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आईएफएससी कोड न होने से अटकी थी
यूनिक कोड के फेर में अटकी हुई छात्रवृति अब विद्यार्थियों को बिना यूनिक कोड के मिलेगी। सरकार द्वारा दी जाने वाली एससी, बीसीए एवं बीपीएल वर्ग के विद्यार्थियों को छात्रवृति के लिए विभाग ने यूनिक कोड प्रणाली अपनाने का निर्णय लिया था। मार्च 2014 तक विद्यार्थियों को छात्रवृति अब बिना यूनिक कोड के मिल सकेगी। क्योंकि अब विभाग संबंधित डीडीओ के अकाउंट में छात्रवृति का बजट डालेगा। डीडीओ अपने अकाउंट से पैसा बच्चों के अकाउंट में डलवाएगा।
ये हैं समस्या
सरकार द्वारा दी जाने वाली छात्रवृति के लिए विभाग के आदेश पर विद्यार्थियों को यूनिक कोड बनवाने थे। यूनिक कोड के माध्यम से छात्रवृति का पैसा सीधे तौर पर संबंधित विद्यार्थी के अकाउंट में डाला जाता। परंतु कुछ विद्यार्थियों ने छात्रवृति प्राप्त करने के लिए अपने अकाउंट को-ऑपरेटिव बैंक में खुलवा लिए। को-ऑपरेटिव बैंक के पास आइएफएससी कोड न होने के कारण विद्यार्थियों को छात्रवृति मिलने में देरी हो रही थी। जिले के कई स्कूलों के बच्चों के अकाउंट ग्रामीण बैंक में खुले हुए हैं। ग्रामीण बैंक का अपना कोड न होने के चलते वह पंजाब नेशनल बैंक का आईएफएससी कोड प्रयोग कर रहा हैं। अब विभाग मार्च 2014 तक बिना यूनिक कोड के बच्चों को छात्रवृति पुराने तरीके से ही देगा।
वन टाइम अलाउंस केवल एससी वर्ग के बच्चों को दिया जाता हैं। जोकि साल में सिर्फ एक बार होता हैं। इसमें पहली कक्षा के बच्चों लिए 740 रुपये, दूसरी कक्षा के 750 रुपये, तीसरी के 960 रुपये, चौथी के 970 रुपये, पांचवीं के 980 रुपये, छटी से आठवीं तक 1250 रुपये एवं नौवीं से बारहवीं कक्षा के बच्चों को 1450 रुपये मिलते हैं।
वर्ग कक्षा लड़का लड़की
एससी 1 से 5 150 225
6 से 8 200 300
9 से 12 250 400
बीसी एवं
बीपीएल 1 से 5 75 150
6 से 8 100 200
9 से 12 150 300
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