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इंटर्नशिप के लिए ये हैं नियम
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद गुडग़ांव द्वारा स्कूल हेडमास्टरों को जारी आदेश में कहा गया है कि राजकीय प्राइमरी स्कूलों में इंटर्नशिप कर रहे विद्यार्थियों का किसी भी प्रकार से शोषण नहीं होना चाहिए। इंटर्नशिप के दौरान प्रशिक्षु अध्यापक नर्सरी कक्षा को नहीं पढ़ाएंगे। गृह कार्य भी पूर्ण रूप से प्रशिक्षु अध्यापकों से चेक नहीं कराया जा सकता। प्रशिक्षु अध्यापक के साथ एक अध्यापक भी कक्षा में उपस्थित होगा ताकि बच्चों की पढ़ाई किसी प्रकार से प्रभावित न हो।
प्राथमिक पाठशालाओं के हेडमास्टर पर शिक्षा विभाग ने सख्ती कर दी है। डीएड कोर्स करने वाली प्रशिक्षु अध्यापिकाओं से भी जानकारी ली जा रही है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने गुरुवार को गांवों के स्कूलों की चेकिंग की।
डीएड की प्रशिक्षु अध्यापिकाओं ने शिकायत में कहा था कि उनका इंटर्नशिप के दौरान हेडमास्टर मानसिक व शारीरिक शोषण करते हैं। जानकारी मिलते ही शिक्षा विभाग के अधिकारी गांवों में प्राथमिक पाठशालाओं की चेकिंग के लिए निकल गए। अधिकारियों ने जडौला, सलेमपुर, कौल, करोड़ा, सैर, जसवंती, टीक, कुतुबपुर, दिवाल, धुंधरेहड़ी, गुहणा व चीका ब्लाक के प्राथमिक स्कूलों की जांच की। चेकिंग के दौरान डीएड की प्रशिक्षु अध्यापकों से बातचीत की। अधिकारियों ने कहा कि अगर किसी भी प्रकार की दिक्कत है तो वे सीधे उनसे शिकायत कर सकती हैं। चेकिंग के दौरान स्कूल का रिकॉर्ड, हाजिरी रजिस्टर और सफाई को भी जांचा।
शोषण तो मेरा हो रहाहै ,,मुझे 1-5 कक्षा में ही पढाने के लिए भेजते है ,,,lesson डायरी मुझसे 6-7 की बनाते है,,,मुझे मेन्टली बहुत परेशान किया जा रहा ह
ReplyDeleteMuje bhi sir
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