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प्रदेश में खुलेंगे चार नए पुलिस-पब्लिक स्कूल
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़ 1प्रदेश की चार पुलिस लाइनों में पुलिस-पब्लिक स्कूल खोले जाने का प्रस्ताव है। इसके लिए राज्य सरकार के पास प्रस्ताव भेज दिए गए हैं। मुख्यमंत्री की मंजूरी मिलते ही चारों स्कूल शुरू किए जा सकते हैं। रेवाड़ी, पंचकूला, यमुनानगर और जींद पुलिस लाइन में पुलिस-पब्लिक स्कूल खोले जाने के प्रस्ताव हैं। प्रदेश में पहले से सात पुलिस-पब्लिक स्कूल चल रहे हैं, जिनमें 6407 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इनमें 2890 बच्चे पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के हैं, जबकि 3517 बच्चे आम लोगों के पढ़ते हैं। 1 पुलिस कर्मियों को ऐतराज है कि इन स्कूलों के रखरखाव के लिए उनसे हर साल धन की कटौती की जाती है, लेकिन सरकार की दलील है कि पुलिस कर्मियों के बच्चों के लिए निर्धारित फीस व शुल्क आम बच्चों से वसूल किए जाने वाले शुल्क से काफी कम हैं। सरकार भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी से 250 रुपये, राजपत्रित-अराजपत्रित अधिकारी या उसके समकक्ष से 200 रुपये, सहायक उप निरीक्षक तक 150 रुपये तथा मुख्य सिपाही, सिपाही और क्लर्क से 100 रुपये हरियाणा पुलिस शिक्षा कोष के लिए वार्षिक कटौती करती है। यह धन इन स्कूलों के संचालन पर खर्च किया जाता है। नलवा से कांग्रेस विधायक प्रो. संपत सिंह ने विधानसभा में यह मुद्दा उठाया था। उनका कहना है कि सिर्फ उन्हीं पुलिस कर्मियों से शिक्षा कोष के लिए धन की कटौती की जानी चाहिए, जिनके बच्चे इनमें पढ़ते हैं। दूसरी तरफ राज्य सरकार इन स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों की उपलब्धियों से खासी खुश है। लिहाजा पुलिस-पब्लिक स्कूलों की संख्या में बढ़ोतरी की जा रही है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने स्वयं चार पुलिस लाइनों में नए पुलिस पब्लिक स्कूल शुरू किए जाने की बात कही है। उनके अनुसार राज्य सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है। 1अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़ 1प्रदेश की चार पुलिस लाइनों में पुलिस-पब्लिक स्कूल खोले जाने का प्रस्ताव है। इसके लिए राज्य सरकार के पास प्रस्ताव भेज दिए गए हैं। मुख्यमंत्री की मंजूरी मिलते ही चारों स्कूल शुरू किए जा सकते हैं। रेवाड़ी, पंचकूला, यमुनानगर और जींद पुलिस लाइन में पुलिस-पब्लिक स्कूल खोले जाने के प्रस्ताव हैं। प्रदेश में पहले से सात पुलिस-पब्लिक स्कूल चल रहे हैं, जिनमें 6407 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इनमें 2890 बच्चे पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के हैं, जबकि 3517 बच्चे आम लोगों के पढ़ते हैं। 1 पुलिस कर्मियों को ऐतराज है कि इन स्कूलों के रखरखाव के लिए उनसे हर साल धन की कटौती की जाती है, लेकिन सरकार की दलील है कि पुलिस कर्मियों के बच्चों के लिए निर्धारित फीस व शुल्क आम बच्चों से वसूल किए जाने वाले शुल्क से काफी कम हैं। सरकार भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी से 250 रुपये, राजपत्रित-अराजपत्रित अधिकारी या उसके समकक्ष से 200 रुपये, सहायक उप निरीक्षक तक 150 रुपये तथा मुख्य सिपाही, सिपाही और क्लर्क से 100 रुपये हरियाणा पुलिस शिक्षा कोष के लिए वार्षिक कटौती करती है। यह धन इन स्कूलों के संचालन पर खर्च किया जाता है। नलवा से कांग्रेस विधायक प्रो. संपत सिंह ने विधानसभा में यह मुद्दा उठाया था। उनका कहना है कि सिर्फ उन्हीं पुलिस कर्मियों से शिक्षा कोष के लिए धन की कटौती की जानी चाहिए, जिनके बच्चे इनमें पढ़ते हैं। दूसरी तरफ राज्य सरकार इन स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों की उपलब्धियों से खासी खुश है। लिहाजा पुलिस-पब्लिक स्कूलों की संख्या में बढ़ोतरी की जा रही है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने स्वयं चार पुलिस लाइनों में नए पुलिस पब्लिक स्कूल शुरू किए जाने की बात कही है। उनके अनुसार राज्य सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है।
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