जेबीटी प्रकरण की काली छाया का असर सरकार की अन्य भर्तियों पर पडऩा शुरू हो गया है। वर्ष 2011 में विज्ञापित की गई 1034 पशु परिचरों की भर्ती को सरकार ने रद्द कर दिया है। भर्ती की सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी तथा सूची लगनी शेष थी। जिन कमेटियों ने साक्षात्कार कर उम्मीदवारों की सूची फाइनल की थी उनमें से अधिकांश सदस्य सेवानिवृत्त हो चुके हैं। शेष कमेटी सदस्य जेबीटी प्रकरण को देखते हुए इसमें अब हाथ नहीं डालना चाहते हैं।
पशुपालन विभाग ने सितंबर 2011 में पशु परिचरों के 1034 पद विज्ञापित किए थे। इनके लिए योग्यता मैट्रिक पास रखी गई थी। प्रदेशभर से लगभग 95 हजार युवाओं ने इसके लिए आवेदन किया था। निर्धारित नॉर्मस पूरा नहीं किए जाने पर 85 हजार आवेदन रद्द कर दिए गए थे। रद्द किए हुए आवेदकों के पास डेयरी प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र मान्यता प्राप्त संस्थान से नहीं था। पशु पालन विभाग ने जिला स्तर के अधिकारियों की तीन सदस्यीय कमेटियां बना कर शेष बचे आवेदकों का साक्षात्कार लिया।
छह स्थानों पर लिए गए साक्षात्कार लगभग चार माह तक चले। योग्यता के साथ साथ आवेदकों को साक्षात्कार के अलग अलग अंक दिए गए। कमेटी सदस्यों ने मैरिट सूची तैयार कर महानिदेशक कार्यालय में सभी औपचारिकताएं पूरी कर जमा करवा दी थी। उसी दौरान जेबीटी प्रकरण में पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला सहित अन्य चयनकर्ता अधिकारियों को जेल की हवा खानी पड़ी। इसी बीच साक्षात्कार कमेटी के सदस्य सेवानिवृत्त हो गए। सदस्यों ने अपने हिसाब से तैयार सूची को ही अंतिम माना ओर किसी पचड़े में पडऩे से इतिश्री की। उधर आवेदक सूची का इंतजार कर रहे थे कि कहीं से उन्हें सूचना मिली कि ये पोस्ट तो सरकार ने रद्द कर दी है। पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. गजेंद्र जाखड़ से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पशु परिचर पदों को रद्द कर दिया गया है। कारण पूछने पर उन्होंने इतना ही कहा उन्हें इस का पता नहीं है कि पदों को रद्द क्यों किया गया। उधर आवेदक राकेश, संदीप, राजबीर आदि ने बताया कि सरकार नौकरी के नाम पर खिलवाड़ कर रही है। सरकार को चाहिए था कि जब सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई थी तो सूची को सार्वजनिक कर देना चाहिए था। उन्होंने कहा कि इसके लिए हम उच्च न्यायालय की शरण लेंगे।
बीते विधानसभा सत्र के दौरान एक विधायक ने पशुपालन मंत्री के सामने जब पशु परिचरों की भर्ती का मामला लाया गया तो मंत्री परमबीर सिंह ने आश्वासन दिया था कि पशु परिचरों के साथ साथ चिकित्सकों की भर्ती भी की जाएगी। मंत्री के आश्वासन के बाद सूची को रद्द करना समझ से परे है।
विधानसभा में भी दिया था मंत्री ने आश्वासन
No comments:
Post a Comment
thanks for your valuable comment