HSSC - 6204 posts बेरोजगारों को लिखित परीक्षा या इंटरव्यू के बारे में किसी तरह की पूछताछ करने का भी हक नहीं


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बेरोजगारों को पूछताछ करने का भी हक नहीं
स्टाफ सलेक्शन कमीशन ने विज्ञापन में जो विशेष हिदायतें दी हैं, उनके मुताबिक बेरोजगारों को लिखित परीक्षा या इंटरव्यू के बारे में किसी तरह की पूछताछ करने का भी हक नहीं है। इनमें कहा गया किसी पद के लिए उम्मीदवार की पात्रता और योग्यता के बारे में कमीशन का फैसला अंतिम होगा और उम्मीदवारों को उसे मानना ही होगा। यह भी कमीशन खुद ही तय करेगा कि वह चयन के लिए लिखित परीक्षा करवाए अथवा अन्य कोई प्रक्रिया अपनाए। 
ऊहापोह में रहता हूं: हिमांशु 
गिरिराज अग्रवाल.चंडीगढ़
स्टाफ सलेक्शन कमीशन (एसएससी) की ओर से हाल ही में निकाली गई 6204 से ज्यादा नौकरियों को लेकर प्रदेश के हजारों युवा अंधेरे में हैं। उन्हें यह तक नहीं पता है कि वे जिस नौकरी के लिए आवेदन कर रहे हैं, उसके लिए लिखित परीक्षा देनी होगी या इंटरव्यू से ही सलेक्शन हो जाएगा। अगर लिखित परीक्षा हुई तो उसका सिलेबस क्या होगा? कैसे तैयारी करनी है? कुछ पता नहीं है। इसमें रोचक तथ्य यह है कि वेकेंसी निकालने वाले स्टाफ सलेक्शन कमीशन के सचिव पी. डी. वर्मा को भी चयन प्रक्रिया के बारे में कुछ पता नहीं है। वे कहते हैं कि पहले यह देखा जाएगा कि इन नौकरियों के लिए कुल कितनी एप्लीकेशन आती हैं। एप्लीकेशंस की संख्या के आधार पर कमीशन तय करेगा कि योग्य उम्मीदवारों के चयन के लिए लिखित परीक्षा करानी है या और कोई तरीका अपनाया जाना है। इंटरव्यू तो होगा ही। युवाओं के सामने भ्रम की स्थिति के बारे में वे कहते हैं कि हमने विज्ञापन में ही विशेष हिदायतें दी हैं। 
अन्य राज्यों की व्यवस्था 
तैयारी कैसे करें: साहिल 
मध्य प्रदेश में विज्ञापन में ही आवेदकों को लिखित परीक्षा की पूरी जानकारी दी जाती है। राजस्थान में तो लिखित परीक्षा का सिलेबस तक जारी किया जाता है। परीक्षा होने के दिन ही उत्तर कुंजी जारी की जाती है।

एक्सपर्ट व्यू

इंटरव्यू में सिफारिशों का खेल: विज

भाजपा विधायक दल के नेता अनिल विज के अनुसार प्रदेश में सरकारी नौकरी हो चाहे प्लॉट आवंटन का मामला। इंटरव्यू में ही ' सिफारिशों' का खेल चल रहा है। हरियाणा लोक सेवा आयोग के माध्यम से हाल ही हुई एचसीएस की भर्ती भी इसी आधार पर विवादों में आई हैं। इंडस्ट्रियल प्लॉट आवंटन में भी इंटरव्यू का खेल रचा गया था।

चयन प्रक्रिया का पता होना चाहिए : अग्रवाल

राजस्थान लोक सेवा आयोग में वरिष्ठ उप सचिव गोविंद नारायण अग्रवाल का कहना है कि नौकरी के मामले में आवेदक को एप्लाई करते समय ही चयन प्रक्रिया की पूरी जानकारी होनी चाहिए। आरपीएससी की ओर से वेकेंसी के विज्ञापन में ही पद, आरक्षण का ब्यौरा, परीक्षा शुल्क, अंतिम तिथि, आयु में छूट, परीक्षा के चरण और अन्य जानकारियां दी जाती हैं। सीधी भर्ती की स्थिति में संवीक्षा परीक्षा होती है। लिखित परीक्षा पूरी होने के दिन ही मॉडल उत्तर कुंजी वेबसाइट पर जारी की जाती है। इससे आवेदक को अपना आकलन करने में मदद मिलती है। नौकरियों के मामले में वैसे भी पूरी पारदर्शिता बरती जानी चाहिए।

चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता होनी जरूरी: संपत सिंह

पूर्व वित्त मंत्री संपत सिंह का कहना है कि भर्ती प्रक्रिया में जितनी पारदर्शिता होगी उतना ही युवाओं का भला होगा। इसके लिए यह जरूरी है कि उन्हें वेकेंसी विज्ञापन में ही परीक्षा और इंटरव्यू आदि की पूरी जानकारी दी जाए ताकि वे अपनी तैयारी कर सकें।

स्टाफ सलेक्शन कमीशन की चयन प्रक्रिया पर सवाल, आवेदकों को नहीं पता लिखित परीक्षा होगी या इंटरव्यू

सिरसा निवासी हिमांशु ने बताया कि ग्राम सचिव, पटवारी, एसआई व फॉरेस्ट गार्ड की भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के फॉर्म तो भर दिए लेकिन अभी कोई न तो रिप्लाई आया है और न रोल नंबर या इंटरव्यू कार्ड मिला है। इससे ऊहापोह की स्थिति रहती है। चिंता में न तो प्राइवेट नौकरी र पा रहे हैं और न ही सरकारी नौकरी लग रही है।

सिरसा में वार्ड नंबर दो निवासी साहिल कुमार ने बताया कि कमीशन वेकेंसी के तहत आवेदन तो किया है लेकिन अभी पता नहीं है कि लिखित परीक्षा होगी या सीधे इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा। ऐसे में परीक्षा की तैयारी भी नहीं कर पा रहे हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार संघ लोक सेवा आयोग, राजस्थान लोक सेवा आयोग समेत ज्यादातर राज्यों में पारदर्शी चयन प्रक्रिया अपनाई जाती है। किसी भी पद के लिए आवेदन करते समय कैंडिडेट को चयन प्रक्रिया की पूरी जानकारी होती है। अगर किसी पद के लिए लिखित परीक्षा है तो उसका सिलेबस भी पहले ही जारी किया जाता है। इसी आधार पर कैंडिडेट कोचिंग और गाइडों के माध्यम से भर्ती परीक्षा की तैयारी करते हैं। क्लास टू और क्लास थ्री के ज्यादातर पदों के लिए इंटरव्यू व्यवस्था खत्म कर दी गई है। राजस्थान में तो इंटरव्यू के बजाय 10वीं, 12वीं, स्नातक और स्नातकोत्तर परीक्षाओं में प्राप्तांकों के आधार पर मैरिट बनाई जाती है और उसी के अनुसार चयन किया जाता है।

ये हो सकता है इसका समाधान 

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