32 वर्ष तक दे सकेंगे। साथ ही उन्हें चार के बजाय छह मौके भी मिलेंगे।1मौजूदा नियमों के तहत सामान्य वर्ग अभ्यर्थी अधिकतम 30 वर्ष की आयु तक चार बार परीक्षा दे सकते हैं, जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) परीक्षार्थियों को 33 वर्ष तक सात मौके मिलते हैं। एससी/एसटी अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल होने के मौकों की तो कोई सीमा नहीं है, लेकिन आयुसीमा 35 वर्ष है। नए नियमों के तहत ओबीसी परीक्षार्थियों को 35 वर्ष की आयु तक नौ मौके मिलेंगे, जबकि एससी/एसटी की आयुसीमा 37 वर्ष कर दी गई है। सामान्य व ओबीसी के विकलांग अभ्यर्थियों को अब सात के बजाय नौ मौके मिलेंगे। सामान्य वर्ग के विकलांग अभ्यर्थियों की आयुसीमा 42 वर्ष और ओबीसी के लिए 45 वर्ष कर दी गई है। एससी/एसटी के विकलांग अभ्यर्थियों की आयुसीमा 47 वर्ष कर दी गई है।नई दिल्ली, प्रेट्र : सिविल सेवा पाठ्यक्रम में बदलाव के बाद केंद्र सरकार ने पहले तो परीक्षा में बैठने के मौके बढ़ाए और अब परीक्षार्थियों को एक और राहत देते हुए आयुसीमा में छूट भी दे दी है। अब सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी यूपीएससी द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा 30 के बजाय 32 वर्ष तक दे सकेंगे। साथ ही उन्हें चार के बजाय छह मौके भी मिलेंगे।1मौजूदा नियमों के तहत सामान्य वर्ग अभ्यर्थी अधिकतम 30 वर्ष की आयु तक चार बार परीक्षा दे सकते हैं, जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) परीक्षार्थियों को 33 वर्ष तक सात मौके मिलते हैं। एससी/एसटी अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल होने के मौकों की तो कोई सीमा नहीं है, लेकिन आयुसीमा 35 वर्ष है। नए नियमों के तहत ओबीसी परीक्षार्थियों को 35 वर्ष की आयु तक नौ मौके मिलेंगे, जबकि एससी/एसटी की आयुसीमा 37 वर्ष कर दी गई है। सामान्य व ओबीसी के विकलांग अभ्यर्थियों को अब सात के बजाय नौ मौके मिलेंगे। सामान्य वर्ग के विकलांग अभ्यर्थियों की आयुसीमा 42 वर्ष और ओबीसी के लिए 45 वर्ष कर दी गई है। एससी/एसटी के विकलांग अभ्यर्थियों की आयुसीमा 47 वर्ष कर दी गई हैwww.teacherharyana.blogspot.com (Recruitment , vacancy , job , news) www.facebook.com/teacherharyana
सिविल सेवा परीक्षा के लिए बढ़ाई आयुसीमा
32 वर्ष तक दे सकेंगे। साथ ही उन्हें चार के बजाय छह मौके भी मिलेंगे।1मौजूदा नियमों के तहत सामान्य वर्ग अभ्यर्थी अधिकतम 30 वर्ष की आयु तक चार बार परीक्षा दे सकते हैं, जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) परीक्षार्थियों को 33 वर्ष तक सात मौके मिलते हैं। एससी/एसटी अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल होने के मौकों की तो कोई सीमा नहीं है, लेकिन आयुसीमा 35 वर्ष है। नए नियमों के तहत ओबीसी परीक्षार्थियों को 35 वर्ष की आयु तक नौ मौके मिलेंगे, जबकि एससी/एसटी की आयुसीमा 37 वर्ष कर दी गई है। सामान्य व ओबीसी के विकलांग अभ्यर्थियों को अब सात के बजाय नौ मौके मिलेंगे। सामान्य वर्ग के विकलांग अभ्यर्थियों की आयुसीमा 42 वर्ष और ओबीसी के लिए 45 वर्ष कर दी गई है। एससी/एसटी के विकलांग अभ्यर्थियों की आयुसीमा 47 वर्ष कर दी गई है।नई दिल्ली, प्रेट्र : सिविल सेवा पाठ्यक्रम में बदलाव के बाद केंद्र सरकार ने पहले तो परीक्षा में बैठने के मौके बढ़ाए और अब परीक्षार्थियों को एक और राहत देते हुए आयुसीमा में छूट भी दे दी है। अब सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी यूपीएससी द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा 30 के बजाय 32 वर्ष तक दे सकेंगे। साथ ही उन्हें चार के बजाय छह मौके भी मिलेंगे।1मौजूदा नियमों के तहत सामान्य वर्ग अभ्यर्थी अधिकतम 30 वर्ष की आयु तक चार बार परीक्षा दे सकते हैं, जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) परीक्षार्थियों को 33 वर्ष तक सात मौके मिलते हैं। एससी/एसटी अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल होने के मौकों की तो कोई सीमा नहीं है, लेकिन आयुसीमा 35 वर्ष है। नए नियमों के तहत ओबीसी परीक्षार्थियों को 35 वर्ष की आयु तक नौ मौके मिलेंगे, जबकि एससी/एसटी की आयुसीमा 37 वर्ष कर दी गई है। सामान्य व ओबीसी के विकलांग अभ्यर्थियों को अब सात के बजाय नौ मौके मिलेंगे। सामान्य वर्ग के विकलांग अभ्यर्थियों की आयुसीमा 42 वर्ष और ओबीसी के लिए 45 वर्ष कर दी गई है। एससी/एसटी के विकलांग अभ्यर्थियों की आयुसीमा 47 वर्ष कर दी गई हैwww.teacherharyana.blogspot.com (Recruitment , vacancy , job , news) www.facebook.com/teacherharyana
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