कर्मचारियों को तय समय सीमा में देनी होंगी सेवाएं ,250 रुपये से पांच हजार रुपये तक जुर्माने का भी प्रावधान


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कर्मचारियों को तय समय सीमा में देनी होंगी सेवाएं 32
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : प्रदेश के सरकारी कार्यालयों में अधिकारी एवं कर्मचारी अब आम लोगों को काम के लिए अधिक दिनों तक टरका नहीं सकेंगे। सरकार ने पात्र व्यक्तियों को समयबद्ध तरीके से सेवाएं प्रदान करने के लिए हरियाणा सेवा का अधिकार अधिनियम, 2014 अधिसूचित कर दिया है। इसकी अवहेलना करने पर दोषी कर्मचारियों व अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा। 1सरकार ने प्रत्येक मामले में 250 रुपये से पांच हजार रुपये तक जुर्माने का भी प्रावधान किया है। जुर्माना लगाए जाने से पूर्व ऐसी सेवाएं प्रदान करने की प्रक्रिया में शामिल नामित अधिकारी या किसी अन्य कर्मचारी को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा। द्वितीय शिकायत निवारण प्राधिकारी के किसी आदेश से व्यथित व्यक्ति ऐसे आदेश की तिथि से 90 दिनों के भीतर आयोग के समक्ष प्रतिवेदन दायर कर सकता है। अधिनियम की धारा 12 के तहत हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग की सिफारिशों पर राज्य सरकार सेवाएं तथा समय सीमा अधिसूचित करेगी। नामित अधिकारी, प्रथम शिकायत निवारण प्राधिकारी तथा द्वितीय शिकायत निवारण प्राधिकारी नियुक्त किए होंगे।1आवेदन रद होने पर अपील का अधिकार 1पात्र व्यक्ति आवेदन रद होने या निर्धारित समयावधि के भीतर सेवा न मिलने पर आवेदन रद होने की तिथि से या निर्धारित समयावधि के समाप्त होने से 30 दिनों के भीतर प्रथम शिकायत निवारण प्राधिकारी को अपील कर सकते हैं। अपील प्राप्त होने पर प्रथम शिकायत निवारण प्राधिकारी मामले पर विचार करेगा और यदि उसके अनुसार पात्र व्यक्ति की शिकायत सही होगी तो वह पदनामित अधिकारी को 7 कार्य दिवस के भीतर सेवा प्रदान करने के निर्देश दे सकता है। 160 दिन के भीतर भी कर सकेंगे अपील 1पात्र व्यक्ति सेवा प्राप्त करने के आवेदन के रद होने या प्रथम शिकायत निवारण प्राधिकारी द्वारा निर्धारित की गई अवधि के भीतर सेवा न मिलने पर वह ऐसी अस्वीकृति की तिथि से 60 दिनों के भीतर द्वितीय शिकायत निवारण अधिकारी को अपील दायर कर सकता है। अपील रद करने से पूर्व द्वितीय शिकायत निवारण अधिकारी पात्र व्यक्ति को अपना पक्ष रखने का मौका देगा।राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : प्रदेश के सरकारी कार्यालयों में अधिकारी एवं कर्मचारी अब आम लोगों को काम के लिए अधिक दिनों तक टरका नहीं सकेंगे। सरकार ने पात्र व्यक्तियों को समयबद्ध तरीके से सेवाएं प्रदान करने के लिए हरियाणा सेवा का अधिकार अधिनियम, 2014 अधिसूचित कर दिया है। इसकी अवहेलना करने पर दोषी कर्मचारियों व अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा। 1सरकार ने प्रत्येक मामले में 250 रुपये से पांच हजार रुपये तक जुर्माने का भी प्रावधान किया है। जुर्माना लगाए जाने से पूर्व ऐसी सेवाएं प्रदान करने की प्रक्रिया में शामिल नामित अधिकारी या किसी अन्य कर्मचारी को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा। द्वितीय शिकायत निवारण प्राधिकारी के किसी आदेश से व्यथित व्यक्ति ऐसे आदेश की तिथि से 90 दिनों के भीतर आयोग के समक्ष प्रतिवेदन दायर कर सकता है। अधिनियम की धारा 12 के तहत हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग की सिफारिशों पर राज्य सरकार सेवाएं तथा समय सीमा अधिसूचित करेगी। नामित अधिकारी, प्रथम शिकायत निवारण प्राधिकारी तथा द्वितीय शिकायत निवारण प्राधिकारी नियुक्त किए होंगे।1आवेदन रद होने पर अपील का अधिकार 1पात्र व्यक्ति आवेदन रद होने या निर्धारित समयावधि के भीतर सेवा न मिलने पर आवेदन रद होने की तिथि से या निर्धारित समयावधि के समाप्त होने से 30 दिनों के भीतर प्रथम शिकायत निवारण प्राधिकारी को अपील कर सकते हैं। अपील प्राप्त होने पर प्रथम शिकायत निवारण प्राधिकारी मामले पर विचार करेगा और यदि उसके अनुसार पात्र व्यक्ति की शिकायत सही होगी तो वह पदनामित अधिकारी को 7 कार्य दिवस के भीतर सेवा प्रदान करने के निर्देश दे सकता है। 160 दिन के भीतर भी कर सकेंगे अपील 1पात्र व्यक्ति सेवा प्राप्त करने के आवेदन के रद होने या प्रथम शिकायत निवारण प्राधिकारी द्वारा निर्धारित की गई अवधि के भीतर सेवा न मिलने पर वह ऐसी अस्वीकृति की तिथि से 60 दिनों के भीतर द्वितीय शिकायत निवारण अधिकारी को अपील दायर कर सकता है। अपील रद करने से पूर्व द्वितीय शिकायत निवारण अधिकारी पात्र व्यक्ति को अपना पक्ष रखने का मौका देगा।

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