मदुरैत्न पति अगर बेरोजगार हो तब भी उसे पत्नी को गुजारा भत्ता देना चाहिए। गरीबी का बहाना बनाकर वह इस जिम्मेदारी से बच नहीं सकता। मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने मंगलवार को एक मामले की सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की है। जस्टिस जी. राजासूरिया ने कहा, 'पति को पत्नी का ध्यान रखना ही होगा, भले ही वह बेरोजगार हो। एक स्वस्थ पति से खुद और उस पर निर्भर व्यक्तियों की देखभाल के लिए काम करने की उम्मीद की जाती है।' कोर्ट ने इसके साथ ही एक व्यक्ति (पति) द्वारा दायर पुनरीक्षण याचिका खारिज कर दी।
अदालत ने याचिकाकर्ता को आदेश दिया कि वह बतौर अदालती खर्च पत्नी को तीन हजार रुपए भी दे। हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट को भी निर्देश दिया कि वह तलाक का यह मामला तीन माह में निपटाए। मामला 2007 से लंबित है। याचिका में फैमिली कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी। फैसले में पति को हर माह दो हजार रुपए अंतरिम गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया गया था।
मद्रास हाईकोर्ट ने दी व्यवस्था