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कई लोगों को आईं चोटें, कर्मचारी नेताओं को गिरफ्तार कर अज्ञात स्थान पर भेजा
कैथल। पिछले 60 दिनों से कैथल में आंदोलनरत मारुति से निकाले गए कर्मचारियों को पुलिस ने रविवार शाम लाठीचार्ज करते हुए कुरुक्षेत्र रोड बाईपास चौक के पास से खदेड़ दिया। पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए पानी की बौछारें कीं और आंदोलनकारी महिलाओं एवं कर्मचारी नेताओं पर लाठियां बरसाईं। बाद में प्रमुख कर्मचारी नेताओं को गिरफ्तार करके अज्ञात स्थान की ओर ले गई। इससे पूर्व भी शनिवार आधी रात को लघु सचिवालय में धरना दे रहे कर्मचारियों को बल प्रयोग करते हुए खदेड़ दिया और करीब 50 से ज्यादा कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया। समाचार लिखे जाने तक पुलिस आवश्यक कार्रवाई में जुटी हुई थी। प्रशासन की ओर से धारा 144 लागू किए जाने बावजूद कर्मचारियों और पुलिस में लुका-छिपी का खेल चलता रहा। रविवार सुबह लघु सचिवालय, करनाल रोड सहित शहर में प्रवेश मार्गों पर भारी पुलिस बल तैनात था। धारा 144 लगे होने के बावजूद प्रशासन बेबस नजर आया।
प्रशासन की सारी रणनीति को फेल करते हुए कर्मचारी गांव प्यौदा में एकत्रित हुए। इस दौरान पुलिस-प्रशासन कर्मचारियों की टोह लेता हुआ दिखाई दिया। करीब एकबजे 60 से 70 गाड़ियों में प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने करीब एक हजार से अधिक कर्मचारी गांव प्यौदा से शहर की ओर कूच किया। वहां ढयोडखेड़ी मार्ग से जींद रोड बाईपास पर पहुंचे। इसके बाद गाड़ियाें से उतर कर पैदल ही राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 65 की ओर कूच कर दिया। कर्मचारियों ने इस दौरान जमकर प्रदर्शन किया।
विभिन्न संगठन सदस्य अपने परिजनों के साथ, जिसमें महिलाएं और युवतियां भी शामिल थीं, प्रदर्शन करते हुए करनाल रोड बाईपास चौक को क्रॉस करते हुए ढांड रोड बाईपास चौक पहुंचे। जहां करीब दो बजे कुरुक्षेत्र मार्ग पुलिस बल ने बेरिकेड से उन्हें राक लिया। करीब चार घंटे तक एक तरफ कर्मचारी तो दूसरी ओर पुलिस डटी रही।
लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। पुलिस का नेतृत्व एसडीएम नर सिंह बांगड़, ड्यूटी मजिस्ट्रेट नायब तहसीलदार जयभगवान शर्मा, डीडीपीओ राजेश खौथ, पुलिस उपाधीक्षक सुरेंद्र भौरिया कर रहे थे।
लोगों ने पुलिस पर किया पथराव
करीब छह बजे तक कर्मचारियों और अधिकारियों में कई दौर की बातचीत हुई। इसमें कर्मचारी शनिवार रात हिरासत में लिए गए कर्मचारियों को छोड़ने की जिद पर अड़े रहे। कर्मचारियों की ओर से बेरिकेड हटाने का प्रयास करते ही पुलिस ने लाठीचार्ज करते हुए कर्मचारियों को खदेड़ दिया। इस दौरान पत्थर लगने से फायर ब्रिगेड की गाड़ी का शीशा टूट गया। कई कर्मचारियों पर जमकर लाठियां बरसाईं। पुलिस ने कामरेड प्रेमचंद, शकुंतला, रामनिवास सहित कर्मचारी नेताओं को हिरासत में ले लिया। उन्हें अज्ञात स्थान पर ले गए। पुलिस ने आंसू गैस का एक गोला भी छोड़ा और कर्मचारियों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें कीं। पुलिस ने भागते हुए प्रदर्शनकारियोें को हिरासत में ले लिया। प्रदर्शनकारियों की ओर से भी पुलिस पर पथराव किया गया।
कैथल में 60 दिनों से धरना दे रहे मारुति से निकाले गए कर्मचारियों ने रविवार को कैथल में लोकनिर्माण मंत्री रणदीप सुरजेवाला के आवास का घेराव करने का ऐलान किया था। इसके चलते प्रशासन की ओर से शनिवार शाम पांच बजे ही धारा 144 लागू कर दी थी। इसके बाद दूसरे जिलों से भारी पुलिस बुलाकर लघु सचिवालय में तैनात किया गया था।
•महिलाओं और कर्मचारी नेताओं को भी नहीं छोड़ा
•चार घंटे तक कैथल-कुरुक्षेत्र मार्ग पर जाम
•धारा 144 की धज्जियां उड़ीं, प्रशासन फेल
•रात को भी बारह बजे खदेड़ा लघु सचिवालय से
•आंदोलनकारी कर्मचारियों पर पानी की बौच्छार करते पुलिसकर्मी।
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