1983 पीटीआइ की नौकरी जाने के बाद अब पिछले 10 वर्षो से ड्यूटी बजा रहे हरियाणा राजकीय रेलवे पुलिस के 350 जवानों की नौकरी पर तलवार लटक गई है। हाई कोर्ट ने सीबीआइ की जांच रिपोर्ट के आधार पर सरकार को इस संबंध में कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। साथ ही सरकार को तीन महीने का समय देते हुए कहा कि वह इस मामले में प्रशासनिक आदेश जारी कर 31 जनवरी तक कोर्ट में रिपोर्ट पेश करे।1मंगलवार को राज्य के मुख्य सचिव पीके चौधरी, गृह सचिव समीर माथुर, डीजीपी एसएन वशिष्ठ इस संबंध में हाई कोर्ट के कड़े रुख को भांपते हुए अदालत में हाजिर हुए। मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने इस मामले में सरकारी रवैये पर सवाल उठाते हुए सरकार को काफी फटकार लगाई। उन्होंने पूछा कि सभी स्तरों पर इस भर्ती में उच्चस्तर पर धांधली होने की बात साबित होने के बाद सरकार चयनित उम्मीदवारों के खिलाफ कार्रवाई करने में क्यों हिचक रही है? सीबीआइ के सामने भर्ती बोर्ड के चेयरमैन एसपी रवि आजाद ने यह स्वीकार किया था कि उन्होंने उन उम्मीदवारों को नियुक्ति दी जिनकी लिस्ट उस समय के डीजीपी ने उन्हें दी थी। फिर भी सरकार किस बात का इंतजार कर रही है? बेंच के इस रवैये पर राज्य के एडवोकेट जनरल ने बताया कि उनको सीबीआइ जांच की रिपोर्ट नहीं मिली है। इस पर कोर्ट ने कहा हम सीबीआइ को निर्देश देते हैं कि वह पंद्रह दिनों में आपको जांच रिपोर्ट सौंपे।
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