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सरकार के फैसले तक बने रहेंगे जेबीटी टीचर
, चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के जस्टिस जसबीर सिंह की खंडपीठ ने वर्ष 2000 में भर्ती किये गए 3206 जूनियर बेसिक ट्रेंड (जेबीटी) अध्यापकों में से 2985 शिक्षकों की नियुक्ति को रद करने के फैसले पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया है। दायर अपील पर सुनवाई करते हुए इस मामले के निर्णय को प्रदेश सरकार के विवेक पर छोड़ दिया है।1मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार ने कोर्ट को बताया कि एडवोकेट जनरल से कानूनी राय ली जा रही है और उसके बाद उस राय पर निर्णय लेने में कुछ समय लग सकता है। सरकार ने अपना पक्ष रखने के लिए कोर्ट से चार सप्ताह का समय मांगा है। बेंच ने सरकार को 4 मार्च तक का समय देते हुए मामले की सुनवाई स्थगित कर दी। सुनवाई के दौरान सहमति नजर आई कि सरकारी रुख सामने आने तक जेबीटी अध्यापकों को हटाया नहीं जाएगा, लेकिन कोर्ट ने इस विषय पर कोई भी फैसला या टिप्पणी नहीं की। हाई कोर्ट की एकल बेंच ने 8 जनवरी को इस भर्ती को रद करते हुए नए सिरे से मेरिट लिस्ट बनाने का फैसला सुनाया था। जस्टिस के कन्नन ने अपने 30 पेज के आदेश में इन पदों पर भर्ती के लिए चार सप्ताह में नए सिरे से मेरिट सूची तैयार करने का भी आदेश दिया था। इन 3206 में से केवल 221 शिक्षकों की नियुक्ति को सही ठहराया था। 1एकल बेंच ने यह भी साफ कर दिया था की जिन 2985 शिक्षकों को हटाया जाएगा उन्हें उनका बकाया आठ सप्ताह के बीच जारी किया जाए और जो नई मेरिट सूची तैयार की जाएगी उसमें यदि इन उम्मीदवारों का नाम मेरिट में आता है तो उन्हें नियुक्त किया जाए। जिनका नाम मेरिट लिस्ट में नहीं आता उन्हें हटा दिया जाए। उन्हें किसी प्रकार का नोटिस देने की भी जरूरत नहीं है, लेकिन उनसे कोई रिकवरी नहीं की जाएगी।
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जेबीटी भर्ती मामला: हरियाणा सरकार को मिली मोहलत
सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए कोर्ट ने दी मोहलत
चंडीगढ़ (ब्यूरो)। हरियाणा में चौटाला शासन काल में जेबीटी भरतियों को रद्द करने के सिंगल बेंच के आदेशों के खिलाफ दाखिल याचिका के मामले में हरियाणा सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए कुछ समय की मोहलत मिल गई है। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने जेबीटी भर्ती में उजागर हुई गड़बड़ियों के बाद इसे रद्द करने के आदेश जारी किए थे। हाईकोर्ट के आदेशों के बाद तीन हजार के करीब टीचराें की नौकरी पर तलवार लटक गई है। मंगलवार को सरकार की तरफ से जवाब दाखिल करने के लिए कुछ समय की मोहलत देने का आग्रह किया गया। जस्टिस ने आग्रह को स्वीकार कर मामले की सुनवाई स्थगित कर दी
Prt ka result kab out hoga please tell
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