हरियाणा पुलिस के टेलीकाम एसपी पंकज नैन ने हाईकोर्ट में बुधवार को पेश होकर बताया कि हरियाणा पुलिस हटाए गए 84 बर्खास्त सिपाहियों में से उन 45 पुलिस कर्मियों को नियुक्ति दे रही है जिन्होने हाईकोर्ट में अपनी बर्खास्तगी के आदेश को चुनौती दी थी। नैन ने कोर्ट को बताया कि बृहस्पतिवार को सभी याचिकाकर्ता को पंचकूला पुलिस लाइन में बुलाया गया है और उनको नियुक्ति दे दी जाएगी। पुलिस के इस जवाब पर कोर्ट ने अवमानना याचिका का निपटारा कर दिया। इस मामले में सोमवार को हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि वह अगर बुधवार तक 2005 में हटाए गए बर्खास्त सिपाहियों की बेल्ट नम्बर व नियुक्ति न दे पाए तो बुधवार को डीजीपी कोर्ट की अवमानना के दोषी होंगे और बुधवार को स्वयं पेश होकर जवाब देगे। ये था मामला : चौटाला शासन काल में 25 जुलाई 2004 को हरियाणा सरकार ने एक विज्ञापन जारी कर हरियाणा पुलिस की टेलीकम्यूनिकेशन विंग में 84 सिपाहियों (आपरेटर) के पद की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की थी। सत्ता परिवर्तन के बाद 29 जून 2005 को हरियाणा सरकार ने एक आदेश जारी कर इन सभी सिपाहियों की बर्खास्तगी कर दी। हरियाणा सरकार ने हटाने के पीछे तर्क दिया था कि विधानसभा ने औधोगिक सुरक्षा बल एक्ट को रद कर दिया है। इस बीच सितंबर 2009 में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की डिविजन बैंच व सुप्रीम कोर्ट ने हुड्डा सरकार द्वारा औद्योगिक सुरक्षा बल के हटाए गए 43 सब इंस्पेक्टरों को बहाल करने के आदेश दिए
45 बर्खास्त पुलिसकर्मियों को आज नियुक्ति
हरियाणा पुलिस के टेलीकाम एसपी पंकज नैन ने हाईकोर्ट में बुधवार को पेश होकर बताया कि हरियाणा पुलिस हटाए गए 84 बर्खास्त सिपाहियों में से उन 45 पुलिस कर्मियों को नियुक्ति दे रही है जिन्होने हाईकोर्ट में अपनी बर्खास्तगी के आदेश को चुनौती दी थी। नैन ने कोर्ट को बताया कि बृहस्पतिवार को सभी याचिकाकर्ता को पंचकूला पुलिस लाइन में बुलाया गया है और उनको नियुक्ति दे दी जाएगी। पुलिस के इस जवाब पर कोर्ट ने अवमानना याचिका का निपटारा कर दिया। इस मामले में सोमवार को हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि वह अगर बुधवार तक 2005 में हटाए गए बर्खास्त सिपाहियों की बेल्ट नम्बर व नियुक्ति न दे पाए तो बुधवार को डीजीपी कोर्ट की अवमानना के दोषी होंगे और बुधवार को स्वयं पेश होकर जवाब देगे। ये था मामला : चौटाला शासन काल में 25 जुलाई 2004 को हरियाणा सरकार ने एक विज्ञापन जारी कर हरियाणा पुलिस की टेलीकम्यूनिकेशन विंग में 84 सिपाहियों (आपरेटर) के पद की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की थी। सत्ता परिवर्तन के बाद 29 जून 2005 को हरियाणा सरकार ने एक आदेश जारी कर इन सभी सिपाहियों की बर्खास्तगी कर दी। हरियाणा सरकार ने हटाने के पीछे तर्क दिया था कि विधानसभा ने औधोगिक सुरक्षा बल एक्ट को रद कर दिया है। इस बीच सितंबर 2009 में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की डिविजन बैंच व सुप्रीम कोर्ट ने हुड्डा सरकार द्वारा औद्योगिक सुरक्षा बल के हटाए गए 43 सब इंस्पेक्टरों को बहाल करने के आदेश दिए