियुक्तिदे दी गई। इसे याचिका में चुनौती देते हुए कहा कि कुछ अभ्यर्थियों ने अपने प्रभाव से अपनी मनचाही जगह पर नियुक्ति प्राप्त की, जबकि उनकी मेरिट कम है। इससे अधिक मेरिट वाले अभ्यर्थियों को उनकी वरीयतानुसार जगह पर नियुक्तिनहीं मिल पा रही, लिहाजा मेरिट के आधार पर ही नियुक्ति दी जाए। अदालत ने दलीलों से सहमत होकर सरकार को पूरे प्रदेश में मेरिट के आधार पर ही अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का निर्देश दिया।
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हाईकोर्ट ने दागा सवाल, 'क्यों न रद्द कर दी जाए RTET 2012'



जयपुर.हाई कोर्ट ने आरटेट-2012 की परीक्षा से पहले ही बाजार में पेपर बिकने व अनियमितता के मामले में प्रमुख शिक्षा सचिव, पंचायतीराज सचिव व आरटेट समन्वयक को नोटिस जारी किए। अदालत ने इनसे पूछा कि क्यों न आरटेट-2012 को रद्द कर दिया जाए। न्यायाधीश एम.एन. भंडारी ने यह अंतरिम आदेश गुरुवार को कुलदीप सिंह राजपूत व अन्य की याचिका पर दिया।
अदालत ने निर्देश दिया कि परीक्षा का परिणाम याचिका के निर्णय के अधीन रहेगा। अधिवक्ता आरपी सैनी ने बताया कि आरटेट-2012 की विज्ञप्ति 10 जून को जारी हुई और परीक्षा 9 सितंबर को हुई, लेकिन परीक्षा के दिन ही मेड़ता सिटी में 200 रुपए में पेपर बिके। पुलिस ने इसकी रिपोर्ट दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार किया।
याचिका में कहा कि परीक्षा से पहले जोधपुर, झुंझुनूं और अन्य जगह पर पेपर लीक हुए थे। परीक्षा के अंक तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में जोड़े जाते हैं ऐसे में परिणाम उन अभ्यर्थियों के अधिक अंक आएंगे, जिन्होंने परीक्षा से पहले ही पेपर देख लिया था।
यह अनियमितता अन्य अभ्यर्थियों के परिणाम को प्रभावित करेगी। लिहाजा परीक्षा को रद्द कर दुबारा कराया जाए। पूर्व में रोडवेज में हुई भर्तियों में धांधली के मामले में भी परीक्षा नए सिरे से कराई थी। अदालत ने याचिका पर सुनवाई कर सरकार से जवाब मांगा।
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