शिक्षकपात्रता परीक्षा में 5 फीसदी प्रतिभागियों के भी उत्तीर्ण नहीं होने से सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन की दिक्कतें बढ़ गई हैं। इसीलिए सीबीएससी को इस परीक्षा ने सोचने पर मजबूर कर दिया है। पात्रता परीक्षा में सुधार लाने पात्र अध्यापकों के ज्ञान को बढ़ाने के लिए इस बार सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीटीईटी) के पैटर्न को बदलने का फैसला किया है। बदलाव के तहत पात्र शिक्षकों को राहत तो जरूर मिलती नजर रही है लेकिन उनपर पढ़ाई का बोझ पड़ना भी नई व्यवस्था के कारण लाजमी है। कारण है सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट में अब मैथ्स के साथ साइंस सब्जेक्ट का एग्जाम भी देना होगा। अभी तक इस एग्जाम में मैथ बेस्ड सवाल ही पूछे जाते थे। परीक्षा देने के बाद अक्सर परीक्षार्थियों की यही शिकायत रहती है कि उनके पास इतना लंबा पेपर करने के लिए प्रर्याप्त समय नहीं था। ऐसे में इस साल से एग्जाम का टाइम भी बढ़ाया गया है। इसमें पहले और सेकंड पेपर में 30 मिनट का समय बढ़ाया गया है। हालांकि एग्जाम अभी भी अढ़ाई घंटे का ही रहेगा। एग्जाम में सोशल स्टडीज के साथ सोशल साइंस को भी कंपल्सरी रखा गया है इसके कुल अंक 60 तय किए गए हैं। इसके साथ ही बेसिक मैथ्स के हिस्से को भी बढ़ाया गया है।
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