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हरियाणा सरकार ने जारी कीं तीन रेगुलराइजेशन पालिसी
अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने ग्रुप बी के कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के लिए तीन रेगुलराइजेशन पालिसी जारी की हैं। गत 28 मई को मंत्रिमंडल ने इनकी सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। मुख्य सचिव एससी चौधरी ने 16 जून को ये पालिसी जारी कर दी हैं। ग्रुप सी और डी के कर्मचारियों को पक्का करने को रेगुलराइजेशन पालिसी जारी होनी हैं।
सरकारी या सरकार द्वारा अनुमोदित एजेंसी के माध्यम से अनुबंध आधार पर ग्रुप बी के पदों पर काम कर रहे उन लोगों को नियमित किया जाएगा, जो 28 मई, 2014 को कम से कम तीन साल के लिए काम कर रहे थे। जिस पद पर रेगुलर किया जाएगा वह पद नियुक्ति वाले दिन भी खाली होना चाहिए और अब भी खाली हो। इसके लिए रिजर्वेशन पालिसी का ध्यान रखा जागा। अगर रिजर्वेशन रोस्टर के पद जनरल कैटेगरी या अन्य कैटेगरी से भर जाएं तो अगले रिक्त होने वाले पद रिजर्वेशन कैटेगरी से भरे जाएंगे। रेगुलर किए जाने वाले कर्मचारी का कार्य, आचरण पूरी तरह संतोषजनक होना चाहिए। रेगुलर होने के दिन से अंशदान पेंशन स्कीम लागू होगी। जिन पदों पर रेगुलर किया जाएगा उन्हें हरियाणा लोक सेवा आयोग के कार्य क्षेत्र से बाहर निकाला जाएगा और रेगुलराइजेशन की प्रक्रिया भी आयोग के परामर्श से पूरी की जाएगी।
ग्रुप बी पदों पर रेगुलर होने वाले अफसरों की वरिष्ठता उनके रेगुलर होने की तिथि से नियत की जाएगी। रेगुलर होने वाले कर्मचारियों की परस्पर वरिष्ठता उनके अनुबंध आधार पर सर्विस में आने की तिथि के अनुसार निर्धारित की जाएगी। सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह नीति लोक उपकारी आधार पर एक मुश्त उपाय के तौर पर अपनाई गई है। अगर कोई निर्धारित शर्तें पूरी नहीं करेगा तो वह अधिकार की दृष्टि से दावा करने का हकदार नहीं होगा। यह भी साफ कर दिया कि भविष्य में तदर्थ या अनुबंध आधार पर कोई भी गैर कानूनी या अनियमित नियुक्ति स्वीकृत पदों पर रेगुलर नहीं की जाएगी। जिन रिक्त पदों को भरने के लिए आयोग के पास आग्रह भेजा हुआ है, अगर रेगुलराइजेशन के बाद उनमें कोई बदलाव होता है तो एक सप्ताह के भीतर शुद्धिपत्र जारी कर आयोग को आग्रह भेजा जाएगा।
पालिसी
29 जुलाई, 2011 को जारी रेगुलराइजेशन पालिसी के पैरा एक के अंश तीन में सरकार ने संशोधन किया है। इससे उन कर्मचारियों को फायदा होगा जो इस शर्त के कारण रेगुलर नहीं हो सके थे। पहले शर्त थी कि 10 अप्रैल, 2006 तक ग्रुप बी पर दस साल काम किया हो। वैसे एडहॉक, कांट्रैक्ट आधार पर लगे कर्मचारियों को रेगुलर किया जाएगा, बशर्ते उनकी नियुक्ति रिक्त पद पर उनका नाम रोजगार कार्यालय द्वारा प्रायोजित करने के बाद हुई हो या विज्ञापन के द्वारा आमंत्रित करते हुए विभागीय चयन समिति द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर हुई हो। अब यह शर्त हटा दी गई है और इसमें बदलाव करते हुए कहा गया है कि संबंधित व्यक्ति की नियुक्ति स्वीकृत रिक्त पद पर की गई होनी चाहिए।
पालिसी में किए संशोधन के अनुसार तदर्थ आधार पर लगे ग्रुप-बी के ऐसे कर्मचारी जो 7 मार्च, 1996 की नीति के अंतर्गत पात्र थे, लेकिन सरकार द्वारा 8 दिसंबर, 1997 को नीति वापस लेने के कारण नियमित होने से वंचित रह गए थे, को भी उसी तिथि से नियमित किया जाएगा जिस तिथि को वे वर्ष 1996 की नीति के अनुसार पात्र थे। अन्य शर्तें पूर्ववत ही रहेंगी।
पालिसी
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