चौधरी बीरेंद्र सिंह को मिला ग्रामीण विकास मंत्रालय, 48 साल में 9वें हरियाणवी मंत्री


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चौधरी बीरेंद्र सिंह को मिला ग्रामीण विकास मंत्रालय, 48 साल में 9वें हरियाणवी मंत्री
नई दिल्ली/पानीपत. 5 माह पुरानी मोदी सरकार का रविवार को पहला विस्तार हो गया। नए मंत्रियों में प्लंबर से लेकर आईआईटियन और क्रिकेटर से ओलिंपियन तक शामिल हैं। कई नेता पहली बार मंत्री बने हैं।शपथ लेने वाले 4 कैबिनेट मंत्रियों में बीरेंद्र सिंह को शामिल कर भाजपा ने हरियाणा की जाट राजनीति को एक बड़ा चेहरा दे दिया। उनके बहाने पार्टी दिल्ली और यूपी के जाट वोटरों को भी लुभाना चाहती है। बीरेंद्र ने अपनी राज्यसभा सदस्यता कुर्बान कर 3 माह पहले ही भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। वह फिलहाल किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। बीरेंद्र के रूप में केंद्रीय कैबिनेट में 24 साल बाद प्रदेश के जाट समुदाय को प्रतिनिधित्व मिला है। इससे पहले 1989 में चौधरी देवीलाल उपप्रधानमंत्री बने थे।
मिला ग्रामीण विकास मंत्रालय
शपथ लेने के बाद अब मोदी कैबिनेट के नए मंत्रियों को विभाग का बंटवारा कर दिया गया है। जिसमें बीरेंद्र सिंह को ग्रामीण विकास मंत्रालय, पंचायती राज मंत्रालय का पदभार दिया गया है।
48 साल में सेंटर में 9वें हरियाणवी मंत्री
बीरेंद्र सिंह प्रदेश गठन के 48 साल बाद 9 वें केंद्रीय मंत्री बने हैं। राव बीरेंद्र सिंह (राव इंद्रजीत के पिता) सर्वाधिक तीन बार केंद्र में मंत्री रहे। आपातकाल के दौर में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने बंसीलाल को केंद्रीय रक्षा मंत्री बनाया। राव बीरेंद्र ने जब अपनी विशाल हरियाणा पार्टी का कांग्रेस में विलय किया तो इंदिरा ने 1980 में उन्हें कैबिनेट में दूसरे नंबर पर रखा। राव को कृषि समेत 16 महकमें दिए। बीरेंद्र भारत के पहले केंद्रीय कृषि मंत्री हैं, जिन्होंने अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा किया। 1984 में बंसीलाल की फिर केंद्र में वापस हुई और रेल मंत्री के अलावा परिवहन, जहाजरानी मंत्री बनाया। बीरेंद्र सिंह भी केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री बने। 1986 में भजनलाल को सीएम पद से हटाकर एक साल बाद पीएम राजीव गांधी ने कृषि मंत्री बना दिया। 1989 में चौधरी देवीलाल देश उप प्रधानमंत्री बने। 1990 में राव बीरेंद्र सिंह को तीसरी बार केंद्रीय खाद्य मंत्री बनने का अवसर मिला। 19 साल 2009 में कुमारी सैलजा मंत्री बनीं।
केंद्रीय राज्य मंत्री बनने में सैलजा- इंद्रजीत आगे
जहां तक केंद्रीय राज्य मंत्री बनने में हरियाणा की भागेदारी का सवाल है, यहां कुमारी सैलजा और राव इंद्रजीत सिंह सबसे अधिक बार मंत्री बने। 1971 में सबसे पहले शेर सिंह केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री बने। 1977 में चांदराम को स्वतंत्र प्रभार जहाजरानी मंत्रालय दिया गया। 1980 में शेर सिंह फिर राज्य मंत्री बने। 1990 में चंद्रशेखर की सरकार में जयप्रकाश कुछ माह के लिए केंद्रीय राज्य पेट्रोलियम मंत्री रहे। 1998 में आईडी स्वामी को अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बनाया गया। 2004 में मनमोहन सरकार में कुमारी सैलजा शहरी गरीबी उन्मूलन और राव इंद्रजीत सिंह को केंद्रीय विदेश और रक्षा राज्य मंत्री बनाया गया।

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