मीरपुर स्थित इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा मान्यता दे दी गई है। यूनिवर्सिटी को सेक्शन-2एफ ऑफ यूजीसी एक्ट के तहत मान्यता दी गई है। इसके साथ ही यूनिवर्सिटी को एकेडमिक अधिकार प्राप्त हो गए। स्थापना के बाद इतने कम समय में ही यूजीसी से मान्यता प्राप्त करने वाली गिनी चुनी यूनिवर्सिटी में से यह एक है। अब यूनिवर्सिटी की ओर से सेक्शन-12बी के तहत मान्यता के लिए अप्लाई करने की तैयारी है।
सरकार की ओर से मीरपुर में 7 सितंबर 2013 में इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय की स्थापना की गई। यूनिवर्सिटी का दर्जा मिलने के बाद भी एकेडमिक अधिकारों के लिए यूजीसी से मान्यता मिलना अनिवार्य होता है। अब यूजीसी द्वारा यूनिवर्सिटी को सेक्शन-02एफ के तहत मान्यता दी गई है। इससे यूनिवर्सिटी अपने एकेडमिक फैसले लेने में सक्षम। यानि विवि में खुद परीक्षाओं का आयोजन कराना, उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन, परिणाम घोषित करना तथा विद्यार्थियों को पास या फेल करना आदि यूनिवर्सिटी के अधिकार क्षेत्र में होगा। विवि इसके लिए पूरी तरह स्वतंत्र है।
विवि में ये कोर्स चल रहे हैं
विश्वविद्यालय में वर्तमान में एमए हिंदी, ज्योग्राफी, हिस्ट्री, मैथ, इकोनॉमिक्स, कॉमर्स, एमसीए और एमबीए है। वहीं, इंग्लिश, कॉमर्स, मैथ, हिस्ट्री व इकोनॉमिक्स इन 5 विषय में एमफिल तथा कॉमर्स में प्री-पीएचडी कोर्स उपलब्ध है।
॥एक-दो दिन में सेक्शन-12बी ऑफ यूजीसी एक्ट के लिए अप्लाई कर दिया जाएगा। उम्मीद है कि महीनेभर में ही यूजीसी से इस एक्ट के तहत भी मान्यता मिल जाएगी। यूनिवर्सिटी अब और नए विषय शुरू करने की भी तैयारी है। -मोहिंद्र कुमार, कुलपति, इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी, मीरपुर।
ग्रांट शुरू होगी, नैक का ग्रेड मिलना अभी बाकी
यूनिवर्सिटी की ओर से अब सेक्शन-12 बी ऑफ यूजीसी एक्ट के लिए अप्लाई करने की तैयारी है। इस एक्ट के तहत मान्यता के बाद यूनिवर्सिटी को यूजीसी से फाइनेंशियल हेल्प मिलनी शुरू जाएगी। यानि सेक्शन-12बी मान्यता के बाद यूजीसी की ओर से यूनिवर्सिटी को ग्रांट मिलनी शुरू होगी। फिलहाल यूनिवर्सिटी के पास सरकार द्वारा ही ग्रांट भेजी जा रही है। इसके अलावा यूनिवर्सिटी को एनएएसी (नैक) द्वारा ग्रेड मिलना भी बाकी है। इसके बाद ग्रेड के आधार पर ग्रांट राशि व अन्य सुविधाओं में इजाफा होता है। बता दें कि किसी भी यूनिवर्सिटी को स्थापना के 5 साल बाद एनएएसी द्वारा ग्रेड दिया जाता है।
अप्लाई करने के बाद महीने भर में ही मिल गई मान्यता
विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. उमा शंकर यादव का कहना है कि यूनिवर्सिटी को सरकार से मान्यता मिले अभी 6 महीने हुए हैं। वहीं यूजीसी के पास महीनेभर पहले ही यह एक्ट भेजा गया था। एक्ट के अप्लाई करने के महीने भर में ही यूनिवर्सिटी को यूजीसी ने मान्यता दे दी। पीआरओ ने कहा कि यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है, क्योंकि किसी भी विश्वविद्यालय को यूजीसी से मान्यता मिलने में डेढ़ से 2 साल तक भी समय लग जाता है।
विवि में ये कोर्स चल रहे हैं
विश्वविद्यालय में वर्तमान में एमए हिंदी, ज्योग्राफी, हिस्ट्री, मैथ, इकोनॉमिक्स, कॉमर्स, एमसीए और एमबीए है। वहीं, इंग्लिश, कॉमर्स, मैथ, हिस्ट्री व इकोनॉमिक्स इन 5 विषय में एमफिल तथा कॉमर्स में प्री-पीएचडी कोर्स उपलब्ध है।
॥एक-दो दिन में सेक्शन-12बी ऑफ यूजीसी एक्ट के लिए अप्लाई कर दिया जाएगा। उम्मीद है कि महीनेभर में ही यूजीसी से इस एक्ट के तहत भी मान्यता मिल जाएगी। यूनिवर्सिटी अब और नए विषय शुरू करने की भी तैयारी है। -मोहिंद्र कुमार, कुलपति, इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी, मीरपुर।
ग्रांट शुरू होगी, नैक का ग्रेड मिलना अभी बाकी
यूनिवर्सिटी की ओर से अब सेक्शन-12 बी ऑफ यूजीसी एक्ट के लिए अप्लाई करने की तैयारी है। इस एक्ट के तहत मान्यता के बाद यूनिवर्सिटी को यूजीसी से फाइनेंशियल हेल्प मिलनी शुरू जाएगी। यानि सेक्शन-12बी मान्यता के बाद यूजीसी की ओर से यूनिवर्सिटी को ग्रांट मिलनी शुरू होगी। फिलहाल यूनिवर्सिटी के पास सरकार द्वारा ही ग्रांट भेजी जा रही है। इसके अलावा यूनिवर्सिटी को एनएएसी (नैक) द्वारा ग्रेड मिलना भी बाकी है। इसके बाद ग्रेड के आधार पर ग्रांट राशि व अन्य सुविधाओं में इजाफा होता है। बता दें कि किसी भी यूनिवर्सिटी को स्थापना के 5 साल बाद एनएएसी द्वारा ग्रेड दिया जाता है।
अप्लाई करने के बाद महीने भर में ही मिल गई मान्यता
विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. उमा शंकर यादव का कहना है कि यूनिवर्सिटी को सरकार से मान्यता मिले अभी 6 महीने हुए हैं। वहीं यूजीसी के पास महीनेभर पहले ही यह एक्ट भेजा गया था। एक्ट के अप्लाई करने के महीने भर में ही यूनिवर्सिटी को यूजीसी ने मान्यता दे दी। पीआरओ ने कहा कि यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है, क्योंकि किसी भी विश्वविद्यालय को यूजीसी से मान्यता मिलने में डेढ़ से 2 साल तक भी समय लग जाता है।
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