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पीएचडी के नाम पर हो रही ठगी
बैकडेट से प्रदेश में कई जगह शोध के नाम पर चल रहा है फर्जीवाड़ा
विकास बत्तान | कुरुक्षेत्र
अगरआपकोपीएचडी करनी है और वो भी एक साल के अंदर तो इसके लिए स्टडी सेंटर पूरी सुविधा उपलब्ध कराते हैं। बैकडेट में दाखिला दिया जाता है और शोध के नाम पर किया जाने वाला काम भी झटपट तैयार रहता है। ताकि पीएचडी करने वाले विद्यार्थियों को किसी तरह की परेशानी का सामना करना पड़े।
आपने बिल्कुल ठीक पढ़ा कुरुक्षेत्र सहित पूरे प्रदेश में सैकड़ों की संख्या में स्टडी सेंटर चल रहे हैं जो बैकडेट में पीएचडी करने का दावा करके विद्यार्थियों से मोटे पैसे ऐंठ रहे हैं। दिलचस्प बात तो यह है कि पीएचडी करने वाले इन आवेदकों में कई प्राइवेट कॉलेजों के शिक्षक भी शामिल हैं। एडवोकेट सुधीर शर्मा ने कहा कि शोध का स्तर पूरी तरह से गिर चुका है। उन्होंने कहा कि उनके पास कई ऐसे मामले आए हैं, जिनमें विभिन्न यूनिवर्सिटी से संबंध रखने वाले स्टडी सेंटर बैकडेट से पीएचडी करा रहे हैं। इतना ही नहीं शोधकार्य करने के एवज में भी विद्यार्थी से पैसे लिए जाते हैं।
शर्मा ने कहा कि अगर विद्यार्थियों को इस तरह से पीएचडी की डिग्री मिलती है तो उसकी गुणवत्ता का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी को इस तरह से कराई जा रही पीएचडी को तुरंत बंद करना चाहिए। वहीं, सर्वसमाज कल्याण सेवा समिति के प्रदेशाध्यक्ष रामेश्वर सैनी ने कहा कि इस तरह से पीएचडी होने से गली-गली में डॉक्टर घूमते नजर आएंगे। उन्होंने कहा कि पीएचडी की डिग्री को पैसे लेकर बांटने वाले स्टडी सेंटर और यूनिवर्सिटी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा की सबसे बड़ी डिग्री पीएचडी का मजाक बना दिया गया है। सैनी ने कहा कि पैसे लेकर डिग्री देने से शिक्षा का स्तर गिर रहा है। उन्होंने कहा कि पैसे देकर डिग्री तो खरीदी जा सकती है लेकिन ज्ञान हासिल नहीं हो सकता। इसलिए विद्यार्थियों को भी इस बारे में सोचना चाहिए।
वहीं, स्वामी विवेकानंद यूनिवर्सिटी सागर मध्यप्रदेश के वीसी अनिल तिवारी ने कहा कि पीएचडी में बैकडेट में दाखिला देने और पैसे देकर डिग्री लेने का मामला उनके संज्ञान में नहीं है। वे संबंधित अधिकारियों से इस बारे में जानकारी लेने के बाद ही कुछ बता पाएंगे। तिवारी ने भी माना कि अगर बैकडेट से पीएचडी कराई जा रही है तो यह बहुत गंभीर मामला है। वे इस मामले में उचित कार्रवाई करेंगे।
विकास बत्तान | कुरुक्षेत्र
अगरआपकोपीएचडी करनी है और वो भी एक साल के अंदर तो इसके लिए स्टडी सेंटर पूरी सुविधा उपलब्ध कराते हैं। बैकडेट में दाखिला दिया जाता है और शोध के नाम पर किया जाने वाला काम भी झटपट तैयार रहता है। ताकि पीएचडी करने वाले विद्यार्थियों को किसी तरह की परेशानी का सामना करना पड़े।
आपने बिल्कुल ठीक पढ़ा कुरुक्षेत्र सहित पूरे प्रदेश में सैकड़ों की संख्या में स्टडी सेंटर चल रहे हैं जो बैकडेट में पीएचडी करने का दावा करके विद्यार्थियों से मोटे पैसे ऐंठ रहे हैं। दिलचस्प बात तो यह है कि पीएचडी करने वाले इन आवेदकों में कई प्राइवेट कॉलेजों के शिक्षक भी शामिल हैं। एडवोकेट सुधीर शर्मा ने कहा कि शोध का स्तर पूरी तरह से गिर चुका है। उन्होंने कहा कि उनके पास कई ऐसे मामले आए हैं, जिनमें विभिन्न यूनिवर्सिटी से संबंध रखने वाले स्टडी सेंटर बैकडेट से पीएचडी करा रहे हैं। इतना ही नहीं शोधकार्य करने के एवज में भी विद्यार्थी से पैसे लिए जाते हैं।
शर्मा ने कहा कि अगर विद्यार्थियों को इस तरह से पीएचडी की डिग्री मिलती है तो उसकी गुणवत्ता का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी को इस तरह से कराई जा रही पीएचडी को तुरंत बंद करना चाहिए। वहीं, सर्वसमाज कल्याण सेवा समिति के प्रदेशाध्यक्ष रामेश्वर सैनी ने कहा कि इस तरह से पीएचडी होने से गली-गली में डॉक्टर घूमते नजर आएंगे। उन्होंने कहा कि पीएचडी की डिग्री को पैसे लेकर बांटने वाले स्टडी सेंटर और यूनिवर्सिटी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा की सबसे बड़ी डिग्री पीएचडी का मजाक बना दिया गया है। सैनी ने कहा कि पैसे लेकर डिग्री देने से शिक्षा का स्तर गिर रहा है। उन्होंने कहा कि पैसे देकर डिग्री तो खरीदी जा सकती है लेकिन ज्ञान हासिल नहीं हो सकता। इसलिए विद्यार्थियों को भी इस बारे में सोचना चाहिए।
वहीं, स्वामी विवेकानंद यूनिवर्सिटी सागर मध्यप्रदेश के वीसी अनिल तिवारी ने कहा कि पीएचडी में बैकडेट में दाखिला देने और पैसे देकर डिग्री लेने का मामला उनके संज्ञान में नहीं है। वे संबंधित अधिकारियों से इस बारे में जानकारी लेने के बाद ही कुछ बता पाएंगे। तिवारी ने भी माना कि अगर बैकडेट से पीएचडी कराई जा रही है तो यह बहुत गंभीर मामला है। वे इस मामले में उचित कार्रवाई करेंगे।
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