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दोस्तों, 9 दिसंबर को सीटेट/एचटेट-2013 वाले केस की बहुत ही अहम सुनवाई होनी थी और पूरी उम्मीद थी कि जेबीटी भर्ती में पहले से ही शामिल उम्मीदवारों को केस में जीत मिलती क्योकि पात्र अध्यापक संघ द्वारा मामले में तीसरी अप्लिकेसन दायर करने के साथ ही कुछ महत्वपूर्ण तथ्य बेंच की जानकारी में लाने के लिए भी एक "एडिसनल डॉकुमेंट प्लेस ऑन रिकार्ड" अप्लिकेसन भी 8 दिसंबर को दायर की गई जिसके कारण बेंच ने पुरे तथ्य/बात को समझ लिया था और उसी दिन सुबह सुनवाई पर आये एक ऐसे ही नये केस की सुनवाई के दौरान बेंच ने उस याचिकाकर्ता से ही पूछा कि, "जब आपके पास वर्ष 2011 में अध्यापक पात्रता परीक्षा में बैठने का अवसर था तो तुमने परीक्षा क्यों नहीं दी और तुम मात्र इस आधार पर कोर्ट से राहत कैसे मांग सकते हो कि 2012 में पात्रता परीक्षा आयोजित नहीं हुई जबकि तुम्हारे पास 2011 में पात्रता परीक्षा पास करने का अवसर उपलब्ध था ? पात्रता परीक्षा में भाग न लेना या पास न कर पाना तुम्हारी कमी है, न कि सरकार की ?"। अब इसे हमारी किस्मत माने या मुकददर का दोष कि हमारे केस की सुनवाई का नंबर आने से पहले ही लंच टाइम के बाद करीबन 3 बजे ही हाईकोर्ट के जज वीएस मलिक के सेवानिवृति कार्यक्रम के कारण बेंच उठ गई और कोर्ट की कारवाई स्थगित हो गई व केस की सुनवाई ना हो सकी। मामले में अब आगामी सुनवाई 18 मार्च 2014 को होगी। केस की लम्बी तारीख से बहुत से साथी भी निराश है लेकिन अभी भी हमारे पास कुछ क़ानूनी आप्सन है परन्तु सबसे ज्यादा परेशानी का सबब है भर्ती बोर्ड का सुरक्षित फैसले को सुनाए जाने में हो रही देरी क्योकि जब तक भर्ती बोर्ड मामले का फैसला नहीं आता तब तक भर्ती की तस्वीर साफ नहीं होती। हमे उम्मीद है कि हाईकोर्ट के लास्ट वर्किंग डे यानि 20 दिसंबर तक फैसला आ जायेगा और फिर संघ फैसले के अनुरूप तेजी से क़ानूनी कदम उठाएगा। संघ भर्ती बोर्ड मामले में फैसले का 18 दिसंबर तक इंतजार करेगा और अगर लगेगा कि भर्ती बोर्ड मामले में फैसला 20 दिसंबर तक भी आने के कोई आसार नहीं है तो नियमो से परे जा कर भी फैसला जल्दी सुनाए की मांग करते हुए संघ एक अप्लिकेसन दायर करेगा। अगर वो अप्लिकेसन भी ख़ारिज हो जाती है और फैसला फिर भी नहीं आता है तो भर्ती जल्दी पूरी न करने को ले कर सुप्रीम कोर्ट में लंबित अवमानना याचिका की 13 जनवरी को होने वाली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट से भर्ती सबंधी मामले जल्दी निपटाने का निर्देश माननीय हाईकोर्ट को देने की मांग करेगा। कुछ अन्य क़ानूनी उपाय भी करेंगे इसलिए साथिओ से इतना ही निवेदन है कि साथी निराश होने की बजाय अपना मनोबल ऊँचा बनाए रखे क्योकि क़ानूनी लड़ाई क़ानूनी तरीके से ही जीतेंगे। संघ की क़ानूनी टीम हर बदलते हालात के मद्देनजर तेजी से हालात/जरूरत के अनुसार कदम उठा रही है और हर सम्भव कदम उठाया भी जायेगा क्योकि ये जंग हमे हर हाल में जीतनी ही है चाहे कुछ भी क़ानूनी उपाय करना पड़े। धन्यवाद।
Patr adhapak sangh ki jai ho
ReplyDeletejo selected pgt's ke itna soch raha h
jabki pgt hath pr hath dhare baithe h
SELECTED CANDIDATES KO HIGH COURT KE SAMANE IKATHE HO KR JALD SE JALD FAISALE KI MANG RAKHNI CHAIHY
ReplyDeleteNAHI TO NA TO RESULT AAYANGA
NAHI JOINING MILINGE
TO KHALI SOCHO MAT KUCH KRO
Lagbhag 2 saal hone ko aaye or Pgt selected kuch nahi kar rahe. Govt bhi nahi chahti bharti. Pgt ekjut hokr kuch karen to hi kuch milega. PAS ke saath hi milkar kuch karlo
ReplyDeleteTo batao kha milna h hum court ke samne dhrna dege
ReplyDeleteAb to yeh hi rasta bcha h,dhrna dene ka time aur day fix kreye.hum aapke saathh h
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