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नए शैक्षणिक सत्र में बेटियों को नहीं देना पड़ेगा बस में किराया
रोडवेज विभाग के पास
कॉलेज या स्कूल को लिस्ट
तैयार कर भेजनी होगी
कॉलेज या स्कूल को लिस्ट
तैयार कर भेजनी होगी
गांवों व दूर दराज क्षेत्रों से
कॉलेज में पढऩे के लिए आने
वाली छात्राओं के लिए
खुशखबरी है। नए शैक्षणिक
सत्र में रोडवेज बसों में सफर
करने के लिए उन्हें न तो पैसे
देकर पास बनवाना पड़ेगा न
ही टिकट लेनी पड़ेगी।
रोडवेज विभाग ने छात्राओं के
लिए फ्री बस पास बनाने शुरू
कर दिए है।
कॉलेज में पढऩे के लिए आने
वाली छात्राओं के लिए
खुशखबरी है। नए शैक्षणिक
सत्र में रोडवेज बसों में सफर
करने के लिए उन्हें न तो पैसे
देकर पास बनवाना पड़ेगा न
ही टिकट लेनी पड़ेगी।
रोडवेज विभाग ने छात्राओं के
लिए फ्री बस पास बनाने शुरू
कर दिए है।
सीएम ने की थी घोषणा
उल्लेखनीय है कि 10 नवंबर
को गोहाना रैली में सीएम
भूपेंद्र सिंह हुडा ने छात्राएं
ज्यादा से ज्यादा शिक्षित
हो इसके लिए रोडवेज बसों में
फ्री यात्रा देनी की घोषणा
की थी।
मामला बेटियों का था तो
रोडवेज विभाग ने
भी ज्यादा देर न करते हुए
घोषणा को अमलीजामा पहना
दिया है। रोडवेज
अधिकारियों के अनुसार उनके
पास अब तक छात्राओं के जितने
भी पास बनने के लिए आए थे,
उनको बना दिया गया है। नए
शैक्षणिक सत्र में छात्राओं
को किसी प्रकार
की परेशानी नहीं होगी।
गांवों में रहने वाली छात्राओं
को रोजाना बस में सफर करने
पर हर रोज 50 से 60 रुपये
खर्च करने पड़ते है।
इसके हिसाब से एक माह के
1800 रुपये तो बस
किराया ही हो गया।
बाकी खर्चा रह गया अलग।
योजना का सबसे
ज्यादा फायदा गरीब
परिवार में रहने
वाली होनहार
बेटी को होगा।
क्योंकि आर्थिक तंगी होने के
कारण परिवार
बेटी को पढ़ा नहीं पाता और
बेटियां आगे नहीं बढ़ पाती।
बसों में फ्री यात्रा होने के
कारण गरीब परिवार
सरकारी कॉलेज व स्कूल
की फीस तो भर
ही पाएगा और
अपनी बेटियों को शिक्षित
कर पाएगा।
स्कूलों की तरफ से एक
भी आवेदन नहीं
सीएम की घोषणा में फ्री बस
यात्रा का लाभ
शिक्षा ग्रहण करने के लिए आने
वाली छात्राओं के लिए ही है।
लेकिन जब दैनिक भास्कर
संवाददाता ने फ्री बस
यात्रा का आंकड़ा लिया तो
उसमें एक भी आवेदन स्कूल
की तरफ से नहीं दिखा। अब
इसे छात्राओं
की जागरूकता का अभाव कहें
या स्कूल संचालक
की लापरवाही, जो अभी तक
स्कूल में पढऩे के लिए आने
वाली छात्राओं के लिए
फ्री बस यात्रा का आवेदन
नहीं किया हुआ है।
को गोहाना रैली में सीएम
भूपेंद्र सिंह हुडा ने छात्राएं
ज्यादा से ज्यादा शिक्षित
हो इसके लिए रोडवेज बसों में
फ्री यात्रा देनी की घोषणा
की थी।
मामला बेटियों का था तो
रोडवेज विभाग ने
भी ज्यादा देर न करते हुए
घोषणा को अमलीजामा पहना
दिया है। रोडवेज
अधिकारियों के अनुसार उनके
पास अब तक छात्राओं के जितने
भी पास बनने के लिए आए थे,
उनको बना दिया गया है। नए
शैक्षणिक सत्र में छात्राओं
को किसी प्रकार
की परेशानी नहीं होगी।
गांवों में रहने वाली छात्राओं
को रोजाना बस में सफर करने
पर हर रोज 50 से 60 रुपये
खर्च करने पड़ते है।
इसके हिसाब से एक माह के
1800 रुपये तो बस
किराया ही हो गया।
बाकी खर्चा रह गया अलग।
योजना का सबसे
ज्यादा फायदा गरीब
परिवार में रहने
वाली होनहार
बेटी को होगा।
क्योंकि आर्थिक तंगी होने के
कारण परिवार
बेटी को पढ़ा नहीं पाता और
बेटियां आगे नहीं बढ़ पाती।
बसों में फ्री यात्रा होने के
कारण गरीब परिवार
सरकारी कॉलेज व स्कूल
की फीस तो भर
ही पाएगा और
अपनी बेटियों को शिक्षित
कर पाएगा।
स्कूलों की तरफ से एक
भी आवेदन नहीं
सीएम की घोषणा में फ्री बस
यात्रा का लाभ
शिक्षा ग्रहण करने के लिए आने
वाली छात्राओं के लिए ही है।
लेकिन जब दैनिक भास्कर
संवाददाता ने फ्री बस
यात्रा का आंकड़ा लिया तो
उसमें एक भी आवेदन स्कूल
की तरफ से नहीं दिखा। अब
इसे छात्राओं
की जागरूकता का अभाव कहें
या स्कूल संचालक
की लापरवाही, जो अभी तक
स्कूल में पढऩे के लिए आने
वाली छात्राओं के लिए
फ्री बस यात्रा का आवेदन
नहीं किया हुआ है।
इस तरह बनवाएं बस पास
12 वीं की परीक्षा हो चुकी है
और छात्राओं ने कॉलेज की तरफ रुख भी कर लिया है। जिस भी छात्रा को बस पास
बनवाना है, उसे जिस कॉलेज में एडमिशन लिया है, वहीं से
आवेदन करना होगा। कॉलेज
या स्कूल ही रोडवेज विभाग के
पास लिस्ट तैयार करके
भेजेगा। इसके बाद ही फ्री बस
यात्रा का पास बन पाएगा।
इसलिए ऐसा किया गया है
ताकि फ्री बस
यात्रा का लाभ
सही छात्राएं उठा पाएं।
कॉलेज की तरफ से जाने
वाली लिस्ट में
छात्रा का फोटो, पता व
कॉलेज की मोहर लगी होगी।
उसके बाद ही बस पास बन
पाएगा।
और छात्राओं ने कॉलेज की तरफ रुख भी कर लिया है। जिस भी छात्रा को बस पास
बनवाना है, उसे जिस कॉलेज में एडमिशन लिया है, वहीं से
आवेदन करना होगा। कॉलेज
या स्कूल ही रोडवेज विभाग के
पास लिस्ट तैयार करके
भेजेगा। इसके बाद ही फ्री बस
यात्रा का पास बन पाएगा।
इसलिए ऐसा किया गया है
ताकि फ्री बस
यात्रा का लाभ
सही छात्राएं उठा पाएं।
कॉलेज की तरफ से जाने
वाली लिस्ट में
छात्रा का फोटो, पता व
कॉलेज की मोहर लगी होगी।
उसके बाद ही बस पास बन
पाएगा।
इन कॉलेजों में बन चुके हैं इतने
पास
इस समय शहर में चार कॉलेज
हैं। इनमें से दो में सिर्फ
बेटियां शिक्षा ग्रहण
करती हैं तो दो कॉलेजों में
लड़के और लड़कियां दोनों।
राजीव
गांधी महिला महाविद्यालय
तरफ से 850 बस पास, आदर्श
महिला महाविद्यालय
की तरफ से 517 बस पास,
राजकीय कॉलेज की तरफ से
208 व वैश्य कॉलेज की तरफ से
15, बंसीलाल गर्वमेंट कॉलेज
तोशाम की तरफ से 253 बस
पास बनवाने की लिस्ट
रोडवेज विभाग के पास पहुंच
चुकी हैं।
पास
इस समय शहर में चार कॉलेज
हैं। इनमें से दो में सिर्फ
बेटियां शिक्षा ग्रहण
करती हैं तो दो कॉलेजों में
लड़के और लड़कियां दोनों।
राजीव
गांधी महिला महाविद्यालय
तरफ से 850 बस पास, आदर्श
महिला महाविद्यालय
की तरफ से 517 बस पास,
राजकीय कॉलेज की तरफ से
208 व वैश्य कॉलेज की तरफ से
15, बंसीलाल गर्वमेंट कॉलेज
तोशाम की तरफ से 253 बस
पास बनवाने की लिस्ट
रोडवेज विभाग के पास पहुंच
चुकी हैं।
"हमारे पास अभी तक जिन
कॉलेजों से जितने जितने बस
पास बनवाने के लिए आवेदन
प्राप्त हुए हैं सभी के
बना दिए गए हैं। बस पास
बनवाने के लिए छात्राओं
को आवेदन कॉलेज से
ही करना होगा।" --उदयवीर
सिंह दूहन, रोडवेज
महाप्रबंधक
कॉलेजों से जितने जितने बस
पास बनवाने के लिए आवेदन
प्राप्त हुए हैं सभी के
बना दिए गए हैं। बस पास
बनवाने के लिए छात्राओं
को आवेदन कॉलेज से
ही करना होगा।" --उदयवीर
सिंह दूहन, रोडवेज
महाप्रबंधक
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