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शहर और कस्बों के अनुसार लगे फीस'
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प्रॉपर्टी डीलरों को भी देनी होगी पात्रता परीक्षा
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प्रॉपर्टी डीलरों व डेवलपर्स को पंजीकरण कराने के लिए अब पात्रता परीक्षा देनी पड़ सकती है। हरियाणा प्रॉपर्टी डीलर अधिनियम 2008 में संशोधन के लिए चंडीगढ़ में वित्त आयुक्त (राजस्व) टीसी गुप्ता और प्रॉपर्टी डीलर प्रतिनिधियों की बैठक में इस मुद्दे पर भी विशेष चर्चा हुई। सीए हुडा ने बैठक में कुछ रियायतों के अलावा डीलरों के लिए न्यूनतम योग्यता के साथ एक परीक्षा अनिवार्य करने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि लाखों के कारोबार में यह बहुत जरूरी है कि प्रॉपर्टी डीलर को संबंधित विषय का पूर्ण ज्ञान हो। हिसार के प्रॉपर्टी डीलरों का प्रतिनिधित्व एसोसिएशन के प्रधान सुभाष कुण्डू सहित विरेन्द्र सिहाग, राजेश व दया सिंह ने किया। हुडा विभाग की तरफ से सीए (चीफ एडमिनिस्ट्रेटर) एके सिंह बैठक में मौजूद रहे। बैठक में डीलरों ने फीस कम करने की मांग प्रमुखता से उठाई। इसके अलावा पांच साल की फीस एक साथ न लेने, गैर जरूरी रिकार्ड रखना अनिवार्य न हो, विभाग में जाकर डीलर को रिकार्ड जांचने की अनुमति, दुर्घटना या जनहानि की भरपाई सरकार द्वारा करने की मांगें भी रखी। हुडा द्वारा कॉमर्शियल साइट पर प्रॉपर्टी डीलर को ऑफिस की जगह अलॉट करने में विशेष छूट देने, छोटे शहर या कस्बे जहां कोई भी अप्रूव्ड या सरकार द्वारा मंजूर कॉलोनी विकसित नहीं है वहां डीलर को लाइसेंस के दायरे से बाहर रखने या नियम शर्तों में छूट देने को भी कहा गया। काम में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए विभागाध्यक्षों के साथ प्रॉपर्टी डीलर्स की मीटिंग बुलाने की बात भी रखी गई। सुभाष कुण्डू ने सीए हुडा से ट्रांस्फर परमिशन (टीपी) के कागजात का प्रारूप सभी अस्टेट ऑफिसर्स (संपदा अधिकारी) में एक जैसा लागू करने की मांग की है। महकमा एक होने के बावजूद भी हर संपदा अधिकारी का टीपी प्रारूप भिन्न है। 'कानून थोपे न जाएं' प्रधान सुभाष कुण्डू ने कहा कि जनता की भलाई के लिए बनने वाले कानून से संबंधित जन प्रतिनिधियों की राय जाननी चाहिए ताकि कानून को सही तरीके से अमल में लाया जा सके। कानून बनाना काफी नहीं है इसे लोगों द्वारा स्वीकार्य भी होना चाहिए। पहले भी लोगों की राय जानी होती तो आज हजारों डीलर बेरोजगार नहीं होते जो इस कानून के डर से काम छोड़ चुके हैं। रोजगार के अवसर पैदा करने में नाकाम सरकार ने स्वयं रोजगार पैदा कर आजीविका चलाने वालों को भी ऐसे कानून बनाकर बेरोजगार किया है। |
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