एजेंसीत्ननई दिल्ली
प्राथमिक शिक्षा के स्तर पर सरकार मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई अनिवार्य कर सकती है या नहीं? इसका फैसला सुप्रीम कोर्ट की बड़ी (संविधान) बेंच करेगी। जस्टिस पी. सदाशिवम और रंजन गोगोई की बेंच ने शुक्रवार को कहा कि यह बड़ी बेंच को भेजने का उचित मामला है। यह मामला न सिर्फ मौजूदा पीढ़ी के मौलिक अधिकारों, बल्कि उन पीढिय़ों का भी है जिनका अभी जन्म भी नहीं हुआ है।
बेंच ने कहा कि ऐसे ही मामले में शीर्ष कोर्ट की दो सदस्यीय बेंच हस्तक्षेप से इनकार कर चुकी है। शीर्ष कोर्ट की दो सदस्यीय बेंच ने 1993 में कर्नाटक सरकार के आदेश में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया था। इसमें राज्य सरकार ने प्राथमिक स्तर पर कन्नड़ भाषा में पढ़ाई को अनिवार्य बना दिया था।
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