भाजपा-हजकांगठबंधन के टूटने की अटकलों के बीच मंगलवार सुबह हजकां प्रमुख कुलदीप बिश्नोई ने दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की। करीब डेढ़ घंटे चली मीटिंग के बाद कुलदीप मुस्कराते हुए शाह की कोठी से निकले। इसके बाद बिश्नोई ने शाम को प्रस्तावित अपनी पार्टी की वर्किंग कमेटी की बैठक स्थगित कर दी। हजकां की मीडिया को-ऑर्डिनेशन कमेटी के चेयरमैन देवीलाल बिश्नोई ने कहा कि शाह से कुलदीप की वार्ता अच्छी रही और इसके सकारात्मक परिणाम अगले एक-दो दिन में सामने आएंगे। सूत्रों के अनुसार, हजकां प्रमुख 45-45 सीटों के पुराने समझौते पर अड़कर कम सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए राजी हो गए हैं। इसके बदले में भाजपा उन्हें केंद्र में एडजस्ट कर सकती है। गठबंधन को लेकर लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद से ही ऊहापोह की स्थिति चल रही थी। बीते एक पखवाड़े से राजनीतिक गलियारों में चर्चा गरम थी कि यह गठजोड़ ज्यादा समय नहीं चलेगा। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की महेंद्रगढ़ और जींद रैली में बुलाए जाने से कुलदीप बिश्नोई खासे नाराज थे। सोमवार को उन्होंने दो टूक कह दिया था कि अगर उन्हें मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैथल रैली में नहीं बुलाया गया तो हजकां गठबंधन पर अंतिम फैसला लेगी। इसके लिए बिश्नोई ने हजकां वर्किंग कमेटी की मीटिंग बुला ली थी मगर सोमवार शाम से मंगलवार सुबह तक घटनाक्रम तेजी से घूमा और कुलदीप की दिल्ली में अमित शाह से मीटिंग हो गई। हालांकि इससे पहले कुलदीप कहते रहे हैं कि भाजपा नेता उन्हें गठबंधन के मुद्दे पर चर्चा के लिए मिलने का समय नहीं दे रहे। सूत्रों के अनुसार, दोनों नेताओं के बीच विधानसभा चुनाव के सीट समझौते पर चर्चा हुई। कुलदीप ने भाजपा अध्यक्ष को पुराने समझौते की याद दिलाते हुए 45-45 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही तो शाह ने उन्हें राज्य के बदले राजनीतिक हालात को देखते हुए जमीनी हकीकत के आधार पर समझौता करने की नसीहत दी। बैठक में कोई नतीजा निकला या नहीं? इसका खुलासा तो कुलदीप ने नहीं किया, मगर उनकी पार्टी के नेता इस मुलाकात के सकारात्मक परिणाम जल्दी आने की बात कह रहे हैं। इससे लग रहा है कि दोनों दलों के बीच गठजोड़ जारी रहेगा।
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