निदेशालय की ढुलमुल कार्यप्रणाली का खमियाजा 625 चयनित टीजीटी को


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चंडीगढ़ शिक्षा निदेशालय की ढुलमुल कार्यप्रणाली का खमियाजा 625 चयनित टीजीटी को भुगतना पड़ रहा है। टीजीटी को बीते वर्ष दिसंबर में स्टेशन के साथ ही कर्मचारी कोड तक आवंटित हो चुके हैं, लेकिन नियुक्ति पत्र अभी तक नहीं मिला है। चार वर्षीय शैक्षणिक अनुभव के आधार पर साक्षात्कार के जरिए इनका चयन किया गया था।1चयन के बाद से लेकर अब तक तीन बार टीजीटी के शैक्षणिक अनुभव दस्तावेजों की जांच कराई जा चुकी है। मगर, निष्कर्ष शून्य है। चयनित टीजीटी नियुक्ति पत्र के लिए दर-दर भटक रहे हैं। मुख्यमंत्री से लेकर शिक्षा मंत्री व वित्तायुक्त तक से गुहार लगाने के बावजूद भविष्य अधर में हैं। उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया को बीते वर्ष दिसंबर महीने में पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट भी सही ठहरा चुका है। इसके बाद ही 13 दिसंबर को शिक्षा निदेशालय ने टीजीटी के नियुक्ति आदेश विभाग की वेबसाइट पर डाले थे। इनका प्रिंट आउट तक टीजीटी के पास है। निदेशालय ने 14 दिसंबर को ही नियुक्तियों पर बिना कारण बताए रोक लगा दी थी, जो जारी है। इनके साथ ही चयनित मेवात कैडर के टीजीटी को नियुक्तियां दी जा चुकी हैं, जबकि हिंदी, अंग्रेजी, गणित, पंजाबी, इतिहास, राजनीति शास्त्र, भूगोल सहित कुल 13 विषय के टीजीटी नियुक्ति के लिए शिक्षा निदेशालय की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं। चयनित उम्मीदवारों का कहना है कि उन्हें बिना वजह परेशान किया जा रहा है। दस्तावेजों का बार-बार सत्यापन होने के बावजूद नियुक्ति पत्र न मिलना साजिश की ओर इशारा करता है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा बीते सप्ताह आश्वस्त कर चुके हैं कि इस महीने तक अंत तक सारी प्रक्रिया पूरी कर नियुक्ति पत्र थमा दिए जाएंगे। सेकेंडरी शिक्षा विभाग के महानिदेशक से भी मुलाकात की जा चुकी है, लेकिन निराशा ही हाथ लगी है। 182 पीजीटी पर भी आपत्तियों की तलवार1पीजीटी हिंदी के चयनित 82 पुरुष उम्मीदवार भी नियुक्ति की बाट जोह रहे हैं। 593 उम्मीदवारों की नियुक्ति प्रक्रिया अधर में अटकी हुई थी, जिसमें से 511 को बीते सप्ताह लंबी जद्दोजहद के बाद आर्डर मिल चुके हैं। 82 उम्मीदवारों की नियुक्ति विभाग ने दस्तावेज पूरे न होने पर रोक दी है। कुछ चयनित उम्मीदवारों के आवेदन पत्र के साथ शैक्षणिक अनुभव का मूल प्रमाण पत्र संलग्न नहीं है तो कुछ उम्मीदवार ओवर ऐज हो चुके हैं। कुछ उम्मीदवारों की एमए हिंदी की डिग्री उन डीम्ड यूनिवर्सिटी की है, जिनकी मान्यता पर सवाल उठ चुके हैं। विभाग ने आपत्तियों वाले सभी उम्मीदवारों को अपनी स्थिति इस महीने के अंत तक निदेशालय में स्पष्ट करने के निर्देश दिए हैं।

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