APAR ka viroodh

जेबीटी शिक्षक साथिओ, सभी जेबीटी साथी पूर्ण एकजुट है और "एपीएआर" का पूर्ण रूप से विरोध किया जायेगा। सभी जेबीटी शिक्षक साथिओ ने एकजुटता से इसका पूर्ण विरोध करने का संकल्प दोहराया है। पूरा शिक्षक वर्ग अब एकजुट हो कर फरमानों का मुहतोड़ जवाब देने के लिए साथ है। साथिओं के सुझाव के अनुसार कार्यक्रम में थोड़ा बदलाव करते हुए अब सभी शिक्षक साथी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय की बजाय खंड स्तर पर खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर कल (4 जुलाई) को छुट्टी के बाद 2:30 से 3 बजे के बीच एकत्र होंगे और विरोध प्रदर्शन के साथ अपनी खाली ‘एपीएआर’ बुकलेट खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी को सौंप देंगे। साथिओ, "एपीएआर" के बारे में शिक्षा विभाग द्वारा बताया/दिखाया कुछ जा रहा है जबकि इसके पीछे की गहरी मंसा बहुत साफ नजर आती है। विभाग ने तो "एलएलओ" टेस्ट के बारे में भी बड़ी खूबसूरती से शिक्षकों से कहा था कि, " ये तो सिर्फ ज्ञान जांचने के लिए है, इसका किसी अन्य मामले में कोई प्रयोग नहीं होगा" लेकिन अब उसके रिजल्ट को "एपीएआर" में शामिल कर अपनी असली मंसा दर्शा दी है। ऐसे ही "एपीएआर" में भी कई बड़े गुपचुप खेल किए गए है जिसका परिणाम इसके ऑनलाइन होने पर सामने आएगा। इस प्रयोग के सफल होने पर आगामी नया प्रयोग प्रकट होगा। और इस तरह शिक्षकों की प्रताड़ना अपने चरम पर पहुँचा देंगे। ऐसे में सभी साथी एकजुटता से ऐसे प्रयोगों पर फुलस्टॉप लगाने के लिए "एपीएआर" के विरोध में डट जाएँ। जय जेबीटी। जय एकता। ‘एपीएआर’ के विरोध में एकजुट हुआ शिक्षक समुदाय़: शिक्षा विभाग के इस नए प्रयोग के विरुद्ध शिक्षक वर्ग एकजुट हो कर विरोध में उतर आया है। पूरा शिक्षक वर्ग इसका सामूहिक विरोध कर रहा है। ‘एपीएआर’ भरने के फरमान का पूर्ण बहिष्कार किया जायेगा। प्रदेश के 30,000 प्राथमिक शिक्षक 21 जिलों में कल (4 जुलाई) को छुट्टी के बाद 2:30 से 3 बजे के बीच बिना भरे खाली ‘एपीएआर’ बुकलेट खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में देंगे और विरोध प्रदर्शन करेंगे। विभाग ने एक गहरी रणनीति के तहत एलएलओ टेस्ट के रिजल्ट को भी ‘एपीएआर’ में जोड़ दिया है। शिक्षको के ट्रांसफर या पदोन्नति भी इसके साथ जोड़ दी है। ‘एपीएआर’ को गोपनीय रखने की बजाय सार्वजनिक रूप से ऑनलाइन करने से शिक्षकों को अनेक अनावश्यक परेशानी झेलनी पड़ेगी। स्वतंत्र प्राथमिक स्कुलो के स्कूल इंचार्ज को भी उसके अधीनस्थ शिक्षकों की ‘एपीएआर’ भरने का अधिकार नहीं दिया गया है। शिक्षकों को नित नए फरमानों से परेशान किया जा रहा है जिसका शिक्षक वर्ग मुहतोड़ जवाब देगा। ‘एपीएआर’ का सेवा नियमावली (सीएसआर) में इसका कोई प्रावधान ही नहीं है बल्कि सिर्फ एसीआर का ही प्रावधान है। पूर्व में भी टीएनए टेस्ट का पूर्ण बहिष्कार कर शिक्षक अपनी जबरदस्त एकता दिखा चुके है। अंतर जिला स्थानांतरण, पदोन्नति,स्कूलों को मर्ज करने व गेस्ट टीचर्स की बजाय रेगुलर जेबीटी साथिओ को स्टेशन से उठाने का विरोध करने व अन्य मांगों को ले कर अब आर-पार संघर्ष होगा और 8 जुलाई को जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालयों पर प्रदर्शन के बाद 15 जुलाई को विशाल ‘शिक्षा बचाओ सम्मान बचाओ’ रैली के माध्यम से शिक्षा सदन, पंचकूला का घेराव करेंगे। जय जेबीटी। जय एकता। जय संघर्ष। निवेदक- तमाम जेबीटी परिवार व आपका अपना "राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ, हरियाणा"

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