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40 दिन पढ़कर परीक्षा देंगे विद्यार्थी
ऐसे होगी पढ़ाई
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 24 मई तक कक्षा तत्परता कार्यक्रम के चलते बिगड़ा गणित।
अभिभावकों व अध्यापकों को रास नहीं आ रहा शिक्षा विभाग का चार्ट
विभाग के निर्देशों का पालन करेंगे
ऐसे होगी पढ़ाई ल्ल स्ात्र शुरू होने के बाद 14 अप्रैल तक फसली अवकाश रहा
ल्ल 17 अप्रैल से 24 मई तक कक्षा तत्परता कार्यक्रम का शेड्यूल
ल्ल कक्षा तत्परता कार्यक्रम के तहत छात्रों का बौद्धिक ज्ञान बढ़ाया जाएगा।
ल्ल एक से तीस जून तक स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश रहेगा।
ल्ल ज्ाुलाई में भी स्वतंत्रता दिवस समारोह के चलते छात्र व्यस्त रहेंगे एक जून से ग्रीष्मकालीन अवकाश
यदि शिक्षण कार्य की बात की जाए तो सत्र आरंभ होने के साथ ही विभाग ने फसली अवकाश घोषित कर दिए तथा अवकाश अवधि 14 अप्रैल को समाप्त होने के तुरंत बाद शिक्षा विभाग ने 17 अप्रैल से 24 मई तक कक्षा तत्परता कार्यक्रम का शेड्यूल घोषित कर दिया। कक्षा तत्परता कार्यक्रम के तहत विद्यार्थियों को पर्यटक स्थल, सामान्य ज्ञान, भ्रमण कार्यक्रम के अलावा सुलेख प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता व कहानियों के माध्यम से जानकारी प्रदान कर उनका बौद्विक स्तर बढ़ाया जाएगा। 17 अप्रैल से 24 मई तक बच्चों का समय कहानियों व प्रतियोगिताओं में बीत जाएगा तथा इसके बाद एक जून से 30 जून तक ग्रीष्मकालीन अवकाश शुरू हो जाएंगे। इससे छात्रों को पढ़ाई के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला पाएगा। दबी जुबान में शिक्षक भी कक्षा तत्परता कार्यक्रम का विरोध कर रहे है। उनका कहना है कि इससे रिजल्ट पर गलत असर पड़ना लाजिमी है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 24 मई तक कक्षा तत्परता कार्यक्रम के चलते बिगड़ा गणित। तो.. स्कूलों में एक जुलाई से शुरू होगी पढ़ाई
ऐसे में स्कूलों में शिक्षण कार्य एक जुलाई से शुरू होगा तथा आगामी सितंबर परीक्षाओं के लिए विद्यार्थियों के पास मात्र दो माह का समय शेष रहेगा। इस दो माह के दौरान भी अनेक सरकारी अवकाश हो जाएंगे तथा स्वतंत्रता दिवस पर स्कूलों में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की तैयारियों में करीब एक सप्ताह से 10 दिन चले जाएंगे। देखा जाए तो शिक्षण कार्य के लिए मात्र 40 दिन का ही समय बचेगा तथा इन 40 दिनों में अध्यापकों को 6 माह का सिलेबस पूरा करवाना होगा जो कि किसी खानापूर्ति के तहत ही पूरा करवाया जा सकता है। विभाग द्वारा बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने से बच्चों के अभिभावक भी काफी परेशान नजर आ रहे है तथा उनमें ऐसे अभिभावको की संख्या अधिक है जो आर्थिक तंगी के चलते अपने बच्चों को निजी स्कूलों में नहीं भेज सकते।
राजेंद्र चौहान/एलसी वालिया. लोहारू
प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी स्कूलों में निजी स्कूलों की तर्ज पर बेहतर सुविधाएं व गुणवत्तायुक्त शिक्षा के साथ-साथ बेहतर परीक्षा परिणाम देने के दावे अवश्य किए जा रहे है, लेकिन इन दावों में कितना दम है, इसका पता इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को मात्र 40 दिन पढ़ाई के बाद ही परीक्षाएं देनी होगी।
अभिभावक चिंतित
इन 40 दिनों में शिक्षा विभाग द्वारा लागू की गई योजनाएं जैसे कक्षा तत्परता कार्यक्रम के दौरान भी शिक्षण कार्य बाधित होने की संभावना है। ऐसे में सरकारी स्कूल निजी स्कूलों की तुलना में कितना बेहतर परीक्षा परिणाम दे पाएंगे, इसका अंदाजा आप खुद ही लगा सकते है। ध्यान रहे कि नए शैक्षणिक सत्र के साथ ही प्रदेश के सरकारी स्कूलों में भी निजी स्कूलों की तर्ज पर अधिक दाखिले करने की होड़ लग गई है तथा सरकारी स्कूलों व शिक्षा विभाग द्वारा दाखिला संख्या बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास व दावें भी किए जा रहे है।
शिक्षक भी परेशान
हालांकि यह ओर बात है कि विभाग द्वारा शुरू किया गया कक्षा तत्परता कार्यक्रम न विद्यार्थियों को रास आ रहा है न ही अभिभावकों को। अध्यापक भी इस कार्यक्रम के प्रति उत्साहित नजर नहीं आ रहे है। अध्यापकों का मानना है कि ग्रीष्मकालीन अवकाश से पहले विषय की पढ़ाई जरूरी है तथा बाद में उनके लिए सिलेबस पूरा करवाना संभव नहीं है।
विभाग पर निशाना
वहीं अभिभावकों का कहना है कि विभाग द्वारा केवल दावें किए जा रहे है, शिक्षण कार्य के प्रति स्कूलों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। सरकारी स्कूल लगते कम हैं और छुट्टियां अधिक होती हैं। कक्षा तत्परता जैसे कार्यक्रम शुरू करने से निजी स्कूलों में प्रवेश दिलाना उनकी मजबूरी हो गई है। विभाग के रवैये से लोगों का रुझान सरकारी स्कूलों से हटता जा रहा है, और उन्हें भारी भरकम फ ीस देकर निजी स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाना पड़ रहा है। सरकारी स्कूलों में शिक्षा का पूरा समय नहीं मिल पा रहा। इसके उलट निजी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाई के लिए ज्यादा समय पल रहा है। विभाग द्वारा स्कूलों में शैक्षणिक सत्र के दौरान जो गतिविधियां आयोजित की जानी है
will there any recruitmnt of pgts computer science in coming months??
ReplyDeleteplz reply
Govt gave too much to students.2014 is election year don't worry about it.its matter of teacher capability not students even then u can see previous result .so don't take tension
ReplyDeletethnku sir
ReplyDeleteok sir
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