सरकार निजी स्कूलों की फीस नियंत्रित नहीं कर सकती : हाईकोर्ट
मुंबईत्न सरकार ऐसे निजी स्कूलों की फीस नियंत्रित नहीं कर सकती जो सरकार से सहायता नहीं लेते और जो छात्रों की सुविधाओं पर मोटी रकम खर्च करते हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को यह व्यवस्था दी। हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के आदेश को भी रद्द कर दिया। इसमें ऐसे स्कूलों को शैक्षणिक सत्र 2006-07 से 2011-12 के बीच ली गई फीस लौटाने को कहा गया था। नवंबर २०१२ के आदेश में कहा गया था कि जो स्कूल आईसीएसई से मान्यता प्राप्त नहीं हैं उन्हें भी फीस लौटानी होगी।
मुंबई के डायमंड जुबली हाईस्कूल ने आदेश को चुनौती दी थी। उसने 2007-08 से शैक्षिक सुविधाओं में इजाफा किया। तीन आधुनिक लैब और इतनी ही लाइब्रेरी बनाई। आईटी लैब, संगीत और खेल सुविधाओं पर भी काफी राशि खर्च की। कर्मचारियों की संख्या 72 से बढ़ाकर 114 की है। इसीलिए फीस बढ़ाई। ये तर्क सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि स्कूल ने गलत इरादे से फीस नहीं बढ़ाई। बेहतर शिक्षा हासिल करना और इसके लिए संस्थान की स्थापना करना भारतीय नागरिक का अधिकार है। इसमें किसी तरह का अंकुश कानून बनाकर ही लगाया जा सकता है। सरकार सर्कुलर जारी कर ऐसा नहीं कर
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