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11 सौ कर्मचारी रिटायरमेंट तक नहीं होंगे पक्के
फरीदाबाद, 18 अगस्त (हप्र)
आठवीं पास होने और दस वर्ष के अनुभव की शर्त लगाकर शुरू की गई नई भर्ती प्रक्रिया के कारण नगर निगम के 2093 कच्चे कर्मचारियों में से 1100 रिटायरमेंट तक कच्चे ही रहेंगे। म्यूनिसिपल कारपोरेशन इम्पलाइज फेडरेशन के महासचिव रतन लाल रोहिल्ला ने सोमवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि अक्तूबर-2003 से नियमित होने के पात्र कर्मचारियों को वाक-इन-इन्टरव्यू के माध्यम से नई नियुक्ति प्राप्त करने के लिए मजबूर करके सरकार गुनाह कर रही है।
जब सरकार ने 2003 की नियमितकरण नीति के तहत प्रशासनिक कारणों से नियमित होने से वंचित रह गये कर्मचारियों को 18 जून को बहाल कर दिया है। इस नीति के तहत वर्ष-1997 से पूर्व नियुक्त किये गये नगर निगम के सभी कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जा सकता है तो 19 अगस्त को इंटरव्यू के माध्यम से नई भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने का क्या औचित्य है।
रोहिल्ला ने दावा किया कि नगर निगम और शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारियों ने इन कर्मचारियों के मामले को मंत्रीमंडल की बैठक में सही ढंग से प्रस्तुत नहीं किया। इस कारण यह स्थिति पैदा हुई है। कर्मी नेता ने मुख्यमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप कर नगर निगम कर्मियों के साथ इंसाफ करने की अपील की है। रोहिल्ला ने श्रम एवं रोजगार मंत्री शिवचरण लाल शर्मा से भी आग्रह किया है कि वे खुद इस मामले को देंखे। उन्होंने भी सभी 2093 कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की बात कही थी। जबकि निगम प्रशासन द्वारा शुरू की गई प्रक्रिया के तहत केवल 1000 कर्मचारी ही पक्के हो पायेंगे
आठवीं पास होने और दस वर्ष के अनुभव की शर्त लगाकर शुरू की गई नई भर्ती प्रक्रिया के कारण नगर निगम के 2093 कच्चे कर्मचारियों में से 1100 रिटायरमेंट तक कच्चे ही रहेंगे। म्यूनिसिपल कारपोरेशन इम्पलाइज फेडरेशन के महासचिव रतन लाल रोहिल्ला ने सोमवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि अक्तूबर-2003 से नियमित होने के पात्र कर्मचारियों को वाक-इन-इन्टरव्यू के माध्यम से नई नियुक्ति प्राप्त करने के लिए मजबूर करके सरकार गुनाह कर रही है।
जब सरकार ने 2003 की नियमितकरण नीति के तहत प्रशासनिक कारणों से नियमित होने से वंचित रह गये कर्मचारियों को 18 जून को बहाल कर दिया है। इस नीति के तहत वर्ष-1997 से पूर्व नियुक्त किये गये नगर निगम के सभी कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जा सकता है तो 19 अगस्त को इंटरव्यू के माध्यम से नई भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने का क्या औचित्य है।
रोहिल्ला ने दावा किया कि नगर निगम और शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारियों ने इन कर्मचारियों के मामले को मंत्रीमंडल की बैठक में सही ढंग से प्रस्तुत नहीं किया। इस कारण यह स्थिति पैदा हुई है। कर्मी नेता ने मुख्यमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप कर नगर निगम कर्मियों के साथ इंसाफ करने की अपील की है। रोहिल्ला ने श्रम एवं रोजगार मंत्री शिवचरण लाल शर्मा से भी आग्रह किया है कि वे खुद इस मामले को देंखे। उन्होंने भी सभी 2093 कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की बात कही थी। जबकि निगम प्रशासन द्वारा शुरू की गई प्रक्रिया के तहत केवल 1000 कर्मचारी ही पक्के हो पायेंगे
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