गरीबों की शिक्षा पर नई जंग शुरू ,,,,,,,,कोर्ट के आदेशों की अवहेलना : हुड्डा


स्कूल संचालकों और जन आंदोलन चलाने वालों के ईडब्ल्यूएस- इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन पर मत अलग-अलग

एक्सपर्ट व्यू . स्पेशल विधेयक ला सकती है सरकार

बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट उमेद सिंह अहलावत ने कहा कि सरकार विधानसभा में स्पेशल विधेयक लाकर 25 फीसदी की जगह दस फीसदी का कानून लागू कर हरियाणा एजुकेशन एक्ट-2003 की धारा 134ए में संशोधन कर सकती है।

७ क्यों, सात लाख क्यों नहीं : स्कूल संचालक

निजी स्कूल संचालकों के प्रदेश कन्वीनर बिजेंद्र मान व हरियाणा प्राइवेट एसोसिएशन के अध्यक्ष कृष्ण नारंग ने पूछा कि हाईकोर्ट में जमा दो आंदोलन वाले सात हजार की लिस्ट क्यों पेश करने जा रहे हैं, 16 जिलों की सात लाख बच्चों की लिस्ट क्यों नहीं। प्रदेश में आज भी 90 फीसदी ऐसे लोग हैं जिनकी आय दो लाख रुपए से कम है। हाईकोर्ट को गुमराह किया गया है, कोर्ट ने सरकार से कहा है कि हमने बीपीएल को डिफाइन नहीं किया जबकि शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2-1(एफ) में ईडब्ल्यूएस यानी इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन को डिफाइन कर नवीनतम बीपीएल की लिस्ट को शामिल किया गया है। इसलिए बीपीएल कार्ड धारक को ही आर्थिक कमजोर मानकर इसे वीकर सेक्शन में शामिल करने की मांग की है।

कोर्ट के आदेशों की अवहेलना : हुड्डा

दो जमा पांच जन आंदोलन के अध्यक्ष सतबीर हुड्डा ने कहा कि सात नवंबर को हाईकोर्ट के समक्ष प्रदेश के 16 जिलों के आर्थिक रूप से कमजोर सात हजार बच्चों की लिस्ट पेश की जाएगी। यह वो सात हजार बच्चे हैं जिनके मां बाप की आमदनी दो लाख रुपए तक है इसे आर्थिक पिछड़ा वर्ग का नाम दिया गया है। हाईकोर्ट ने 23 मार्च 2012 को निजी स्कूल संचालकों की सभी याचिकाएं खारिज कर जस्टिस एमएम कुमार ने आदेश दिए कि हरियाणा का यह कानून सभी स्कूलों में लागू होगा और 25 फीसदी आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को स्कूलों में पढ़ाना अनिवार्य होगा। इसलिए यह रेशो अब 25 फीसदी की जगह दस फीसदी नहीं हो सकता क्योंकि यह कोर्ट के आदेशों की अवहेलना है। सीएम ऐसा कर ही नहीं कर सकते।

16 जिलों की लिस्ट तैयार : हरियाणा एजुेकशन एक्ट-2003 की धारा 134 ए के तहत दो जमा पांच आंदोलन के पदाधिकारियों ने सात नवंबर को हाईकोर्ट में पेश करने के लिए सात हजार लोगों की 16 जिलों में लिस्ट तैयार की है। इनमे रोहतक, पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, पंचकूला, फरीदाबाद, गुडग़ांव, पलवल, भिवानी, हिसार, महेंद्रगढ़, यमुनानगर, झज्जर, सोनीपत, जींद शामिल है।

संदीप साहिल त्न पानीपत

निजी स्कूल संचालकों और हरियाणा एजुकेशन एक्ट-2003 की धारा 134 ए के तहत 25 फीसदी आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों की वकालत कर रहे जन आंदोलन के प्रतिनिधियों में वाकयुद्ध छिड़ गया है। दो जमा पांच जनआंदोलन के प्रतिनिधि सात नवंबर को आर्थिक रूप से कमजोर सात हजार बच्चों की लिस्ट हाईकोर्ट में पेश करने जा रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने धारा-134ए के तहत आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को 25 की जगह दस फीसदी की मांग पर पुनर्विचार करने की बात कहकर स्कूल संचालकों में नई जान फूंक दी है। सीएम के पुनर्विचार के कारण दोनों पक्ष अपनी अपनी बात को सही बता रहे हैं। 

See Also

Education News Haryana topic wise detail.