निजी स्कूल संचालकों ने भरी हुंकार


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निजी स्कूल संचालकों ने भरी हुंकार

6राज्यस्तरीय सम्मेलन में सरकार को 17 मार्च तक की मोहलत1

मांगों को लेकर प्रदर्शन करते हरियाणा निजी स्कूल संघ के सदस्य।जागरण 13


Click here to enlarge image रोहतक : सरकार पर दबाव बनाने के लिए प्रदेश भर के निजी स्कूल संचालकों ने शनिवार को यहां जबरदस्त शक्ति प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार को 17 मार्च तक मांगें पूरी करने का समय दिया है, जिसके बाद आंदोलन का शंखनाद करने की चेतावनी भी दे डाली। 1हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ के बैनर तले गोहाना रोड स्थित शिव धर्मशाला में निजी स्कूल संचालक एकत्र हुए और इसके बाद प्रदर्शन करते हुए लघु सचिवालय पहुंच कर सीएम के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की लापरवाही व अनदेखी के चलते प्रदेश के निजी स्कूलों के सामने संकट के बादल छा गए हैं।1 उन्होंने कहा कि जो भी राजनीतिक पार्टी या दल शिक्षा नियमावली-2007 का सरलीकरण करेगा, उसी को प्राइवेट स्कूल संचालक चुनाव में वोट देंगे। मान्यता प्राप्त स्कूल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष राजपाल सिंधु, उपाध्यक्ष ईश्वर सिंह मालवाल, जवाहर दूहन, जितेन्द्र अहलावत, तेलूराम रामायण वाले, मेवात के जिलाध्यक्ष जावेद, पलवल के अध्यक्ष जितेन्द्र झज्जर के जिला सचिव अर्शवर्त, ईश्वर कौशिक व अन्य ने सम्मेलन को संबोधित किया। 1प्रदर्शन के दौरान बने रहे जाम जैसे हालात : प्रदर्शन के कारण दिन भर जाम की स्थिति रही। सम्मेलन के बाद प्रदर्शन करते हुए स्कूल संचालक जिला मुख्यालय की तरफ बढ़े उस समय शहर में करीब तीन घंटे तक जाम जैसी स्थिति रही। भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।1निजी स्कूल संचालकों ने गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को एक कमरा एक कक्षा के हिसाब से मान्यता देने, शिक्षा नियमावली-2007 का सरलीकरण करवाने, मंजूरी व अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों को एक मुश्त स्थायी मान्यता प्रदान करने, धारा-134 के तहत गरीब विद्यार्थियों की शिक्षा पर होने वाला खर्च प्रदेश सरकार वहन करने, स्कूलों को प्रॉपर्टी, ईएसआइ, लेबर एक्ट व दूसरे टैक्सों के दायरे से पूर्ण रूप से बाहर करने, स्कूलों की मान्यता के लिए जमीन की शर्त को कम करने, स्कूलों के मध्य भूमि टुकड़ों की दूरी बढ़ाना, स्कूली बसों को पूर्ण रूप से टैक्स मुक्त करना, स्कूली बसों को पूर्ण रूप से टैक्स मुक्त करना, वर्ष 2007 के बाद स्थापित स्कूलों को एनओसी व सीएलयू लेने की शर्त हटाई जाए, वर्ष 2007 में स्कूल संचालकों पर चंडीगढ़ में दर्ज मामले अविलंब वापस लेने की मांग की है।

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