PGT appointment letter- process right or wrong


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शुक्रवार को हाईकोर्ट में याचिका खारिज शनिवार को करा दी टीचरों की ज्वाइनिंग 
शिक्षक भर्ती : छुट्टी के दिन सरकार ने दिखाई तेजी 
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी द्वारा उपलब्ध करवाया गया ज्वाइनिंग लेटर 
भास्कर न्यूज. चंडीगढ़/हरियाणा टीम






शुक्रवार को हाईकोर्ट में शिक्षक भर्तियों से जुड़ी याचिका खारिज हुई, शनिवार को छुट्टी के दिन
 शिक्षा विभाग ने चयनित शिक्षकों को आनन-फानन में ज्वाइन करवा दिया। सिरसा, पानीप
त और रेवाड़ी में ही 400 से ज्यादा की ज्वाइनिंग कराई गई। शिक्षकों की ज्वाइनिंग रोक शुक्रवार
 को ही हटी थी।

उधर, हाईकोर्ट में याचिका लगाने वाले विजय बंसल का कहना है कि सरकार ने आनन-फानन
 में इसलिए ज्वाइन करवाया, क्योंकि वे सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाले
 थे। छुट्टी के दिन जिस तेजी के साथ ज्वाइनिंग की यह प्रक्रिया की गई। वो असामान्य व संदेह
 पैदा करने वाली है। वे सुप्रीम कोर्ट में जरूर चुनौती देंगे।

इन विषयों के टीचरों को कराया ज्वाइन: पानीपत की डीईओ शीला बलहारा ने बताया कि
जिले में शनिवार को केमेस्ट्री, फिजिक्स, मैथ्स, पॉलीटिकल साइंस, ज्योग्राफी, साइकोलॉजी
 और सोशयोलॉजी सब्जेक्ट के 72 शिक्षकों को ज्वाइनिंग दी गई। इसी तरह सिरसा में 194 व
 रेवाड़ी में 250 शिक्षकों को ज्वाइन कराया गया। दूसरे जिलों में भी ज्वाइनिंग करवाई गई।

न मेडिकल, न काउंसलिंग, न चरित्र सत्यापन, सीधे नियुक्ति त्न पेज ४
 
 

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आनन-फानन में थमा दिए नियुक्ति पत्र

अधिकारी खामोश

मजाक बनती चली गई शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया

नॉलेजत्नविभाग के नियमानुसार ऐसे होनी चाहिए नियुक्ति

भास्कर पड़तालत्नहाईकोर्ट के आदेश के बाद शिक्षा विभाग ने ताक पर रखे नियम, न मेडिकल, न काउंसलिंग
नियुक्ति पत्र मिला, वेतन कब शुरू होगा पता नहीं

शनिवार को किसी तरह युवाओं ने नियुक्तिपत्र तो हासिल कर लिया लेकिन वेतन कब से मिलना शुरू होगा, उन्हें किस स्कूल में जाना है या नहीं को लेकर जानकारी नहीं है। इस बारे में विभाग का कोई भी अधिकारी भी खुलकर बताने को तैयार नहीं है। उनका दो टूक जवाब है हमें जो बोला गया है वही कर रहे हैं, इससे ज्यादा कुछ भी बताने में असमर्थ हैं। अब पत्र लेने के बावजूद आवेदक असमंजस की स्थिति में हैं कि वे क्या करें।

कोर्ट की छुट्टी, नोटरी पब्लिक के घर जाकर बनवाया हलफनामा

दूसरा शनिवार होने पर कोर्ट में भी अवकाश रहा। नियुक्ति पत्र के साथ हलफनामा जरूरी है। युवा इस कागजात को बनवाने के लिए इधर उधर भटकते रहे। तलाशते हुए नोटरी पब्लिक के घर पहुंचे और 200 से 300 रुपए देकर किसी तरह हलफनामा बनवाया।

नौकरीपेशा युवाओं की मुश्किलें बढ़ी

सबसे ज्यादा मुश्किलें उन युवाओं की बढ़ गई जो निजी कंपनियों व विभिन्न विभागों में कार्यरत है। नियमानुसार दूसरी नौकरी ज्वाइन करने से पहले पुरानी नौकरी से कार्यमुक्त होने की औपचारिकताओं को पूरा करना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने पर उनकी सर्विस कटघरे में आ जाएगी। इसके बावजूद युवाओं ने भारी मन से शिक्षा कार्यालय में आकर नियुक्ति पत्र को भरा। 16 दिसंबर को उनके सामने दिक्कतें आएंगी कि वे हाजिरी कहां लगाए।

शनिवार को शिक्षा विभाग में दिनभर आनन फानन में नियुक्ति की प्रक्रिया देखने लायक थी। इस बारे में शिक्षा अधिकारी संगीता यादव से संपर्क करना चाहा लेकिन कोई जवाब नहीं दिया। विभाग में कोई भी अधिकारी इस प्रक्रिया को लेकर कुछ भी बताने से बचता रहा। बिना नाम बताने की शर्त पर इतना ही कहा कि यह उच्च अधिकारियों का आदेश था। जिसके आधार पर वे कार्रवाई कर रहे हैं।

> शिक्षा विभाग के नियमानुसार काउंसलिंग करके मैरिट के आधार पर नव नियुक्त शिक्षकों को स्टेशन दिया जाना चाहिए था

> जिन गेस्ट प्राध्यापकों की नियुक्ति की गई उसका पद खाली होना चाहिए था, लेकिन खाली पदों की सूची में वह पद खाली नहीं दर्शाया गया।

> स्टेट कैडर होने के कारण साथ लगते जिलों में एक दूसरे जिले के नवनियुक्त प्राध्यापकों ने स्टेशन भरे हैं। ऐसे में काउंसलिंग प्रक्रिया में न्याय कैसे हो सकता है।

> महिलाओं, विकलांग व विधवा को ऐच्छिक स्टेशन मिलना चाहिए।

नियुक्ति होने पर उसका पत्र अभ्यर्थी के पास डाक के द्वारा उसके घर पहुंचता है। उसके बाद शिक्षा निदेशालय समाचार पत्रों के माध्यम से काउंसलिंग की तिथि जारी करता है। काउंसलिंग पूरी होने के तुरंत बाद ही स्टेशन की सूची जारी कर दी जाती है। इसके बाद चयनार्थी का मेडिकल होता है। मेडिकल होने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ज्वाइनिंग रिपोर्ट संबंधित स्कूल के पास भेजता है। स्कूल प्राचार्य ज्वाइनिंग कराने के बाद उसकी सूचना वापस शिक्षा अधिकारी को देता है। उसी दिन से शिक्षक का वेतन शुरू हो जाता है लेकिन शनिवार को हुई नियुक्तियां में एक भी प्रक्रिया को पूरा नहीं किया गया।

रेवाड़ी . रिजल्ट घोषित करने पर लगी रोक हटने के बाद शिक्षकों की भर्ती के लिए डीईओ कार्यालय में लगी आवेदकों की लाइन।

ज्ञान प्रसादत्नरेवाड़ी

रिश्तेदारी में मुम्बई घूमने गई दीपिका को सुबह सूचना मिली कि वह तुरंत गुडग़ांव शिक्षा विभाग पहुंचे। आनन फानन में हवाई जहाज से दिल्ली पहुंची और किसी तरह शिक्षा विभाग कार्यालय में आकर बिना मेडिकल व काउंसलिंग के रसायन विषय के प्राध्यापक के नियुक्ति पत्र की औपचारिकता पूरी की। रेवाड़ी एसबीआई में कार्यरत मीनाक्षी असमंजस में है कि वह बैंक से बिना कार्यभार मुक्त हुए ैसे शिक्षा विभाग से नियुक्ति पत्र हासिल कर सकती है। चूंकि विभाग की तरफ से शनिवार 5 बजे तक ज्वाइन करने के आदेश थे लिहाजा मीनाक्षी शिक्षा विभाग पहुंच गई। आवेदकों ने आशंका जताई है कि हाईकोर्ट में याचिका लगाने वाले विजय बंसल के सुप्रीम कोर्ट में जाने से पहले ही शिक्षा विभाग नियुक्ति करना चाहता हो।

परिणाम से रोक हटते ही जारी किए आदेश

पंजाब- हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर रिजल्ट घोषित करने पर लगी रोक हटने से प्रदेश में 20 हजार शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया था। इस फैसले के तुरंत बाद शिक्षा निदेशालय की तरफ से देर रात चयनित शिक्षकों की सूची और नियुक्ति पत्र नेट पर जारी कर दी। शिक्षा अधिकारियों को मोबाइल पर सूचना दी गई कि वे शनिवार को अवकाश के दिन कार्यालय खुला रखें और नियुक्त हुए शिक्षकों को हर हाल में शनिवार 5 बजे तक नियुक्ति करें। जैसे ही यह सूचना शिक्षकों के पास पहुंची वे आनन फानन में शिक्षा कार्यालय में पहुंच गए। जिले से करीब 250 युवाओं का रसायन, भौतिकी, गणित, भूगोल, मनोविज्ञान, राजनीति शास्त्र, इतिहास, समाजशास्त्र व कॉमर्स विषयों पर पोस्ट ग्रेजुएट टीचर के तौर पर चयन हुआ है।

ठगा महसूस कर रहे मेवात में नियुक्त शिक्षक : तीन माह पहले मेवात कैडर में नियुक्त हुए अनेक युवाओं का हरियाणा कैडर की सूची में भी चयन हो गया। सरकारी अवकाश होने पर मेवात नौकरी कर रहे शिक्षकों के कागजात मेवात शिक्षा कार्यालय में जमा हैं। ऐसे में वे चाहकर भी शनिवार 5 बजे तक अपनी पंसद के स्टेशन पर ज्वाइनिंग की औपचारिकताओं को पूरा नहीं कर पाएंगे।

चार साल का अनुभव पत्र काम नहीं आया : नेट में उन युवाओं की सूची जारी की गई है जिन्होंने एचटेट की परीक्षा उत्तीर्ण की हुई है। एचटेट नहीं होने पर विकल्प के तौर पर चार साल के अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर चयनित होने वाले युवाओं का सूची से नाम गायब मिला।

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