डॉ. हरेंद्रपाल पर पलवल कोर्ट में चल रहे हैं दो केस
कैसे बन गए आयोग के मेंबर
मेरे खिलाफ राजनीतिक साजिश: पाल
एचपीएससी सदस्य हरेंद्रपाल सिंह ने माना कि उनके खिलाफ पलवल में दोनों केस दर्ज हुए थे। उन्होंने कहा, 'इनकी दो बार पुलिस ने जांच की और दोनों बार मुझे क्लीन चिट दी गई। असली मुल्जिमों को भी कोर्ट के आदेश पर जेल भेजा जा चुका है। बाद में पीडि़त परिवार ने मेरे खिलाफ प्राइवेट शिकायत की। इसी के आधार पर मेरे खिलाफ कोर्ट में मामले चल रहे हैं। इनमें वही आरोप हैं जो पहले एफआईआर में लगाए गए थे। यह मेरे खिलाफ राजनीतिक साजिश है। एफआईआर के आधार पर मेरे खिलाफ कोई केस विचाराधीन नहीं है।'
किसी को भी एचपीएससी का सदस्य या चेयरमैन बनाने से पहले उसका चरित्र सत्यापन करवाया जाता है। इसके लिए इंटेलीजेंस ब्यूरो से रिपोर्ट ली जाती है। सरकारी नौकरियों में भी यही प्रावधान है। एचपीएससी के नवनियुक्त अध्यक्ष मनबीर सिंह भड़ाना ने भी माना कि आईबी के माध्यम से रिपोर्ट मंगवाई जाती है। अब हरेंद्रपाल सिंह के बारे में आई रिपोर्ट में मुकदमों की सूचना थी या नहीं, उन्हें नहीं पता।
चंडीगढ़ में शनिवार को प्रेस कॉन्फे्रंस में इनेलो विधायक रामपाल माजरा के साथ मौजूद राजेंद्र सिंह (एकदम दाएं)। एचपीएससी के सदस्य बने डॉ. हरेंद्रपाल सिंह पर राजेंद्र के बड़े बेटे नीरज की हत्या का आरोप है।
भास्कर न्यूज. चंडीगढ़
हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन (एचपीएससी) में राज्य सरकार ने ऐसे व्यक्ति को सदस्य बनाकर राज्यपाल से शपथ दिलवा दी जिस पर हत्या और हत्या के प्रयास का आरोप है। बीती २५ जुलाई को एचपीएससी मेंबर की शपथ लेने वाले डॉ. हरेंद्रपाल सिंह के खिलाफ पलवल की कोर्ट में दो मुकदमे चल रहे हैं। पीडि़त परिवार के लोगों ने शनिवार को चंडीगढ़ आकर मीडिया के सामने यह खुलासा किया।
इनेलो विधायक रामपाल माजरा के साथ आए राजेंद्र सिंह ने बताया कि हरेंद्रपाल सिंह के खिलाफ पलवल थाने में वर्ष 2008 में एफआईआर नंबर 121 और वर्ष 2009 में एफआईआर नं. 114 दर्ज हुई थी। पहली एफआईआर में डॉ. हरेंद्रपाल सिंह पर मुकेश पर कातिलाना हमला करने और दूसरी में हमला कर नीरज की हत्या करने का आरोप था। राजेंद्र के अनुसार, नीरज उसका बड़ा बेटा था। राजनीतिक दबाव में पुलिस ने दोनों मामलों में हरेंद्रपाल के खिलाफ आरोप सही नहीं माने। पुलिस ने न उन्हें गिरफ्तार किया और न कोई पूछताछ की। उनके हाईकोर्ट में याचिका दायर करने के बाद एडिशनल सेशन जज ने दोनों मामलों में हरेंद्रपाल सिंह पर हत्या और हत्या प्रयास समेत कई आरोप तय किए। इन मामलों की सुनवाई आज भी चल रही है। इनमें से एक मुकदमे की सुनवाई अगली 3 अगस्त और दूसरे की 21 सितंबर को होनी है।
तुरंत इस्तीफा लिया जाए: माजरा इनेलो विधायक रामपाल माजरा का कहना है कि जिस व्यक्ति पर आपराधिक मामले विचाराधीन हों, उसे एचपीएससी का सदस्य बनाना गलत है। हरेंद्रपाल सिंह से तुरंत इस्तीफा लिया जाए या उन्हें बर्खास्त किया जाए। अगर ऐसा नहीं किया गया तो वह इस मामले को लेकर हाईकोर्ट जाएंगे।www.teacherharyana.blogspot.com (Recruitment , vacancy , job , news)
कैसे बन गए आयोग के मेंबर
मेरे खिलाफ राजनीतिक साजिश: पाल
एचपीएससी सदस्य हरेंद्रपाल सिंह ने माना कि उनके खिलाफ पलवल में दोनों केस दर्ज हुए थे। उन्होंने कहा, 'इनकी दो बार पुलिस ने जांच की और दोनों बार मुझे क्लीन चिट दी गई। असली मुल्जिमों को भी कोर्ट के आदेश पर जेल भेजा जा चुका है। बाद में पीडि़त परिवार ने मेरे खिलाफ प्राइवेट शिकायत की। इसी के आधार पर मेरे खिलाफ कोर्ट में मामले चल रहे हैं। इनमें वही आरोप हैं जो पहले एफआईआर में लगाए गए थे। यह मेरे खिलाफ राजनीतिक साजिश है। एफआईआर के आधार पर मेरे खिलाफ कोई केस विचाराधीन नहीं है।'
किसी को भी एचपीएससी का सदस्य या चेयरमैन बनाने से पहले उसका चरित्र सत्यापन करवाया जाता है। इसके लिए इंटेलीजेंस ब्यूरो से रिपोर्ट ली जाती है। सरकारी नौकरियों में भी यही प्रावधान है। एचपीएससी के नवनियुक्त अध्यक्ष मनबीर सिंह भड़ाना ने भी माना कि आईबी के माध्यम से रिपोर्ट मंगवाई जाती है। अब हरेंद्रपाल सिंह के बारे में आई रिपोर्ट में मुकदमों की सूचना थी या नहीं, उन्हें नहीं पता।
चंडीगढ़ में शनिवार को प्रेस कॉन्फे्रंस में इनेलो विधायक रामपाल माजरा के साथ मौजूद राजेंद्र सिंह (एकदम दाएं)। एचपीएससी के सदस्य बने डॉ. हरेंद्रपाल सिंह पर राजेंद्र के बड़े बेटे नीरज की हत्या का आरोप है।
भास्कर न्यूज. चंडीगढ़
हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन (एचपीएससी) में राज्य सरकार ने ऐसे व्यक्ति को सदस्य बनाकर राज्यपाल से शपथ दिलवा दी जिस पर हत्या और हत्या के प्रयास का आरोप है। बीती २५ जुलाई को एचपीएससी मेंबर की शपथ लेने वाले डॉ. हरेंद्रपाल सिंह के खिलाफ पलवल की कोर्ट में दो मुकदमे चल रहे हैं। पीडि़त परिवार के लोगों ने शनिवार को चंडीगढ़ आकर मीडिया के सामने यह खुलासा किया।
इनेलो विधायक रामपाल माजरा के साथ आए राजेंद्र सिंह ने बताया कि हरेंद्रपाल सिंह के खिलाफ पलवल थाने में वर्ष 2008 में एफआईआर नंबर 121 और वर्ष 2009 में एफआईआर नं. 114 दर्ज हुई थी। पहली एफआईआर में डॉ. हरेंद्रपाल सिंह पर मुकेश पर कातिलाना हमला करने और दूसरी में हमला कर नीरज की हत्या करने का आरोप था। राजेंद्र के अनुसार, नीरज उसका बड़ा बेटा था। राजनीतिक दबाव में पुलिस ने दोनों मामलों में हरेंद्रपाल के खिलाफ आरोप सही नहीं माने। पुलिस ने न उन्हें गिरफ्तार किया और न कोई पूछताछ की। उनके हाईकोर्ट में याचिका दायर करने के बाद एडिशनल सेशन जज ने दोनों मामलों में हरेंद्रपाल सिंह पर हत्या और हत्या प्रयास समेत कई आरोप तय किए। इन मामलों की सुनवाई आज भी चल रही है। इनमें से एक मुकदमे की सुनवाई अगली 3 अगस्त और दूसरे की 21 सितंबर को होनी है।
तुरंत इस्तीफा लिया जाए: माजरा इनेलो विधायक रामपाल माजरा का कहना है कि जिस व्यक्ति पर आपराधिक मामले विचाराधीन हों, उसे एचपीएससी का सदस्य बनाना गलत है। हरेंद्रपाल सिंह से तुरंत इस्तीफा लिया जाए या उन्हें बर्खास्त किया जाए। अगर ऐसा नहीं किया गया तो वह इस मामले को लेकर हाईकोर्ट जाएंगे।www.teacherharyana.blogspot.com (Recruitment , vacancy , job , news)
No comments:
Post a Comment
thanks for your valuable comment