करनाल
फफड़ाना गांव के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में उस समय हड़कंप मच गया जब एक अतिथि प्राध्यापक को निदेशक सेकेंडरी शिक्षा के आदेश पर गलत नियुक्ति के कारण हटा दिया गया। चर्चित अतिथि अध्यापक व प्राध्यापक भर्ती कांड को लेकर डीइओ, बीइओ से लेकर डिप्टी डायरेक्टर, खुफिया विभाग व सीएम उड़नदस्ता काफी समय से खंगालता आ रहा है। मामला अभी भी हरियाणा लोकायुक्त के दरबार में लंबित है। गाज और किस-किस पर गिर सकती है यह आने वाले समय में सामने आ जाएगा।
गेस्ट टीचर भर्ती के समय तत्कालीन इंचार्ज धर्मपाल ने मेरिट को नजरंदाज करते हुए चहेतों की भर्ती की थी। जिनमें इतिहास विषय के लिए बीर सिंह सालवन ने भी आवेदन किया था। मेरिट में स्थान पा चुके बीर सिंह को जेबीटी के पद पर धकेलते हुए इंचार्ज ने एक महिला को नियुक्त कर लिया था।
प्राध्यापक के पद से वंचित रहे बीर सिंह ने खंड शिक्षा अधिकारी से लेकर, निदेशक, अदालत व लोकायुक्त दरबार में गुहार लगाई। इसके फलस्वरूप निदेशक ने चार जुलाई को प्राध्यापिका पूनम को हटाने के आदेश जारी किए। प्रधानाचार्य ने आदेशों की अनुपालना 12 जुलाई को की व रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों को भेजी। गेस्ट टीचर भर्ती घोटाले का खामियाजा खुद तत्कालीन इंचार्ज भी भुगत रहा है। बीर सिंह ने कहा कि मामला अभी भी लोकायुक्त के दरबार में विचाराधीन है।
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