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एससी, बीसी व बीपीएल छात्रों की स्कॉलरशिप अटकी
रवि हसिजा, जींद : प्रदेश के हजारों एससी, बीसी, बीपीएल छात्रों को तीन तिमाही से स्कॉलरशिप की राशि नहीं मिल पाई है। स्कॉलरशिप जारी न होने से करोड़ों रुपये की ग्रांट लैप्स होने के कगार पर है। ट्रेजरी से बिल नहीं बनने के कारण यह राशि विद्यार्थियों के बैंक खातों में नहीं पहुंची है।1शिक्षा विभाग द्वारा एससी, बीसी, बीपीएल छात्रों को स्कॉलरशिप प्रदान की जाती है। स्कॉलरशिप की उक्त राशि छात्रों को तीन-तीन महीने की चार तिमाही में प्रदान की जाती है। ट्रेजरी से बिल पास होने के बाद राशि को शिक्षा विभाग द्वारा छात्रों के अकाउंट में डालने की प्रक्रिया अमल में लाई जाती है। फिलहाल उक्त कैटेगरी के विद्यार्थियों को शैक्षणिक सत्र की तीन तिमाही (दूसरी, तीसरी व चौथी) की राशि नहीं मिल सकी है। इसके लिए शिक्षा विभाग ने बाकायदा बजट जारी किया हुआ है। बताया जा रहा है कि करोड़ों रुपये के बिल ट्रेजरी में अटके पड़े हैं। दिसंबर माह तक स्कूल मुखियाओं द्वारा 50 प्रतिशत राशि खाते से निकाली जानी थी, लेकिन यूजर आइडी नहीं बनने के कारण ऐसा नहीं हो सका। इसलिए अब बिल नहीं बन पा रहे हैं। बताया जा रहा है कि स्कूल में बिजली, जनरेटर की सुविधा न होने के कारण कंप्यूटर बंद पड़े रहते हैं। कई स्कूलों में इंटरनेट भी नहीं चले, जिसके चलते स्कूल मुखियाओं को बाहर से काम करना पड़ा और समय लग गया। इससे अब बिल नहीं बन पा रहे हैं।1‘विभाग और मौका दे’1राजकीय स्कूल प्रिंसिपल एसोसिएशन के पूर्व प्रधान रमेशचंद्र मलिक ने कहा कि यूजर आइडी नहीं बनने के कारण बजट प्रयोग नहीं हो सका, जिससे अब टेजरी से बिल नहीं बन रहे हैं और राशि बच्चों के खातों में नहीं जा रही है। वित्त विभाग उन्हें राशि निकलवाने के लिए एक मौका और दे।रवि हसिजा, जींद : प्रदेश के हजारों एससी, बीसी, बीपीएल छात्रों को तीन तिमाही से स्कॉलरशिप की राशि नहीं मिल पाई है। स्कॉलरशिप जारी न होने से करोड़ों रुपये की ग्रांट लैप्स होने के कगार पर है। ट्रेजरी से बिल नहीं बनने के कारण यह राशि विद्यार्थियों के बैंक खातों में नहीं पहुंची है।1शिक्षा विभाग द्वारा एससी, बीसी, बीपीएल छात्रों को स्कॉलरशिप प्रदान की जाती है। स्कॉलरशिप की उक्त राशि छात्रों को तीन-तीन महीने की चार तिमाही में प्रदान की जाती है। ट्रेजरी से बिल पास होने के बाद राशि को शिक्षा विभाग द्वारा छात्रों के अकाउंट में डालने की प्रक्रिया अमल में लाई जाती है। फिलहाल उक्त कैटेगरी के विद्यार्थियों को शैक्षणिक सत्र की तीन तिमाही (दूसरी, तीसरी व चौथी) की राशि नहीं मिल सकी है। इसके लिए शिक्षा विभाग ने बाकायदा बजट जारी किया हुआ है। बताया जा रहा है कि करोड़ों रुपये के बिल ट्रेजरी में अटके पड़े हैं। दिसंबर माह तक स्कूल मुखियाओं द्वारा 50 प्रतिशत राशि खाते से निकाली जानी थी, लेकिन यूजर आइडी नहीं बनने के कारण ऐसा नहीं हो सका। इसलिए अब बिल नहीं बन पा रहे हैं। बताया जा रहा है कि स्कूल में बिजली, जनरेटर की सुविधा न होने के कारण कंप्यूटर बंद पड़े रहते हैं। कई स्कूलों में इंटरनेट भी नहीं चले, जिसके चलते स्कूल मुखियाओं को बाहर से काम करना पड़ा और समय लग गया। इससे अब बिल नहीं बन पा रहे हैं।1‘विभाग और मौका दे’1राजकीय स्कूल प्रिंसिपल एसोसिएशन के पूर्व प्रधान रमेशचंद्र मलिक ने कहा कि यूजर आइडी नहीं बनने के कारण बजट प्रयोग नहीं हो सका, जिससे अब टेजरी से बिल नहीं बन रहे हैं और राशि बच्चों के खातों में नहीं जा रही है। वित्त विभाग उन्हें राशि निकलवाने के लिए एक मौका और दे।
very urgent &useful nwws
ReplyDeleteUtter carelessnes and neglicence of govt. Schools DDO.
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