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छात्राें की संख्या कम होने वाले
स्कूलों को बंद करने का फरमान !
स्कूलों को बंद करने का फरमान !
मांगी गई है रिपोर्ट
शिक्षा विभाग के आदेश से
अभिभावकों को परेशानी !
अभिभावकों को परेशानी !
समालखा
शिक्षाविभाग बगैर पंचायत के
गांवों में खुले साठ से कम
बच्चों की संख्या वाले
स्कूलों को बंद करने जा रहा है।
इसको लेकर विभाग की तरफ से
अधिकारियों से रिपोर्ट
भी मांगी गई है। खंड में भी ऐसे
तीन गांव है,
जिनकी तो अपनी कोई पंचायत है
और ही उन स्कूलों में साठ साठ
बच्चें है।
हालांकि इसका पता लगते
ही बीईओ कार्यालय पहुंचे
जीतगढ़ गांव के लोगों ने
तो अपनी नाराजगी जाहिर कर
किसी भी सूरत में गांव से स्कूल
बंद नहीं होने देने की बात
कहीं है।
क्याकहते है अभिभावक
बुधवारसुबह ही जीतगढ़ के
दर्जनों महिला पुरुष बीईओ
कार्यालय पहुंचे गए। उन्होंने
बीईओ बीईईओ से मिलकर स्कूल
किसी भी सूरत में बंद करने
की बात कहीं। ग्रामीण अशोक,
ईश्वर, रणधीर, गुलाब, सुंदर,
कृष्णा, देवी लाल ने
बताया कि उनका गांव
जौरासी खास पंचायत के अधीन
आता है। स्कूल बंद होने पर उनके
बच्चों को चार किलोमीटर दूर ें
पढ़ने के लिए जाना पड़ेगा।
अभिभावकों ने चेतावनी देते हुए
कहा कि वे किसी भी सूरत में
स्कूल को बंद नहीं होने देंगे। नई
दुनिया नाम से
बच्चों की शिक्षा, जागरूकता पर
एनजीओ चलाने वाले राजकुमार ने
भी विभाग के इस कदम
की निंदा की। उन्होंने
कहा कि जरूरत पड़ी तो इसके
खिलाफ वे कोर्ट जाने से भी गुरेज
नहीं करेंगे।
बीईईओ रामफल सिंह ने
बताया कि विभागीय
अधिकारियों की तरफ से साठ से
कम बच्चों की संख्या वाले
स्कूलों की रिपोर्ट मांगी गई है।
खंड में ऐसे चार गांव के स्कूल है।
जिनमें गढ़ी केवल, जीतगढ़,
चंदनपुरी गढ़ी त्याग्यान है।
इनमें से गढ़ी केवल
का प्राइमरी स्कूल पहले
ही बच्चों के अभाव में बंद
हो चुका है। बीईईओ ने
कहा कि रिपोर्ट बनाकर
अधिकारियों को भेजी जाएगी।
सिर्फ उन गांव के स्कूल को बंद
किया जाएगा, जहां साठ से कम
बच्चें है ओर गांव की कोई पंचायत
नहीं है। उन्होंने बच्चों की पढ़ाई
को लेकर कहा कि स्कूल में पढ़ने
वाले सभी बच्चों को नजदीक के
गांव के स्कूलों में शिफ्ट कर
दिया जाएगा।
शिक्षाविभाग बगैर पंचायत के
गांवों में खुले साठ से कम
बच्चों की संख्या वाले
स्कूलों को बंद करने जा रहा है।
इसको लेकर विभाग की तरफ से
अधिकारियों से रिपोर्ट
भी मांगी गई है। खंड में भी ऐसे
तीन गांव है,
जिनकी तो अपनी कोई पंचायत है
और ही उन स्कूलों में साठ साठ
बच्चें है।
हालांकि इसका पता लगते
ही बीईओ कार्यालय पहुंचे
जीतगढ़ गांव के लोगों ने
तो अपनी नाराजगी जाहिर कर
किसी भी सूरत में गांव से स्कूल
बंद नहीं होने देने की बात
कहीं है।
क्याकहते है अभिभावक
बुधवारसुबह ही जीतगढ़ के
दर्जनों महिला पुरुष बीईओ
कार्यालय पहुंचे गए। उन्होंने
बीईओ बीईईओ से मिलकर स्कूल
किसी भी सूरत में बंद करने
की बात कहीं। ग्रामीण अशोक,
ईश्वर, रणधीर, गुलाब, सुंदर,
कृष्णा, देवी लाल ने
बताया कि उनका गांव
जौरासी खास पंचायत के अधीन
आता है। स्कूल बंद होने पर उनके
बच्चों को चार किलोमीटर दूर ें
पढ़ने के लिए जाना पड़ेगा।
अभिभावकों ने चेतावनी देते हुए
कहा कि वे किसी भी सूरत में
स्कूल को बंद नहीं होने देंगे। नई
दुनिया नाम से
बच्चों की शिक्षा, जागरूकता पर
एनजीओ चलाने वाले राजकुमार ने
भी विभाग के इस कदम
की निंदा की। उन्होंने
कहा कि जरूरत पड़ी तो इसके
खिलाफ वे कोर्ट जाने से भी गुरेज
नहीं करेंगे।
बीईईओ रामफल सिंह ने
बताया कि विभागीय
अधिकारियों की तरफ से साठ से
कम बच्चों की संख्या वाले
स्कूलों की रिपोर्ट मांगी गई है।
खंड में ऐसे चार गांव के स्कूल है।
जिनमें गढ़ी केवल, जीतगढ़,
चंदनपुरी गढ़ी त्याग्यान है।
इनमें से गढ़ी केवल
का प्राइमरी स्कूल पहले
ही बच्चों के अभाव में बंद
हो चुका है। बीईईओ ने
कहा कि रिपोर्ट बनाकर
अधिकारियों को भेजी जाएगी।
सिर्फ उन गांव के स्कूल को बंद
किया जाएगा, जहां साठ से कम
बच्चें है ओर गांव की कोई पंचायत
नहीं है। उन्होंने बच्चों की पढ़ाई
को लेकर कहा कि स्कूल में पढ़ने
वाले सभी बच्चों को नजदीक के
गांव के स्कूलों में शिफ्ट कर
दिया जाएगा।
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