primary school merging Haryana


School will close having student strength 20 or less (see full news )
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Sirsa : शिक्षा विभाग ने जिले के 8 राजकीय प्राथमिक स्कूलों को किया मर्ज (11.04.2016)
शिक्षा विभाग ने इस वर्ष प्रदेश के 165 स्कूलों को मर्ज कर दिया है।जिनमें सिरसा जिला के 8 स्कूलों को समयोजित किया गया है। खंड ऐलनाबाद के गांव खारी सुरेरा के राजकीय प्राथमिक गर्ल्स स्कूल को राजकीय प्राथमिक स्कूल में, खंड चौपटा के गांव तरकांवाली के राजकीय प्राथमिक स्कूल को राजकीय गर्ल्स प्राथमिक स्कूल में, खंड डबवाली के गांव भारूखेड़ा के राजकीय गर्ल्स प्राथमिक स्कूल को राजकीय प्राथमिक स्कूल में, ओढ़ां के आनंदगढ़ गांव के राजकीय गर्ल्स प्राथमिक स्कूल को राजकीय प्राथमिक स्कूल में, गांव मिठड़ी के राजकीय प्राथमिक स्कूल को राजकीय गर्ल्स प्राथमिक स्कूल में, गांव ओढ़ां के राजकीय प्राथमिक बॉयज स्कूल को राजकीय प्राथमिक स्कूल में, रानियां खंड के गांव ढाणी सैनपाल के राजकीय प्राथमिक स्कूल को राजकीय बॉयज प्राथमिक स्कूल में, गांव मतुवाला के राजकीय गर्ल्स प्राथमिक स्कूल से राजकीय प्राथमिक स्कूल में समायोजित किया गया है। इन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या 20 से 35 के बीच में थी। इन स्कूलों को गांव के ही राजकीय प्राथमिक गर्ल्स स्कूल से राजकीय प्राथमिक बॉयज स्कूल या राजकीय बॉयज स्कूल से राजकीय गर्ल्स स्कूल में समायोजित किया जा रहा है।
उन स्कूलों में कार्यरत अध्यापकों के पद को सरप्लस कर दिया है। अब इन सरप्लस अध्यापकों को दूसरे स्कूलों में रिक्त पदों पर भेजा जाएगा. शिक्षा विभाग ने जिले में 532 राजकीय प्राथमिक स्कूल खोले हुए है। जिनमें से अब 8 राजकीय प्राथमिक स्कूलों को दूसरे स्कूलों में समायोजित कर दिया है। इससे अब स्कूलों की जिले में 524 राजकीय प्राथमिक स्कूल रह गये हैं
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कैथल में स्कूल बंद करने पर लगी सरकार : तीन प्राइमरी स्कूलों को किया मर्ज (25.12.2015)
प्राइमरी स्कूल में 60 से कम बच्चे होने के कारण जिले भर के तीन प्राइमरी स्कूलों को मर्ज कर दिया गया है। अब इन स्कूलों की हाजिरी नए रजिस्टर में लगेगी। स्कूलों को तुरंत प्रभाव से मर्ज करने का आदेश स्कूल मुखियों को भेज दिया गया है। शिक्षा विभाग का तर्क है कि स्कूल मर्ज करने से अध्यापकों कि कमी से भी थोड़ी राहत मिलेगी।
डिप्टी डीईओ शमशेर ¨सह सिरोही ने बताया कि शिक्षा निदेशक के आदेशानुसार जिले में तीन प्राइमरी स्कूलों को मर्ज गया है। इन स्कूलों में बच्चों की संख्या 60 से कम थी। मर्ज किए स्कूलों के बच्चों को सर्दी की छुट्टियों के बाद नजदीक के प्राइमरी स्कूल में शिफ्ट कर दिया जाएगा। इसके तहत सिर्फ उन्हीं स्कूलों को मर्ज किया गया है जिसके एक किलोमीटर के दायरे में दूसरा राजकीय प्राइमरी स्कूल था।
ये स्कूल किए गए हैं बंद
जिले में दुसैन, दुब्बल व रसीना के प्राइमरी स्कूलों को बंद करके नजदीक के स्कूलों में बच्चों को शिफ्ट किया गया है। दुसैन में लड़कों का स्कूल बंद कर बच्चों को लड़कियों के स्कूल में, दुब्बल में लड़कियों का स्कूल बंद कर लड़कों के स्कूल में और रसीना के स्कूल को बंद कर नजदीक के प्राइमरी स्कूल में बच्चों को शिफ्ट कर दिया गया है
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24.12.2015-शिक्षा विभाग ने प्रदेश के 65 प्राथमिक स्कूलों को किया मर्ज
महेंद्रगढ़ जिले के सबसे ज्यादा स्कूल
सिवानी मंडी : शिक्षा विभाग ने राज्य के 20 जिलों के करीब 65 प्राथमिक स्कूलों को वन टीचर वन क्लास रूम कार्यक्रम के तहत मर्ज किया है। खास बात यह है कि सबसे ज्यादा स्कूल मर्ज शिक्षा मंत्री के गृह जिले महेंद्रगढ़ में हुए हैं। महेंद्रगढ़ जिले के करीब 25 प्राथमिक स्कूलों को मर्ज किया है। विभाग ने वन टीचर, वन क्लास रूम कार्यक्रम के तहत एक किलोमीटर दूरी पर दो स्कूलों को मर्ज किया है। प्रदेश में पलवल जिले को छोड़कर बाकी सभी जिलों के कोई ना कोई स्कूल को मर्ज किया गया। सबसे ज्यादा शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा के गृह जिले महेंद्रगढ़ में 25 स्कूलों का मर्ज किया है। सबसे कम स्कूल मर्ज फरीदाबाद पंचकूला में 1 स्कूल को मर्ज किया है।
04.11.2014 News 
कुरुक्षेत्र : विभाग ने एक कक्षा को एक शिक्षक और एक कमरा देने का नियम बनाकर स्कूलों को मर्ज करने के आदेश दे दिए हैं।
पिछले दस वर्षो में प्रदेश में शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा एक किलो मीटर के दायरे में स्कूल खोलने की योजना अब दम तोड़ चुकी है। योजना के तहत हर गांव में, ईंट भट्ठों और डेरों तक में स्कूल खोले गए थे। इन स्कूलों में प्रदेश शिक्षा विभाग न
तो विद्यार्थियों को उचित शिक्षा दिला पाया था और न ही अन्य सुविधाएं। आधे से अधिक स्कूलों में बच्चों की संख्या 100
को आंकड़ा भी नहीं छू पाई थी। लगभग स्कूलों में एक या दो शिक्षकों से ही काम चलाया जा रहा था। अब विभाग ने पुराने र्ढे पर लौटते हुए स्कूलों को मर्ज करने की योजना को अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया है। विभाग अगले एक माह में प्रदेशभर में ऐसे सैकड़ों स्कूलों को दूसरे स्कूलों में मर्ज कर देगा। पिछले पांच सालों में बने भवनों के बारे में नहीं है जवाब
वहीं विभाग की इस कार्रवाई के बाद सवाल पैदा होता है कि पिछले दस वर्षो में हर गांवों में दो-दो स्कूलों के भवनों पर पानी की तरह पैसा बहाया है। जिसपर प्रदेश सरकार के करोड़ों रुपये लग गए और गांवों की पंचायतों के सैकड़ों एकड़ भूमि जाया हो गई। विभाग के अधिकारियों के पास कोई जवाब नहीं है।

लड़कियों के स्कूलों में होंगे मर्ज वहीं पिछले दिनों विभाग ने स्कूलों को मर्ज किया था। जिसमें छात्र संख्या को केंद्र में रखा गया था, जिसके कारण ज्यादातर लड़कियों के स्कूल मर्ज हो गए थे, लेकिन इस बार इसका ख्याल रखा जाएगा। नियमों के अनुसार सबसे पहले लड़कों के स्कूलों को लड़कियों के स्कूल में मर्ज करने की कोशिश की जाएगी। शिक्षक संघों को आपत्ति वहीं दूसरी ओर शिक्षकों को हर दिन आने वाले फरमानों पर शिक्षक संघों को आपत्ति है।संघो का कहना है कि विभाग हर दिन फरमान देता है। अब उन भवनों का क्या होगा और इससे शिक्षकों के पर सरप्लस हो जाएंगे। विभाग शिक्षकों की संख्या पूरी न कर
पाने के चलते यह कदम उठा रहा है । दूर से आने वाले बच्चों को मिलेगा किराया भत्ता विभाग ने आरटीई का ख्याल रखने
का दावा भी किया है। आलाधिकारियों के अनुसार दूर से आने वाले विद्यार्थियों को किराया भत्ता मिलेगा।इसके लिए  विभाग की ओर से ऐसे विद्यार्थियों के परिजनों के अकाउंट में सीधे किराया भत्ता भेजा जाएगा। अपने बच्चों को स्कूल तक पहुंचाने
की जिम्मेवारी अभिभावकों की होगी, न की विभाग की। बच्चों की सुविधा के लिए उठाया कदम जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी धीरज मलिक ने बताया कि अब तक कई स्कूलों में आरटीई के नियमों के अनुसार शिक्षक दिए गए थे। जिसमें 60 बच्चों पर दो शिक्षक देने थे। ऐसे में पांच कक्षाओं को मात्र दो या कई बार एक शिक्षक ही पढ़ा रहा था। बच्चों को सभी सुविधाएं देने के लिए यह कदम उठाया गया है।
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21.11.2014 News
अब घर से स्कूल दूर तो बच्चों को मिलेगा किराया 
प्रदेशभर के सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने को शिक्षा विभाग की कवायद 
कैथल | सरकारीस्कूलों में लगातार बच्चों की घटती संख्या को बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग नई योजना शुरू करने जा रहा है। इसके अगर घर से स्कूल दूर हो तो आने-जाने का किराया बच्चों को दिया जाएगा। पहली से आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले प्रदेशभर के करीब 20 लाख बच्चे इससे लाभान्वित होंगे। 
जिलेभर के 378 प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या 56,512 है। इसके अलावा 64 मिडल स्कूलों में 41,436 बच्चे पढ़ रहे हैं। प्राइमरी से मिडिल स्कूल तक पढ़ने वाले बच्चों की संख्या 97,948 है। जबकि प्रदेशभर में पहली से आठवीं कक्षा तक पढ़ने वाले बच्चों की संख्या करीब साढ़े 20 लाख है।
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24.11.2014 News
प्रदेश के 1500 प्राथमिक स्कूलों का होगा विलय
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश की नई सरकार भी पूर्व सरकार के र्ढे पर ही आगे बढ़ रही है। प्राथमिक शिक्षा की सेहत सुधारने के बजाए स्कूलों के विलय पर ही शिक्षा विभाग आमादा है। पूर्व सरकार के समय जहां लगभग चार सौ प्राथमिक स्कूलों का विलय किया गया, वहीं अब एक साथ लगभग पंद्रह सौ स्कूलों के विलय की तैयारी है। शिक्षा विभाग ने पहले 25 छात्रों से कम संख्या वाले स्कूलों को बंद किया, अब चालीस बच्चों से कम वाले स्कूलों को अन्य स्कूलों में मिलाया जाएगा।1पूर्व सरकार के समय सिर्फ 183 स्कूलों का ही विलय प्रधान सचिव स्कूल शिक्षा के लिखित आदेशों पर किया गया। इसके बाद की कार्रवाई मौखिक आदेशों पर ही हुई। इस बार भी स्कूलों के विलय की तैयार महानिदेशक स्कूल शिक्षा के लिखित के बजाए मौखिक आदेशों पर ही जिला व खंड स्तर पर चल रही है। वर्ष 2012 में पूर्व कांग्रेस सरकार ने एक विधेयक पास कर एक ही गांव में चल रहे दो प्राथमिक विद्यालयों के विलय की प्रक्रिया शुरू की थी, जो अब रीति ही बनती जा रही है। शिक्षा का अधिकार कानून के अनुसार प्राथमिक स्कूल 1 किमी के दायरे में और मिडल स्कूल 1.5 से 2 किमी के दायरे में होने चाहिए। लेकिन, स्कूलों के विलय में इस शर्त को दरकिनार किया जा रहा है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मानें तो अभी 2-2 किमी तक दायरे में आने वाले प्राथमिक स्कूलों का विलय भी होगा।

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