दिल्ली कैबिनेट ने दी प्रस्ताव को मंजूरी,
सेवानिवृत्ति के बाद रखे गए शिक्षकों को सरकारी आवास की अनुमति !
पंजाबी शिक्षकों के वेतन वृद्धि पर आभार जताया
भाषा अकादमियों के शिक्षकों के वेतन में वृद्धि
दिल्ली कैबिनेट ने दी प्रस्ताव को मंजूरी,
सेवानिवृत्ति के बाद रखे गए शिक्षकों को सरकारी आवास की अनुमति नई दिल्ली। सरकारी स्कूलों में पंजाबी पढ़ाने वाले शिक्षकों के वेतन में बढ़ोत्तरी करने के फैसले का स्वागत करते हुए शिरोमणि अकाली दल दिल्ली-यू.के. के प्रधान जसजीत सिंह ने कहा है कि इससें पंजाबी अध्यापकों के मनोबल में वृद्धि होगी। मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने पंजाबी समुदाय के प्रति अपनी सहृदयता एक बार फिर प्रकट की है। उन्होंने कहा कि र्शीमती दीक्षित द्वारा दिल्ली में पंजाबी भाषा के विकास के लिए पहले भी अनेक कदम उठाए जा चुके हैं, जिसमें पंजाबी भाषा को दूसरी भाषा का दर्जा प्रदान करना व पंजाबी के प्रचार-प्रसार के लिए सरकारी स्कूलों में विशेष प्रबंध करवाना प्रमुख है। अब मुख्यमंत्री ने पंजाबी के टी.जी.टी. व पी.जी.टी. अध्यापकों में वेतन में बढ़ोत्तरी करके सराहनीय कदम उठाया है। उन्होंने आशा प्रकट की कि भविष्य में भी र्शीमती दीक्षित पंजाबी बोली तथा पंजाबी विरासत के प्रचार के लिए इसी प्रकार योगदान देती रहेंगी। नई दिल्ली
दिल्ली कैबिनेट ने सरकारी स्कूलों में भाषा अकादमियों द्वारा तैनात किए गए उर्दू, संस्कृत, पंजाबी शिक्षकों के मासिक पार्शिमिक में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। मंत्रिमंडल ने सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन पा रहे फिर से काम पर लिए गए शिक्षकों को सरकारी आवास रखने की अनुमति दे दी है। मुख्यमंत्री र्शीमती शीला दीक्षित की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में ये निर्णय लिए गए।
कैबिनेट की बैठक के बाद संवाददाताओं को जानकारी देते हुए र्शीमती दीक्षित ने बताया कि दिल्ली सरकार ने भाषा अकादमियों से उर्दू, पंजाबी और संस्कृत शिक्षक शिक्षा निदेशालय के अंतर्गत स्कूलों में तैनात किए थे। इन शिक्षकों को भाषा विकास कार्यक्रम के अंतर्गत लगाया गया था। पहले इन शिक्षकों को खाली स्वीकृत पदों पर अंशकालिक तौर पर लगाया गया जबकि बाद में 2008 में उन्हें पूर्णकालिक कर दिया गया था। इन शिक्षकों की एकमुश्त मासिक राशि जुलाई, 2002, अप्रैल, 2005 और अप्रैल, 2007 में अंशकालिक रहते हुए बढ़ाई गई थी। उन्हें खाली स्वीकृत पदों पर पूर्णकालिक रूप से तैनात करते समय भी उनकी एकमुश्त राशि जुलाई, 2008 में बढ़ाई गई। इन शिक्षकों की नई एकमुश्त राशि पीजीटी पद पर काम कर रहे शिक्षकों के लिए 13,160 रुपये रखी गई थी जिसे अब बढ़ाकर 23,265 रुपये किया गया है। इसी प्रकार टीजीटी पद पर काम कर रहे ऐसे शिक्षकों की एकमुश्त राशि पहले 11,140 रुपये तय की गई थी जिसे अब बढ़ाकर 22,935 रुपये किया गया है। नई दरें तुरंत प्रभाव से लागू होंगी। इससे 282 भाषा शिक्षकों की एकमुश्त पार्शिमिक राशि बढ़कर दोगुना से ज्यादा हो जाएगी। इस फैसले से अध्यापकों को राहत मिलेगी। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि कैबिनेट ने सेवानिवृत्त होने के बाद तुरन्त शिक्षकों को दो वर्ष के लिए फिर काम पर लगाया था। सेवानिवृत्त होने की वजह से उन्हें पेंशन भी मिल रही है। अब कैबिनेट ने फैसला किया है कि ऐसे शिक्षकों के पास अगर सरकारी आवास होगा तो वे उसे तब तक रख सकेंगे जब तक वह विस्तारित कार्यकाल में काम करेंगे। यह फैसला पीजीटी स्तर के शिक्षकों वाइस प्रिंसिपल और प्रिंसिपलों पर लागू होगा
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