मुख्य संसदीय सचिव रामकिशन फौजी पैसे लेकर नौकरी लगवाने के मामले में फंसते दिख रहे हैं। इस संबंध में शिकायत पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व मुख्य संसदीय सचिव फौजी को 15 जनवरी के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जगाधरी निवासी आनंद कुमार ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि मुख्य संसदीय सचिव राम किशन ने उसे व उसके दोस्त से नौकरी देने के एवज में पांच पांच लाख रुपये लिए। 1याचिका ने बताया कि वर्ष 2009 में जेबीटी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के समय ही एक दलाल सक्रिय हो गया जो आवेदन करने वाले बेरोजगार युवकों से संपर्क स्थापित करता। याची के मुताबिक उसके क्षेत्र मे भी इस तरह का एक गिरोह काम कर रहा था। उसने आवेदन किया तो दलालों ने उससे संपर्क किया और नौकरी दिलवाने के लिए राम किशन फौजी से मिलने और पैसे देने की बात कही। गरीब परिवार से था और उसे हर हाल में नौकरी की जरूरत थी इसलिए फौजी से मिला। उन्होंने उसे नौकरी देने के लिए पांच लाख रुपये हरियाणा के मुख्यमंत्री को देने के लिए मांगे। नौकरी के लालच में उसने पैसे दे दिए और उसकी नौकरी भी लग गई। याचिका के अनुसार कुछ साल नौकरी करने के बाद उसे स्वयं पर घृणा होने लगी कि पैसे देकर नौकरी ली। इसके बाद उसने गिरोह का पर्दाफाश करने की सोची और टीवी चैनलों पर राम किशन फौजी द्वारा नौकरी के लिए पैसे लेने के सच को उजागर किया। 1याचिका के अनुसार उसी दिन से राज्य सरकार व राम किशन फौजी उसकी जान के दुश्मन बने हुए हैं। याचिकाकर्ता ने इस मामले की जांच करवाने व उसे सुरक्षा देने का कोर्ट से आग्रह किया। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार, युमनानगर व भिवानी के पुलिस अधीक्षक तथा रामकिशन फौजी को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है।www.teacherharyana.blogspot.com (Recruitment , vacancy , job , news)
2009 में जेबीटी शिक्षक भर्ती मुख्य संसदीय सचिव रामकिशन फौजी पैसे लेकर नौकरी लगवाने के मामले में !
मुख्य संसदीय सचिव रामकिशन फौजी पैसे लेकर नौकरी लगवाने के मामले में फंसते दिख रहे हैं। इस संबंध में शिकायत पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व मुख्य संसदीय सचिव फौजी को 15 जनवरी के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जगाधरी निवासी आनंद कुमार ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि मुख्य संसदीय सचिव राम किशन ने उसे व उसके दोस्त से नौकरी देने के एवज में पांच पांच लाख रुपये लिए। 1याचिका ने बताया कि वर्ष 2009 में जेबीटी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के समय ही एक दलाल सक्रिय हो गया जो आवेदन करने वाले बेरोजगार युवकों से संपर्क स्थापित करता। याची के मुताबिक उसके क्षेत्र मे भी इस तरह का एक गिरोह काम कर रहा था। उसने आवेदन किया तो दलालों ने उससे संपर्क किया और नौकरी दिलवाने के लिए राम किशन फौजी से मिलने और पैसे देने की बात कही। गरीब परिवार से था और उसे हर हाल में नौकरी की जरूरत थी इसलिए फौजी से मिला। उन्होंने उसे नौकरी देने के लिए पांच लाख रुपये हरियाणा के मुख्यमंत्री को देने के लिए मांगे। नौकरी के लालच में उसने पैसे दे दिए और उसकी नौकरी भी लग गई। याचिका के अनुसार कुछ साल नौकरी करने के बाद उसे स्वयं पर घृणा होने लगी कि पैसे देकर नौकरी ली। इसके बाद उसने गिरोह का पर्दाफाश करने की सोची और टीवी चैनलों पर राम किशन फौजी द्वारा नौकरी के लिए पैसे लेने के सच को उजागर किया। 1याचिका के अनुसार उसी दिन से राज्य सरकार व राम किशन फौजी उसकी जान के दुश्मन बने हुए हैं। याचिकाकर्ता ने इस मामले की जांच करवाने व उसे सुरक्षा देने का कोर्ट से आग्रह किया। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार, युमनानगर व भिवानी के पुलिस अधीक्षक तथा रामकिशन फौजी को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है।www.teacherharyana.blogspot.com (Recruitment , vacancy , job , news)
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