नई दिल्ली। अब किताबों में मौजूद बोझिल व भारी सूचनाओं से बच्चों को छुटकारा मिलेगा। गैर जरूरी व आपत्तिजनक जानकारी उसकी सिरदर्दी भी नहीं बढ़ाएगी। सीबीएसई ने स्कूलों के लिए पुस्तकों के चुनाव के संबंध में गाइडलाइंस जारी की है। गाइडलाइंस के मुताबिक पहली से आठवीं तक की पुस्तकों की सामग्री को जांचने के लिए स्कूलों में समितियों का गठन होगा। गाइडलाइंस न मानने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।
पाठ्यपुस्तकों में अनावश्यक तथ्य न पढ़ाए जाएं इसके लिए सीबीएसई ने स्कूलों के लिए पुस्तकों के चयन संबंधी गाइडलाइंस तैयार की हैं। सीबीएसई उपसचिव एफिलिऐशन यूसी बोध की ओर से स्कूलों को गाइडलाइंस जारी कर दी गई है। गाइडलाइंस के मुताबिक पाठ्यपुस्तकों में ऐसे तथ्य हों जो बच्चों की आयु के अनुरूप हों। बोर्ड ने समितियों के द्वारा पाठ्यपुस्तकों में गतिविधि आधारित शिक्षा, बाल विकास व बाल केंद्रित शिक्षा के अंश को जांचने के लिए कहा है। सीबीएसई का कहना है कि पाठ्यपुस्तकें व्यक्तिपरक जानकारी से मुक्त होनी चाहिए। पाठ्यपुस्तकों में सामग्री व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़नी चाहिए व भाषा सरल व शिक्षा के स्तर के अनुसार हो। चित्र व रेखांकन इस तरह से हो जो बच्चों की रुचि को प्रोत्साहित कर सकें। पुस्तकों में ऐसे अंश न हों, जिससे किसी वर्ग, जाति, समुदाय, जेंडर व धार्मिक संगठन की भावनाएं आहत हों। स्कूलों को निजी प्रकाशकों की पढ़ाई जाने वाली पुस्तकों की एक लिस्ट स्कूल की वेबसाइट पर डालनी होगी। स्कूलों को एफिलिऐशन बॉय लॉज के नियम 15.1(डी) का हवाला देते हुए कहा गया है कि उन्हें इन प्रावधानों का पालन करना ही होगा।
•पहली से आठवीं तक की पुस्तकों के लिए गाइडलाइंस बनी
•पालन न करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करेगी सीबीएसई
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