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ऐसे शुरू हुआ परीक्षा केंद्रों को लेकर बवाल
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बोर्ड के चेयरमैन को भेजे सैकड़ों पोस्टकार्ड
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...लेकिन बोर्ड ने परीक्षा केंद्र दूर देने का जिम्मा शिक्षा विभाग पर डाला
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बच्चों के साथ धरने पर बैठी महिलाएं, बोर्ड चेयरमैन से पूछा-बताओ इनका क्या कसूर
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ञ्चएसयूसीआई (कम्युनिस्ट) आल इंडिया डेमोक्रेटिक यूथ आर्गेनाइजेशन भी धरने पर
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भास्कर न्यूज त्नरेवाड़ी
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1-2 फरवरी को कड़ाके की ठंड के बीच होने वाली हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा(एचटेट) के सेंटर 100 से 250 किमी दूर दिए जाने के खिलाफ युवा सड़कों पर उतर आए हैं। सोमवार को रेवाड़ी में खासकर महिलाएं अपने बच्चों के साथ धरने पर बैठ गईं। इनका शिक्षा बोर्ड चेयरमैन से एक ही सवाल है कि आखिर बच्चों संग इतनी दूर परीक्षा देने कैसे जाएं, हमारे साथ मासूम भी तंग होंगे। एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) एवं आल इंडिया डेमोक्रेटिक यूथ आर्गेनाइजेशन ने प्रदेश के जिला सभी मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। युवाओं ने हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन को पोस्टकार्ड भेजकर अनेक सवालों के जवाब मांगे हैं। उधर भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ता भी 28 जनवरी को राज्यव्यापी प्रदर्शन कर उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजेंगे। एसयूसीआई के बैनर तले अनेक संगठनों के सदस्यों ने जिला मुख्यालय के सामने धरना शुरू कर दिया। कुछ महिला परीक्षार्थी अपने साथ बच्चों को भी लेकर आई थी। महिलाओं का सीधा आरोप है कि जिले की हजारों महिलाओं का परीक्षा केंद्र हिसार व फतेहाबाद देकर सरकार आखिर क्या साबित करना चाहती है। एसयूसीआई के जिला सचिव कामरेड राजेंद्र सिंह ने कहा कि धरना प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर शुरू किया गया है। परीक्षा केंद्र नहीं बदले जाने तक धरना जारी रहेगा। रेवाड़ी सचिवालय के बाहर बच्चे के साथ धरने पर बैठी महिला। खुद के सवालों में घिरता शिक्षा विभाग और बोर्ड सवाल १ जब बोर्ड परीक्षा केंद्र तय नहीं करता है तो शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने क्यों बोर्ड के चेयरमैन से इस बार परीक्षा केंद्र नजदीक देने की सिफारिश क्यों की
सवाल २ पिछले साल भी दूर परीक्षा केंद्र देने पर हल्ला मचा था जिस पर बोर्ड ने भरोसा दिलाया था कि इस बार परीक्षा केंद्र को लेकर शिकायतें नहीं आएगी, उस पर कोई अमल नहीं हुआ
सवाल 3 शिक्षा विभाग की वर्ष 2011 की पॉलिसी में 13 जिलों में परीक्षा केंद्र बनाने की बात कही हैं जबकि बोर्ड के अधिकारियों ने स्पष्ट किया था राज्य के 8 जिले झज्जर, रोहतक, सिरसा, भिवानी, महेंद्रगढ़, मेवात, पलवल में सेंटर नहीं बनाए गए हैं क्योंकि यहां धांधलेबाजी व नकल की शिकायतें आ रही थी। ऐसे में सवाल उठता है कि 2011 से अभी तक इन जिलों में नकल को खत्म करने में बोर्ड व विभाग अभी तक नाकाम रहा है। बोर्ड से पॉलिसी फाइल मंगवाई है, जल्द ही कोई समाधान निकाल लेंगे : शिक्षा मंत्री शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने कहा कि बोर्ड से पॉलिसी संबंधित फाइल मंगवा ली है। परीक्षा को लेकर किसी को बेवजह परेशानी का सामना नहीं करना पड़े, इस पर अधिकारियों से विचार कर रहे हैं। हमारे पास परीक्षा केंद्र नजदीक करने को लेकर कुछ मंत्रियों के भी सुझाव आए हैं। जल्द ही हम स्थिति को स्पष्ट कर देंगे। रेवाड़ी. हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने एचटेट परीक्षा केंद्र दूर देने को लेकर मच रहे बवाल पर खुद को किनारे कर कर लिया है। सोमवार को बोर्ड सचिव ने कहा कि परीक्षा केंद्र बोर्ड नहीं शिक्षा विभाग की 2011 में बनाई गई पॉलिसी के तहत निर्धारित किए जाते हैं। बोर्ड सचिव डॉ. अंशज सिंह ने भास्कर से बातचीत में स्पष्ट किया कि एचटेट परीक्षा में किसी को भी जानबूझकर टारगेट नहीं किया गया है यानि कि किसी भी जिले के बच्चों को दूर परीक्षा सेंटर अलॉट नहीं किया गया है। सी परीक्षा सेंटर शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित पॉलिसी के अनुसार ही दिए गए हैं। शिक्षा विभाग ने वर्ष 2011 में पॉलिसी बनाई थी। पॉलिसी के अनुसार ही एचटेट परीक्षा के लिए प्रदेश में 13 जिलों व चंडीगढ़ में परीक्षा केंद्र अलॉट किए जाते हैं। पंजाब-राजस्थान में यह परीक्षा गृह जिले में होती है पंजाब- राजस्थान राज्यों में शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्र गृह जिले में ही बनाए जाते हैं ताकि बेरोजगार युवाओं पर अतिरिक्त आर्थिक भार नहीं पड़े। जबकि हरियाणा में परीक्षा को लेकर कोई मापदंड निर्धारित नहीं किया। 3 लाख 98 हजार परीक्षार्थियों में 60 फीसदी महिलाएंं दो दिन तक चलने वाली परीक्षा में 13 जिलों में बनाए परीक्षा केंद्रों पर 3 लाख 98 हजार 406 परीक्षार्थी भाग लेंगे। इसमें 60 फीसदी महिलाए हैं जिसमें 15 हजार से ज्यादा ऐसी हैं जिन पर 3 माह से लेकर 3 साल तक के बच्चे की देखभाल का भी जिम्मा है। इस स्थिति में महिला उम्मीदवार के साथ परिवार के किसी ना किसी एक सदस्य का जाना भी मजबूरी हो जाएगा। फीस 600 रुपए, परीक्षा केंद्र पहुंचने के लिए खर्च होंगे 3 से 4 हजार बोर्ड ने एचटेट की परीक्षा के लिए 600 रुपए फीस निर्धारित की थी। रोडवेज व ट्रेन के माध्यम से समय पर परीक्षा केंद्र पहुंचने के जोखिम से बचने के लिए हजारों युवा निजी वाहन से केंद्रों पर पहुंचेंगे। इस स्थिति में उन्हें कम से कम 3 हजार रुपए से लेकर 4 हजार निजी वाहन करने के नाम पर भुगतने पड़ेंगे। इस बार भी हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने परीक्षा केंद्रों का बंदरबांट किया। जिसके चलते झज्जर, रोहतक, मेवात, कुरुक्षेत्र, फरीदाबाद, पंचकूला व अंबाला के रहने वाले (सभी नहीं)एक लाख युवाओं को कुछ राहत मिली है जबकि शेष अन्य जिलों के तीन लाख युवाओं के लिए यह परीक्षा किसी सजा से कम नहीं होगी। रेवाड़ी के युवा फतेहाबाद, फतेहाबाद वाले महेंद्रगढ़ में, सिरसा रहने वाले 200 किमी दूर जाकर करनाल परीक्षा देंगे। धरना प्रदर्शन के दौरान अनेक युवाओं ने बोर्ड के चेयरमैन केसी भारद्वाज को पोस्टकार्ड लिखकर अनेक सवालों के जवाब मांगे हैं। १. गांवों में रहने वाली महिलाएं कैसे 150-250 किमी दूर परीक्षा केंद्र पर पहुंच पाएंगी? २. फतेहाबाद के लिए ट्रेन-रोडवेज की सीधी सर्विस नहीं, किस आधार पर केंद्र बनाए ३. एक तरफ रक्षाबंधन पर महिलाओं के लिए रोडवेज मुफ्त, दूसरी तरफ परीक्षा के नाम पर सजा क्यों? ४. 16 फरवरी को सीटेट की परीक्षा नजदीक हो रही है तो एचटेट के लिए बोर्ड संवेदनहीन क्यों बना? ५. अगर रात के समय कोई अप्रिय घटना हो जाती है तो क्या बोर्ड इसकी जिम्मेदारी लेने को तैयार है? |
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