पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की डिवीजन बैंच ने सोमवार को एक अहम फैसले में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा तीन साल पहले नियुक्त किए गए 1983 पीटीआइ की नियुक्ति को रद करने पर मुहर लगा दी। साथ ही एकल बैंच के इन पीटीआइ की सेवाएं खत्म करने व नई भर्ती प्रकिया शुरू करने के आदेश को हरी झंडी मिल गई है।1जस्टिस सूर्यकांत एवं सुरेंद्र गुप्ता पर आधारित डिवीजन बैंच ने चयनित उम्मीदवारों के दस्तावेज जांचने में जल्दबाजी व ओवरएज उम्मीदवारों के चयन पर भी सवाल उठाते हुए सरकार को भविष्य में भर्ती में सचेत रहने को कहा। साथ ही एकल बैंच के आदेश के खिलाफ अपील दायर करने वाले स्टाफ सलेक्शन कमीशन को प्रत्येक अपील पर 50 हजार, सरकार को प्रत्येक अपील पर 10 हजार व एकल बैंच पर पक्ष न सुनने का आरोप लगाने वाले उम्मीदवारों पर 10 हजार रुपये जुर्माने का आदेश भी सुनाया। सभी को एक महीने के भीतर जुर्माने की राशि जमा कराने का निर्देश दिया गया है।1यह था एकल बैंच का आदेश : गत वर्ष सितंबर में हाई कोर्ट के जस्टिस एजी मसीह ने एक साथ 68 याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए पीटीआइ भर्ती रद कर दी थी। हरियाणा स्टाफ सलेक्शन कमीशन ने 10 अप्रैल 2010 को फाइनल लिस्ट जारी कर यह नियुक्तियां की थीं। 1हाई कोर्ट ने कमीशन को निर्देश दिया था कि वह नए सिरे से पांच माह में भर्ती प्रक्रिया पूरी करे। हाई कोर्ट ने नियुक्तिमें आयोग की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए कहा था कि बहुसदस्यीय कमीशन होने के बावजूद ऐसा लगता है कि यह एक व्यक्तिके कहने से चल रहा है। कोर्ट ने कमीशन के चेयरमैन नंद लाल पूनिया पर भी प्रतिकूल टिप्पणी की थी। 1एकल बैंच ने जिन तथ्यों पर 1983 पीटीआइ की भर्ती रद की है, उससे हम पूरी तरह सहमत है। रिकार्ड के अध्ययन से साबित होता है कि भर्ती में पूरी धांधली हुई है। >> -डिवीजन बैंच, पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्टwww.teacherharyana.blogspot.com (Recruitment , vacancy , job , news)
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इधर, एचटेट के छात्रों को मिले ग्रेस माक्र्स, घोषणा होनी बाकी
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तीन साल पहले हुई 1983 पीटीआई की भर्ती रद्द
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नए सिरे से भर्ती के लिए पांच माह का समय
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हाईकोर्ट ने कहा- शैक्षणिक रिकार्ड खराब थे, महज मौखिक परीक्षा के आधार पर नियुक्ति देना अनुचित
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ललित कुमारत्नचंडीगढ़
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पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट की दो सदस्यीय बेंच ने 1983 फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर्स (पीटीआई) की भर्ती रद्द करने के एकल पीठ के फैसले को बरकरार रखा है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस सुरेंद्र गुप्ता की पीठ ने मामले से जुड़ी दो याचिकाओं पर हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के विरुद्ध 50-50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। एकल बेंच के फैसले को खारिज करने की अपील करने वाले याचिका कत्र्ताओं पर भी 10-10 हजार रुपए का जुर्माना किया है। याचिकाकर्ताओं की संख्या 90 से अधिक है। नियुक्तियां भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार ने ही की थी। कोर्ट ने राज्य कर्मचारी चयन आयोग को नियुक्ति खारिज होने के बाद की रिक्तियों को सही तरीके से पांच माह के भीतर भरने को कहा है। फैसला सुनाते हुए खंडपीठ ने सोमवार को कहा कि सैकड़ों चयनित उम्मीदवारों का शैक्षिक रिकार्ड बेहद खराब है। ऐसे में महज मौखिक परीक्षा के आधार पर नियुक्ति कर ली गई। ऐसी नियुक्ति को सही नहीं ठहराया जा सकता। कोर्ट ने कहा, यह महज संयोग नहीं हो सकता कि 90 फीसदी मेधावी उम्मीदवार मौखिक परीक्षा में बुरी तरह असफल रहे। उन्हें 30 में से 10 नंबर भी नहीं आए। बेंच ने कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन की भूमिका पर भी सवाल उठाया। फैसले में कहा गया कि यह भर्ती का बेहद खराब तरीका था। उम्मीदवारों के चयन और नियुक्ति में जल्दबाजी को लेकर भी कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की। सोनीपत निवासी विजय कुमार और अन्य पीटीआई की तरफ से एकल बेंच के फैसले को चुनौती दी गई थी। यह होगा असर : पीटीआई के जिम्मे स्कूलों में अनुशासन बनाए रखना और शारीरिक शिक्षा देने का काम है। लगभग हर स्कूल में एक पीटीआई का एक पद है। इस हिसाब से 1,983 स्कूलों में यह पद रिक्त हो जाएगा। यदि नई भर्ती की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए, तो भी छह महीने में पद भरे जा सकेंगे। 20 जुलाई 2006 हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने पीटीआई के 1983 पदों के लिए आवेदन मांगा। 21 जनवरी 2007 लिखित परीक्षा का नोटिस। लेकिन भर्ती में धांधली की शिकायतें मिलने के नाम पर परीक्षा स्थगित। 20 जुलाई 2008 परीक्षा की तारीख रखी। इस बार प्रशासनिक कारणों का हवाला दिया, परीक्षा फिर स्थगित। सितंबर-अक्टूबर 2008 पात्रता की शर्तें बदली। खाली पदों के 8 गुना उम्मीदवारों का साक्षात्कार लिया। 10 अप्रैल 2010 भर्ती के लिए सीधे परिणाम की घोषणा। सात साल पहले शुरू हुई थी प्रक्रिया शिव कुमारत्नभिवानी हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा (एचटेट) 2013 में एक या दो अंकों से फेल होने वाले परीक्षार्थियों की 'लॉटरी' लगने वाली है। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने तीनों केटेगरी में कुछ सवालों पर उठे ऑब्जेक्शन के बाद विशेषज्ञों की सलाह पर परीक्षार्थियों को ग्रेस अंक दिए हैं। इस निर्णय से तीनों कैटेगरी मिला कर एक हजार से अधिक अतिरिक्त परीक्षार्थी एचटेट पास हो गए हैं। जल्द ही संशोधित परिणाम की आधिकारिक घोषणा कर दी जाएगी। जुलाई में घोषित एचटेट 2013 की 'आंसर-की' वेबसाइट पर अपलोड होते ही हजारों उम्मीदवारों ने इस पर आपत्तियां जताई थी। सभी की लिस्टिंग करने के बाद बोर्ड की ओर से विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाई गई। कमेटी ने परीक्षार्थियों की दलीलों को सही पाया और लेवल एक जूनियर बेसिक टीचर (जेबीटी), लेवल दो-टेंड्र ग्रेजुएट टीचर (टीजीटी) परीक्षा और लेवल तीन-पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (पीजीटी) में कुछ प्रश्नों के बदले ग्रेस देने का निर्णय लिया। खराब रहे थे नतीजे : एचटेट का परीक्षा परिणाम बेहद खराब रहा था। 95.55 फीसदी परीक्षार्थी फेल हो गए थे। पीजीटी में 2.70, टीजीटी में 1.44 व जेबीटी में 9.60 फीसदी परीक्षार्थी ही हुए पास हुए थे। तीन लाख 47 हजार 272 ने परीक्षा दी थी और सिर्फ 15 हजार 420 ही पास हुए। ॥विशेषज्ञों से राय के बाद जिन विद्यार्थियों की दलील सही पाई गई उन्हें उनके प्रश्नों के अनुसार ग्रेस दी गई है।ञ्जञ्ज -ेसी भारद्वाज, चेयरमैन हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ॥ग्रेस माक्र्स मिलने वाले उम्मीदवारों की लिस्ट बनाई जा रही है। तीनों केटेगरी में एक हजार से अधिक परीक्षार्थी और पास हो जाएंगे।ञ्जञ्ज - एचएल परुथी, इंचार्ज एचटेट सेल |
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