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हरियाणा में खुला कानपुर यूनिवर्सिटी का फर्जी स्टडी सेंटर !
कानपुर। छत्रपति शाहूजी महाराज यूनिवर्सिटी कानपुर का फर्जी स्टडी सेंटर खोलकर हरियाणा से पीएचडी की उपाधि बांटी जा रही है। इसका खुलासा बुधवार को उस वक्त हुआ, जब एक रिसर्च स्कॉलर अपनी रिसर्च की अपडेट लेने कानपुर यूनिवर्सिटी पहुंच गया। रिसर्च स्कॉलर ने पीएचडी करने के एवज में एक लाख रुपये फीस जमा करने की बात बताई और कहा कि इसके बाद भी सुपरवाइजर सहयोग नहीं कर रहे हैं। इस पर रजिस्ट्रार सैय्यद वकार हुसैन ने कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। रजिस्ट्रार ने कहा है कि दूसरे राज्य में यूनिवर्सिटी का कोई सेंटर नहीं खुला है। यह फर्जीवाड़ा है।
हरियाणा में कानपुर यूनिवर्सिटी का फर्जी सेंटर खुला है। इसी सेंटर पर संध्या लक्ष्मी को पीएचडी में एडमिशन दिया गया है। इसके लिए कानपुर यूनिवर्सिटी के फर्जी लेटर पैड और रजिस्ट्रार के फर्जी हस्ताक्षर का सहारा लिया गया है। रजिस्ट्रेशन संख्या 73512206 का जो लेटर जारी हुआ है, उसमें संध्या लक्ष्मी को पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग का रिसर्च स्कॉलर बताकर उसे रिसर्च के लिए ‘इंटरनेशनल इनसाइक्लोपीडिया ऑफ कम्युनिकेशन’ का टॉपिक अप्रूव किया गया है। साथ ही डॉ. श्याम कुमार दुबे को गाइड बताया है। 15 मार्च 2012 को जारी लेटर में छह महीने के प्रशिक्षण कोर्स का जिक्र है, जिसका कि पीएचडी में रजिस्ट्रेशन से पहले पूरा किया जाना अनिवार्य होता है। यही लेटर लेकर संध्या लक्ष्मी के अभिभावक जनार्दन बुधवार को यूनिवर्सिटी कैंपस पहुंच गए। क्योंकि मामला पत्रकारिता एवं जन संचार डिपार्टमेंट से जुड़ा था, इसलिए एचओडी डॉ. एके सिंह और सीनियर टीचर डॉ. जितेंद्र डबराल से मुलाकात की। जनार्दन ने बताया 50-50 हजार रुपये फीस जमा कर चुका हूं, लेकिन रिसर्च की कोई जानकारी नहीं मिल रही है। सिनॉप्सिस और टॉपिक अप्रूव बताया गया है। इस पर एचओडी ने कहा कि कानपुर यूनिवर्सिटी का कोई सेंटर नहीं है। तब जाकर जनार्दन को फर्जीवाड़े का एहसास हो सका। उन्होंने कहा कि हरियाणा जाकर सेंटर संचालक से पूरी फीस लूंगा। यदि फीस नहीं मिली तो कानूनी कार्रवाई करूंगा। दूसरी तरफ सिनाप्सिस और टॉपिक अप्रूवल का जो लेटर पैड लेकर जनार्दन आए थे, वह फर्जी पाया गया है।
पीएचडी कराने के एवज में एक-एक लाख रुपये वसूले
मामला यूनिवर्सिटी प्रशासन के संज्ञान में आया
कैंपस पहुंचे एक व्यक्ति ने बताया अपना दर्द
यह मामला संज्ञान में आया है। इसकी विस्तृत जांच कराई जाएगी। कानपुर यूनिवर्सिटी का कोई सेंटर नहीं है। जो कुछ होता है, उसका केंद्र कानपुर रहता है। इस संबंध में हरियाणा पुलिस को पत्र लिखा जाएगा, जिसमें फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग होगी।
सैय्यद वकार हुसैन, सीएसजेएम यूनिवर्सिटी
हरियाणा में कानपुर यूनिवर्सिटी का फर्जी सेंटर खुला है। इसी सेंटर पर संध्या लक्ष्मी को पीएचडी में एडमिशन दिया गया है। इसके लिए कानपुर यूनिवर्सिटी के फर्जी लेटर पैड और रजिस्ट्रार के फर्जी हस्ताक्षर का सहारा लिया गया है। रजिस्ट्रेशन संख्या 73512206 का जो लेटर जारी हुआ है, उसमें संध्या लक्ष्मी को पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग का रिसर्च स्कॉलर बताकर उसे रिसर्च के लिए ‘इंटरनेशनल इनसाइक्लोपीडिया ऑफ कम्युनिकेशन’ का टॉपिक अप्रूव किया गया है। साथ ही डॉ. श्याम कुमार दुबे को गाइड बताया है। 15 मार्च 2012 को जारी लेटर में छह महीने के प्रशिक्षण कोर्स का जिक्र है, जिसका कि पीएचडी में रजिस्ट्रेशन से पहले पूरा किया जाना अनिवार्य होता है। यही लेटर लेकर संध्या लक्ष्मी के अभिभावक जनार्दन बुधवार को यूनिवर्सिटी कैंपस पहुंच गए। क्योंकि मामला पत्रकारिता एवं जन संचार डिपार्टमेंट से जुड़ा था, इसलिए एचओडी डॉ. एके सिंह और सीनियर टीचर डॉ. जितेंद्र डबराल से मुलाकात की। जनार्दन ने बताया 50-50 हजार रुपये फीस जमा कर चुका हूं, लेकिन रिसर्च की कोई जानकारी नहीं मिल रही है। सिनॉप्सिस और टॉपिक अप्रूव बताया गया है। इस पर एचओडी ने कहा कि कानपुर यूनिवर्सिटी का कोई सेंटर नहीं है। तब जाकर जनार्दन को फर्जीवाड़े का एहसास हो सका। उन्होंने कहा कि हरियाणा जाकर सेंटर संचालक से पूरी फीस लूंगा। यदि फीस नहीं मिली तो कानूनी कार्रवाई करूंगा। दूसरी तरफ सिनाप्सिस और टॉपिक अप्रूवल का जो लेटर पैड लेकर जनार्दन आए थे, वह फर्जी पाया गया है।
पीएचडी कराने के एवज में एक-एक लाख रुपये वसूले
मामला यूनिवर्सिटी प्रशासन के संज्ञान में आया
कैंपस पहुंचे एक व्यक्ति ने बताया अपना दर्द
यह मामला संज्ञान में आया है। इसकी विस्तृत जांच कराई जाएगी। कानपुर यूनिवर्सिटी का कोई सेंटर नहीं है। जो कुछ होता है, उसका केंद्र कानपुर रहता है। इस संबंध में हरियाणा पुलिस को पत्र लिखा जाएगा, जिसमें फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग होगी।
सैय्यद वकार हुसैन, सीएसजेएम यूनिवर्सिटी
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