दक्षिण एशिया का पहला नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थकेयर इंजीनियरिंग एंड आर्किटेक्चर खुलेगा चंडीगढ़ में अब पीजीआई में होगी इंजीनियरिंग की पढ़ाई


चंडीगढ़। पीजीआई चंडीगढ़ के स्वर्ण जयंती समारोह के मौके पर भार्गव ऑडिटोरियम में शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने एक बड़ी सौगात दी। उन्होंने पीजीआई में दक्षिण एशिया में अपनी तरह का पहला नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थकेयर इंजीनियरिंग एंड आर्किटेक्चर (एनआईएचईए) शुरू करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगातार सामने आ रही चुनौतियों से निपटने के लिए जरूरी है कि चिकित्सा क्षेत्र में आधुनिकतम तकनीक और सुविधाओं का इस्तेमाल किया जाए। एनआईएचईए में स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं के लिए प्लानिंग, डिजाइनिंग, हेल्थकेयर इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट में मास्टर कोर्स करवाए जाएंगे। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के सहयोग से प्रस्तावित संस्थान दक्षिण एशिया में अपनी तरह का अनूठा संस्थान होगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट में पीजीआई को मेडिकल एजुकेशन, चिकित्सा सुविधाओं के विकास एवं अनुसंधान के लिए 635 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की जा चुकी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि चार वर्षों के दौरान बेड ऑक्यूपेसी, इन्फ्रास्ट्रक्चर, फैकल्टी, टीचर-स्टूडेंट रेशो को लेकर कई जरूरी बदलाव किए गए हैं। इस दौरान एमबीबीएस की सीटों में 46 फीसदी, जबकि पीजी सीटों में 70 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। देश में छह एम्स की शुरुआत से भी डॉक्टरों और मरीजों को काफी फायदा मिलने की उम्मीद है। इस दौरान 19 गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेजों को अपग्रेड कर सुपर स्पेशएलिटी हॉस्पिटल में तब्दील किया गया।

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