हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के नेतृत्व में तीन माह से सेक्टर छह में क्रमिक अनशन पर बैठे अतिथि अध्यापकों ने दोपहर 1 बजे महारैली का शंखनाद बजाया। शाम करीब 4:48 बजे, राज्य भर से आए हजारों अतिथि अध्यापकों ने एक बार फिर से अपने परिवारजनों को साथ में लेकर सड़कों पर उतर कर रोष मार्च निकालने लगे, कि सेक्टर छह पर उच्च अधिकारियों के नेतृत्व में तैनात भारी पुलिस बल ने उन्हें वहीं पर रोक लिया। इसके बाद, टोपी पहने सभी महिला और पुरुष अतिथि अध्यापक सड़क के दोनों ओर आकर जमीन पर बैठ गए और कहने लगे कि सरकार अब उन्हें लॉलीपॉप देना बंद कर उन्हें एक कलम से नियमित करें। इस दौरान संघ के प्रदेशाध्यक्ष अरुण मलिक ने सरकार के नुमाइंदों को 1 घंटे की चेतावनी देते हुए कहा कि या तो सरकार उन्हें बातचीत के लिए बुलाएं, नहीं तो स्वयं सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा या मुख्यमंत्री की पत्नी आशा हुड्डा उनसे ज्ञापन लेने आएं। इस बीच तय समय से 20 मिनट पहले एसडीएम अमरदीप, तहसीलदार प्रमोद चहल और नायब तहसीलदार गुलाब सिंह ने प्रदेशाध्यक्ष को अलग से बुलाकर मुख्यमंत्री का संदेश दिया कि वे उनसे अभी दिल्ली के हरियाणा भवन में मिलना चाहते है। फिर, शाम 6:30 बजे संघ की प्रदेश कमेटी और सभी जिलों के अध्यक्ष दिल्ली के लिए रवाना हो गए। अरुण मलिक 2008 का वादा निभाएं सीएम : मलिक इससे पहले, प्रदेशाध्यक्ष अरुण मलिक ने रैली स्थल पर मौजूद हजारों अतिथि अध्यापकों को कहा कि सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा साल 2008 में राजरानी की शहादत के समय किए वायदे को निभाएं। इस दौरान मलिक ने सरकार की वादा खिलाफी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि गेस्ट टीचरों की बददुआ उनके लिए अच्छी नहीं है। इधर, हरियाणा राजकीय अध्यापक 70 के चेयरमैन महेंद्र सिंह चौहान ने अतिथि अध्यापकों की लड़ाई में साथ देते हुए कहा कि अगर सरकार ने इनकी मांग नहीं मानी तो वे इन्हें नियमित कराने के लिए प्रदेश भर के स्कूलों को एक दिन के लिए बंद करवाने से पीछे नहीं हटेंगे। |
अतिथि अध्यापक प्रतिनिधिमंडल सीएम से बातचीत के लिए दिल्ली रवाना .. परिजनों समेत रोहतक में प्रदर्शन
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