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2014-15 से 12वीं कक्षा में कंपार्टमेंट पाने वाले विद्यार्थियों को दाखिला नहीं दिया जाएगा। इसके लिए महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) की शैक्षणिक परिषद (एसी) ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह फैसला इसी सत्र से लागू कर दिया जाएगा।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की तर्ज पर एमडीयू में भी इस फैसले को पास कर दिया गया है। बता दें कि विवि की ओर से यह फैसला बच्चों के भविष्य व कानूनी पेचीदगियों से बचने के लिए उठाया गया है। अक्सर कंपार्टमेंट वाले विद्यार्थी स्नातक कक्षाओं में दाखिला ले लेते थे और बाद में जब वे स्नातक कर लेते, तब तक उनकी कंपार्टमेंट नहीं टूट पाती थी और वे कोर्ट का सहारा लेते थे। इससे बचने के लिए ही विवि एसी ने इस तरह की फैसला लिया है। इसी तरह के अटेली के रहने वाले करीब 11 विद्यार्थियों को मंजूरी दी है। मंगलवार को एमडीयू की एसी की 174वीं बैठक में आगामी सत्र से कई नए पाठ्यक्रम प्रारंभ करने समेत 52 शैक्षणिक मामलों के निर्णय लिए गए। कुलपति एचएस चहल की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में विश्वविद्यालय में वोकेशनल एजुकेशन कॉलेज शुरू करने का भी फैसला लिया गया। वोकेशनल कॉलेज सेल्फ फाइनेंस स्कीम के तहत शुरू होगा। इसमें बैचलर वोकेशनल डिग्री और डिप्लोमा इन वैल्डिंग टेक्नोलॉजी कोर्स भी किए जाएंगे। वहीं, स्नातक स्तर पर शुरू किए जाने वाले आपदा प्रबंधन तथा नैतिक शिक्षा विषय को विकल्प के रूप में शुरू करने के प्रस्ताव की दोबारा से समीक्षा की जाएगी। शैक्षणिक परिषद की बैठक में कुलसचिव डॉ. एसपी वत्स समेत संकायों के डीन, विभागों के अध्यक्ष उपस्थित रहे।
पुनर्मूल्यांकन के नहीं बदले नियम
इसी तरह से पीजी और यूजी के लिए पुनर्मूल्यांकन के नियमों में बदलाव के एजेंडे को फिलहाल टाल दिया गया है। इस मामले पर बैठक में जमकर बहस की गई। प्रोफेसरों ने इस बात पर कड़ा विरोध जताया कि दो साल पहले बने नियमों में आखिर ऐसी क्या बात आ गई कि उन्हें बदला जाए? इस मुद्दे पर माहौल गर्म होता देख अधिकारियों ने एजेंडे को वापस ले लिया। साथ ही परीक्षा सुधार कमेटी की ओर से इस पर दोबारा से विस्तृत चर्चा करने का फैसला लिया गया।
इन कोर्स को दी मंजूरी
बैठक में यूआईईटी में एमटेक (मैकेनिकल इंजीनियरिंग), कंप्यूटर साइंस एवं एप्लीकेशंज विभाग में एमएससी (कंप्यूटर साइंस) एसएफएस के तहत, अंग्रेजी एवं विदेशी भाषा विभाग में सर्टिफिकेट कोर्स इन चाइनीज (एसएफएस), सेंटर ऑफ बायोइंफोमेटिक्स में पीजी सर्टिफिकेट कोर्स इन बायो इंफारमेटिक्स, फार्माको इंफोर्मेटिक्स/फाइलों जिनोमिक्स, कम्युनिटी कालेज (यूआईईटी) में बैचलर ऑफ वोकेशनल डिग्री के कोर्स शुरू करने का मंजूरी दी गई है। एसी में पीएचडी पंजीकरण के 53 प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
पंजीकरण की प्रक्रिया अब 45 दिन में
किसी भी कोर्स में अब दाखिला के बाद पंजीकरण की प्रक्रिया 45 दिन की होगी। पंजीकरण वापसी की प्रक्रिया के लिए पहले फीस और दस्तावेज जमा कराने होंगे। इसके बाद पंजीकरण वापसी, फार्म व कंटीन्युअस रिटर्न की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। वहीं 2011-12 व 2012-13 के लिए डीएमसी के मूल दस्तावेज पंजीकरण के लिए जमा न कराने वालों के लिए अब 30 जून 2014 तक का समय दिया गया है। 3 हजार रुपए फीस के साथ दस्तावेज जमा होंगे व बीएड के लिए 5 हजार रुपए जमा कराने होंगे।
यूएमसी सुनवाई की पांच समिति गठित
विवि के परीक्षाओं में अनुचित साधनों (यूएमसी) के उपयोग के मामलों पर सुनवाई के लिए पांच समितियों के गठन के प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई है। ये समिति 1 मई 2014 से 30 अप्रैल 2015 तक के यूएमसी की सुनवाई करेंगी। इन समितियों के पांच चेयरमैन भी नियुक्त होंगे। इनमें प्रो. केके वर्मा, प्रो. नसीब सिंह गिल, प्रो. रेणु चुघ, प्रो. अनूप सिंह मान व प्रो. एसपीएस दहिया को तैनात किया जाएगा।
इन कोर्स को किया बंद
एसी की बैठक में एमए भूगोल में हाल ही में शुरू किए गए कोर्स पॉपुलेशन स्टडीज के दो वर्षीय पाठ्यक्रम को सत्र 2014-15 के लिए बंद कर दिया गया है। ये कोर्स अब सिर्फ विषय के तौर पर ही पढ़ा जाएगा। इी तरह से मनोविज्ञान विभाग में नए शुरू किए गए कोर्स पीजी डिप्लोमा इन साइकोलॉजी ऑफ आर्गेनाइजेशन कोर्स को भी बंद किया गया है। इन कोर्स को बंद करने का बड़ा कारण विश्वविद्यालय में इन कोर्स में विद्यार्थियों का घटता रुझान भी माना जा रहा है। लगातार इन कोर्स में विद्यार्थियों की संख्या घटती जा रही थी।
एमडीयू में एसी की बैठक में 52 एजेंडों पर मंथन, आपदा प्रबंधन व नैतिक शिक्षा
sir pgt hindi wale matter me ub kya hua
ReplyDeleteabhi kuch nahi hua surina rajan FC sighn nahi kar rahi hai . ये मैडम ओरो से कुछ हट कर है प्रेशर नहीं मानती किसी का . इसके आगे अनशन लगभग बेकार hai
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